भारत सहित पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। 75 देशों में मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता करने वाला है। इधर भारत में भी मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले लोगों को डरा रहे हैं। अब तक देश में कुल मिलाकर छह मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इसको देखते हुए मोदी सरकार अलर्ट हो गई हैं। सरकार ने इस बीमारी की निगरानी और रोकथाम के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है और गाइडलाइंस जारी की हैं।
डॉ. वी के पॉल की अगुवाई में 5 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन
मोदी सरकार ने देश में मंकीपॉक्स वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए रविवार (31 जुलाई, 2022) को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल की अगुवाई में एक टास्क फोर्स का गठन किया। पांच सदस्यीय टास्क फोर्स में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अलावा बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव और फार्मा से जुड़े शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। यह टास्क फोर्स देश में संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच केंद्रों में विस्तार को लेकर सरकार का मार्गदर्शन करेगा और इस बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण संबंधी पहलुओं पर नजर रखेगा।
बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदम
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि मोदी सरकार ने इस बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। क्षेत्रीय निदेशकों को सभी इंटरनेशनल ट्रैवलर्स की कड़ी स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ. पॉल ने जोर देकर कहा कि अभी भी देश और समाज सतर्क रहने की जरूरत है। लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसके लक्षण महसूस होते ही चिकित्सीय सलाह लेकर खुद को एकांतवास में कर लेना चाहिए। इसका इलाज आसानी से हो सकता है। इसमें लोगों का भी सहयोग जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है।
No need to panic as Govt is taking significant measures to tackle monkey pox: Dr. V K Paul, @NITIAayog@MoHFW_INDIA
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— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) July 27, 2022
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस जारी
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत सभी राज्यों को सर्विलांस टीम गठित करने के साथ गहन निगरानी के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आते हैं, तो सबसे पहले लैब में टेस्टिंग होगी। उसके बाद ही इस बात की पुष्टि की जाएगी कि वह व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है। मंकीपॉक्स के लिए डीएनए टेस्टिंग और आरटीपीसीआर मान्य होंगे। राज्य और जिलों में सामने आने वाले मामले के इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम के तहत ICMR NIB के पुणे स्थित लैब में जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे। साथ ही सतर्कता बरतने को कहा गया है।
भारत में अब तक संक्रमण के 6 मामले आए सामने
केरल में 22 वर्षीय एक युवक की कथित रूप से मंकीपॉक्स के कारण शनिवार को मौत हो गई। उसे अस्पताल मे 27 जुलाई को भर्ती कराया गया था। युवक यूएई में मंकीपॉक्स के लिए पॉजिटिव पाया गया था। वह 21 जुलाई को भारत पहुंचा था, जबकि यूएई छोड़ने से एक दिन पहले ही उसकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। उसे टेस्ट रिजल्ट कल ही जमा कराए गए हैं। उसके नमूनों की फिर से जांच कराई जाएगी। भारत में अब तक इस संक्रमण के छह मामले सामने आए हैं। इनमें से केरल में तीन, तमिनाडु, दिल्ली और झारखंड के एक-एक मामले शामिल है। केरल में 14 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। अब झारखंड के देवघर में भी एक संदिग्ध मामला सामने आया है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स ?
वर्तमान में यह महामारी मुख्य रूप से शरीर के यौन मार्ग के माध्यम से मानव से मानव शरीर में फैलता है। इस बीमारी का फैलने का सबसे आसान तरीका संपर्क और यौन मार्ग है। दुनिया में सबसे ज्यादा मामले समलैंगिक में देखे गए हैं। इसलिए इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं वर्ग को है। इसके साथ ही यह बीमारी जैसे मुंह से मुंह, त्वचा का सीधा संपर्क, फोमाइट्स के जरिए भी आप संक्रामित हो सकते हैं। इसमें त्वचा में घाव, पुटिका द्रव, पपड़ी के टुकड़े अत्यधिक संक्रामक होते हैं।
क्या हैं मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण ?
मंकीपॉक्स संक्रमण का इनक्यूबेशन पीरियड यानि संक्रमण होने से लक्षणों की शुरुआत तक आमतौर पर 6 से 13 दिनों का होता है, हालांकि कुछ लोगों में यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है। आइए जानते हैं मंकीपॉक्स संक्रमण के क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं…
- मंकीपॉक्स शुरुआत में खसरा, चेचक और चिकन पॉक्स की तरह दिखता है।
- शरीर पर चेहरे से शुरू होकर दाने या फफोला के रूप में फैलता है।
- संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन, ठंड लगना, थकावट, खुजली की समस्या होना, निमोनिया के लक्षण और फ्लू और गंभीर कमजोरी का अनुभव हो सकता है
- लिम्फैडेनोपैथी यानि लिम्फ नोड्स की सूजन की समस्या को सबसे आम लक्षण माना जाता है।
- इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं।
- कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं।