प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कुपोषण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शुक्रवार, 8 अप्रैल को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी राज्यों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, समेकित बाल विकास सेवा, पीएम पोषण और अन्य कल्याण योजनाओं में पोषणयुक्त (फोर्टिफाइड) चावल की आपूर्ति के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। मार्च 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में यह योजना लागू कर दी जाएगी।
नई दिल्ली में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसे 2024 तक चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियां पोषणयुक्त चावल की आपूर्ति और वितरण के लिए 88.65 लाख टन से अधिक पोषणयुक्त चावल की खरीद कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पोषणयुक्त चावल की प्रतिवर्ष लगभग 2,700 करोड़ रुपए की समूची कीमत केन्द्र सरकार खाद्य सब्सिडी के हिस्से के रूप में वहन करेगी।
योजना तीन चरणों में लागू की जाएगी-
-मार्च, 2022 तक पूरे भारत में आईसीडीएस और पीएम पोषण को कवर किया जाएगा।
-मार्च, 2023 तक सभी आकांक्षी और स्टंटिंग की समस्या से प्रभावित कुल 291 जिलों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याण योजनाओं के तौर पर लागू किया जाएगा।
-मार्च, 2024 तक देश के बाकी सभी जिलों को कवर कर लिया जाएगा।
इससे पहले, 2019-20 से “सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल का फोर्टिफिकेशन और इसका वितरण” पर केंद्र प्रायोजित प्रायोगिक योजना को 3 साल के लिए लागू किया गया था। आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड सहित ग्यारह राज्यों ने अपने यहां एक जिले में फोर्टिफाइड चावल का सफलतापूर्वक वितरण किया।