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मोदी सरकार का 80 करोड़ परिवारों को नवरात्रि और दिवाली की सौगात, राशन कार्डधारकों को दिसंबर तक मिलेगा फ्री अनाज

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पूरे देश में शारदीय नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अभी दीपावली आने में एक महीने से भी कम समय बचा है। इसी बीच मोदी सरकार ने 80 करोड़ परिवारों को नवरात्रि और दीपावली का गिफ्ट देकर उनके घरों में खुशियां बिखेर दी हैं। गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (28 सितंबर, 2022) को हुई कैबिनेट की बैठक में गरीबों को राहत देने के लिए एक बड़ा फैसला किया गया। केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानि पीएमजीकेएवाई को अगले तीन महीने तक बढ़ाने की मंजूरी दी। अब इस योजना के तहत अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलेगा। 

त्योहारों के दौरान लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास

केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आने वाले तीन महीने त्योहारों के हैं। सरकार चाहती है कि इस दौरान लोगों के चेहरे पर मुस्कान हो। योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिलता है और यह तीन महीने आगे जारी रहेगा। पहले छह चरण में इस योजना पर 3.45 लाख करोड़ सब्सिडी के तौर पर खर्च हो चुका है। सातवें विस्तार के साथ यह 3.91 लाख करोड़ होगा।

सातवें चरण में 122 लाख मीट्रिक टन अनाज का होगा वितरण

कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों घरों में रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया था। तब मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना की शुरुआत की थी। लोगों को राहत देने के लिए लाई गई इस योजना को सातवीं बार विस्तार दिया गया है। इस चरण के विस्तार के लिए 44,762 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इससे 122 लाख मीट्रिक टन अनाज वितरित किया जाएगा। वहीं सात चरणों में कुल 1121 लाख मीट्रिक टन अनाज वितरित हुए। 

राशन कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त अनाज

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना दुनिया की सबसे बड़ी अन्‍न योजना है। इसकी डेडलाइन 30 सितंबर को खत्म हो रही थी। इसलिए सरकार ने इसे विस्तार देने का फैसला किया। इस योजना के तहत मोदी सरकार हर राशन कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त अनाज देती है। अतिरिक्त मुफ्त अनाज एनएफएसए के तहत प्रदान किए गए सामान्य कोटे से ज्यादा है, जो अत्यधिक रियायती दर पर 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम है। यह योजना नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत मिलने वाले कोटे से अलग है। इस कानून के तहत ग्रामीण इलाकों में 75 फीसदी और शहरी इलाकों में 50 फीसदी आबादी को सस्ता राशन दिया जाता है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास अनाज के स्‍टॉक में कोई कमी नहीं है। एक अगस्त तक सरकार के पास केंद्रीय पूल में 2.8 करोड़ टन चावल और 2.67 करोड़ टन गेहूं था।

7 चरण में गरीबों को मिला लाभ  

पहला चरण : अप्रैल – जून 2020 

दूसरा चरण :  जुलाई – नवंबर 2020 

तीसरा चरण : मई – जून 2021 

चौथा चरण : जुलाई – नवंबर 2021 

पांचवां चरण : दिसंबर 2021 – मार्च 2022

छठा चरण : अप्रैल – सितंबर 2022

सातवां चरण  :  अक्टूबर – दिसंबर 2022

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