त्योहारी सीजन ने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किसानों और केंद्रीय कर्मचारियों के साथ आम लोगों को कई तोहफे दिए हैं। 18 अक्तूबर को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। गेहूं और कुसुम के एमएसपी में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मसूर दाल के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। जौ के लिए 115 रुपये प्रति क्विंटल और चने के लिए 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।
देश के किसानों के हित में मोदी सरकार का बड़ा फैसला…
केंद्रीय कैबिनेट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में की वृद्धि…#CabinetDecisions pic.twitter.com/Vr9vlMorbM
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) October 18, 2023
इसके साथ ही मोदी सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। महंगाई भत्ता अब 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया है। बढ़ा हुआ भत्ता एक जुलाई, 2023 से लागू होगा। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण सरकारी राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 12,857 करोड़ रुपये होगा। इससे केन्द्र सरकार के करीब 48.67 लाख कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता(DA) और पेंशनरों के महंगाई राहत(DR) में 1 जुलाई 2023 से 4% की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है: केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur #CabinetDecisions pic.twitter.com/p0Ibx673RR
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कैबिनेट की बैठक में रेलवे के नॉन गजेटेड कर्मियों को 78 दिनों की सैलरी के बराबर बोनस देने का भी फैसला किया गया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सभी पात्र नॉन गजेटेड रेल कर्मचारियों- ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, टेक्नीशियन, टेक्नीशियन हेल्पर, प्वाइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों के अतिरिक्त) को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस को मंजूरी दी गई है। इससे 11,07,346 रेल कर्मचारियों को लाभ होगा।
रेल मंत्रालय के 11,07,346 से अधिक गैर राजपत्रित कर्मियों को 78 दिनों का बोनस तय किया गया है। इसके लिए लगभग 1969 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह Productivity Linked बोनस पिछले कई वर्षों से रेल विभाग अपने कर्मचारियों को देता है और इस बार भी इसको देने का निर्णय लिया गया है।… pic.twitter.com/uNaTyjHD4N
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कैबिनेट की बैठक में चौथा फैसला लद्दाख क्षेत्र को लेकर किया गया। लद्दाख में 13 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता विकसित करने के लिए हरित ऊर्जा गलियारा (जीईसी) चरण- II – अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) परियोजना को स्वीकृति दी गई। वित्त वर्ष 2029-30 तक पूरी होने वाली इस परियोजना पर 20,773.70 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परियोजना को केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में 40 प्रतिशत यानी 8,309.48 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
कैबिनेट ने लद्दाख में 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के कार्यान्वयन के क्रम में, इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएनएसटीएस) के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर (जीईसी) चरण- II को मंजूरी दी#CabinetDecision https://t.co/RkKDslm9Uc
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