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प्रवासी मजदूरों को उनके जिले में ही रोजगार के लिए मोदी सरकार ने तैयार किया बड़ा प्लान

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कोरोना लॉकडाउन के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार गरीबों, मजदूरों, किसानों के हितों के लिए कदम उठा रही है। पिछले तीन महीने में प्रधानमंत्री मोदी के हर निर्णय के केंद्र में गांव, गरीब और मजदूर ही रहे हैं। जाहिर है कि लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह जिलों और गांवों की ओर लौट गए हैं। ऐसे में वहां पर उनके लिए रोजी-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है। लेकिन अब मोदी सरकार ने ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए एक मेगा प्लान तैयार किया है। केंद्र की मोदी सरकार की ओर से देश के छह राज्यों के उन 116 जिलों की पहचान की गई है, जहां पर सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के दौरान घर वापसी की है।

प्रवासी मजदूरों के रोजगार और पुनर्वास का खाका तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मोदी सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों के लिए एक मेगा प्लान तैयार है। केंद्र सरकार के इस प्लान के तहत लॉकडाउन के दौरान अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है। इन 116 जिलों में सोशल वेलफेयर और डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम को मिशन मोड में चलाया जाएगा। जिसका उद्देश्य लॉकडाउन के दौरान लौटने वाले मजदूरों के लिए रोजगार, आजीविका, गरीब कल्याण सुविधाओं और कौशल विकास के लाभ को सुनिश्चित करना है।

मनरेगा, स्किल इंडिया जैसी योजनाओं पर मिशन मोड पर होगा काम
इन छह राज्यों के 116 जिलों में मनरेगा, स्किल इंडिया, किसान कल्याण योजना, पीएम आवास योजना, जनधन योजना, खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ केंद्र की अन्य योजनाओं के तहत मिशन मोड में काम किए जाने का प्लान है।

आत्मनिर्भर अभियान के तहत बनेगीं योजनाएं
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एलान किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही केंद्र की अन्य योजनाओं को भी निश्चित तरीके से जिलों में लागू करने की योजना है। केंद्र के मंत्रालयों को दो सप्ताह में इन जिलों को मद्देनजर रखकर योजनाओं का प्रस्ताव तैयार करके पीएमओ को भेजने के लिए कहा गया है।

बिहार के 32 और यूपी के 31 जिलों समेत इन जिलों पर विशेष ध्यान
मोदी सरकार की ओर से देश के छह राज्यों के जिन 116 जिलों की पहचान की गई है, उसमें 32 जिले बिहार के, यूपी के 31 जिले, मध्य प्रदेश के 24, राजस्थान के 22 जिले ओडिशा के चार और झारखंड के तीन जिले हैं। जाहिर है कि कोरोना संकट की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लॉकडाउन लागू होने की वजह से प्रवासी मजदूरों की रोजी-रोटी और रोजगार पर भारी संकट आ गया। जिस वजह से देश भर में लाखों मजदूरों ने अपने घर वापसी की। मजदूरों के संकट को ध्यान में रखते हुए अब केंद्र सरकार कुछ अहम फैसले लेने जा रही है, ताकि मजदूरों को रोजगार दिलाया जा सके।

आपको बता दें कि मोदी सरकार के आर्थिक राहत पैकेज से करोड़ों गरीबों, मजूदरों को मदद मिल चुकी है। डालते हैं एक नजर-

 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से 42 करोड़ लोगों को मिली 53,248 करोड़ रुपये की मदद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी समाज के कमजोर वर्गों को लगातार मदद मिल रही हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के माध्यम से महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को मुफ्त में अनाज के साथ नकद सहायता मिल रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 42 करोड़ गरीबों को डिजिटल भुगतान प्रणाली की मदद से 53,248 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: अब तक की स्थिति-

किसानों को सहायता
पीएम-किसान की पहली किस्त के भुगतान के रूप में कुल 16,394 करोड़ रुपये दिए गए हैं। योजना के तहत 8 करोड़ 19 लाख लाभार्थियों के खातों में 2,000-2,000 रुपये सीधे डाले गए हैं।

महिला जनधन खाता
इस पैकेज के तहत 20.05 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में 500-500 रुपये दिए गए हैं। इस मद में कुल 10,025 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। पीएमजेडीवाई खाताधारक महिलाओं की संख्या जिनके खाते में लेनदेन हुआ 8.72 करोड़ हैं। दूसरी किस्त के तहत 5.57 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को 5 मई को 2,785 करोड़ रुपए जारी किए गए। तीसरी किस्त 5 जून से भेजे जाने शुरू हो गए हैं।

वृद्धों, विधवाओं और दिव्‍यांगजनों को मदद
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत कुल 2814.5 करोड़ रुपये लगभग 2.81 करोड़ वृद्ध व्यक्तियों, विधवाओं और दिव्‍यांगों को दो किस्तों में वितरित किए गए। सभी 2.81 करोड़ लाभार्थियों को दो किस्तों में लाभ हस्तांतरित किए गए।

भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों को मदद
भवन एवं निर्माण क्षेत्र में लगे 2.3 करोड़ श्रमिकों को कुल 4312.82 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्‍न योजना
अब तक 101 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न 36 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अप्रैल के लिए उठाया गया है। अप्रैल 2020 के लिए 36 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 73.86 करोड़ लाभार्थियों को कवर किया गया है। 5.06 एलएमटी दालें भी विभिन्न राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में भेजी गई हैं। कुल 1.91 एलएमटी दलहनों को अब तक 19.4 करोड़ पारिवारिक लाभार्थियों में से 17.9 करोड़ पारिवारिक लाभार्थियों को वितरित किया गया है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत कुल 9.25 करोड़ सिलेंडर अब तक बुक किए गए हैं और 8.58 करोड़ मुफ्त सिलेंडर लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।

ईपीएफओ
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 16.1 लाख सदस्यों ने ईपीएफओ खाते से गैर-वापसी योग्य अग्रिम की ऑनलाइन निकासी का लाभ उठाया है, जो कुल 4725 करोड़ रुपये है।

मनरेगा
मनरेगा के लिए बढ़ी हुई दर को 01-04-2020 से अधिसूचित किया गया है। चालू वित्त वर्ष में 48.13 करोड़ मानव कार्य दिवस सृजित किए गए। इसके अलावा, मजदूरी और सामग्री दोनों के ही लंबित बकाये को समाप्त करने के लिए राज्यों को 28,729 करोड़ रुपये जारी किए गए।

स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बीमा योजना
24% ईपीएफ अंशदान 59.23 लाख कर्मचारियों के खाते में हस्तांतरित किया गया, जो कुल 895.09 करोड़ रुपये है।मोदी सरकार ने 20 लाख 97 हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से हर वर्ग, हर सेक्टर का रखा ख्याल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना संकट से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भरता का मंत्र देते हुए लोकल उत्पादों के अधिक से अधिक इस्तेमाल का भी आह्वान किया था। यह राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का नहीं, बल्कि इससे भी 97 हजार करोड़ रुपये अधिक यानी कुल 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपये का है।

मोदी सरकार ने मार्च के आखिर सप्ताह में कोरोना संकट के उबरने के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। डालते हैं एक नजर-

मोदी सरकार ने दिया 1.70 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को लॉकडाउन के प्रभाव से गरीबों को बचाने के लिए की है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच अर्थव्यवस्था और गरीबों की मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गरीब कामगारों के लिए पैकेज का एलान किया। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों और गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज तैयार किया गया है। हमारी कोशिश होगी कि गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए। इसके तहत गरीबों को हर महीने 10 किलो का मुफ्त अनाज दिया जाएगा और किसानों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही महिलाओं, बुजुर्गों और कर्मचारियों के लिए भी ऐलान किए गए हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीएम गरीब कल्याण धन योजना के तहत किसानों, मनरेगा, गरीब विधवा, गरीब पेंशनधारी और दिव्यांगों, और जनधन अकाउंट धारी महिलाओं, उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाएं, स्वंय सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी जाएगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
अगले तीन महीने के लिए हर गरीब को अब 5 किलो का अतिरिक्त गेहूं और चावल मिलेगा, यानी कुल 10 किलो का गेहूं या चावल उसे मिल सकेगा। साथ ही उन्हें 1 किलो दाल भी मिलेगी, जिसमें क्षेत्र के मुताबिक लोगों के पसंद की दाल दी जाएगी।

हेल्थ वर्कर्स को मेडिकल इंश्योरेंस
कोरोनावायरस से निपटने में देश के हेल्थ वर्कर्स की अहम भूमिका को समझते हुए सरकार ने गरीबों को अगले तीन महीने के लिए 50 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कवर देने का फैसला किया है।

किसानों, महिलाओं और बुजुर्गों को भी राहत
अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों के खाते में 2000 रुपए की किस्त डाली गई। देश के 8 करोड़ 70 लाख किसानों को इसका लाभ होगा। वहीं बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को 1000 रुपए अतिरिक्त देने की घोषणा की गई।

उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिला लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त अगले तीन महीने तक महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह 500 रुपए दिए जाएंगे, जिसका लाभ 20 करोड़ महिलाएं उठा पाएंगी। इसके साथ ही दीनदयाल योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख का लोन दिया जाएगा।

ईपीएफ से निकाल सकेंगे 75% फंड
सरकार 3 महीने तक इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का पूरा योगदान खुद देगी, यानी ईपीएफ में पूरा 24% योगदान सरकार देगी। जमा रकम का 75% या 3 महीने के वेतन में से जो भी कम होगा, उसे निकाल सकेंगे। इससे 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलेगा जो ईपीएफओ के सदस्य हैं। इसके लिए पीएफ रेग्युलेशन में संशोधन भी किया जाएगा।

मनरेगा के तहत मजदूरी में बढ़ोतरी 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जो लोग ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत मजदूरी करते हैं, इनकी दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है। प्रति मजदूर को करीब दो हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी, जिसका लाभ 5 करोड़ मजदूरों को मिलेगा।

कंस्ट्रक्शन सेक्टर के वर्कर्स को मिलेगी मदद
राष्ट्र निर्माण में भवन और अन्य निर्माण कार्य से जुड़े 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर, जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे हैं, इनके लिए सरकार द्वारा 31 हजार करोड़ रुपए का फंड दिया गया है।

आइए 10 बिन्दुओं में समझते हैं मोदी सरकार द्वारा दिए गए राहत पैकेज को –

1- तीन महीने के लिए हर गरीब को अब 10 किलो राशन दिया जाएगा।

2- उज्ज्वला योजना के तहत 3 महीनों के लिए 3 मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।

3- बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को 1000 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।

4- मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाई गई।

5- तीन महीने तक महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह 500 रुपए दिए जाएंगे।

6- दीनदयाल योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख का लोन दिया जाएगा।

7- सरकार 3 महीने तक इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का पूरा योगदान खुद देगी।

8- गरीबों को तीन महीने के लिए 50 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा।

9- अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों के खाते में 2000 रुपए की किस्त डाल दी जाएगी।

10- 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर्स के लिए 31 हजार करोड़ रुपए का फंड।

 

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