प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2017 को स्पष्ट कहा था कि कश्मीर की समस्या न गोली, से न गाली… गले लगाने से हल होगी। उनका संदेश स्पष्ट था कि कश्मीर से संबंधित सभी स्टेक होल्डर्स से बात करके इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा। केंद्र सरकार ने 16 मई को जब रमजान के दौरान जब एकतरफा सीजफायर का एलान किया, तो उसकी मंशा यही है कि शांतिप्रिय लोगों को इबादत के इस महीने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
अमन पसंद लोगों की अपील पर सरकार का फैसला 
जम्मू-कश्मीर आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन ऑल आउट चल रहा है। इस साल अब तक 65 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं, जबकि पिछले साल रिकॉर्ड 214 आतंकी मारे गए थे। जाहिर है सेना अपर हैंड में है, फिर भी केंद्र सरकार ने सीजफायर कर कश्मीर के लोगों को संदेश देने की कोशिश की है कि सरकार उनके सरोकारों के साथ खड़ी है। गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि यह फैसला मुस्लिम भाई, बहनों की हिफाजत के लिए लिया गया है, ताकि वह रमजान के दौरान अमन-चैन से रह सके।

सीजफायर से अमन की राह खोलना चाह रही सरकार
बीते चार सालों में  सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 645 आतंकी मारे गए हैं। जाहिर है आतंकियों के विरुद्ध सख्ती लगातार जारी है, लेकिन रमजान के दौरान किसी निर्दोष को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े, सरकार ने ये फैसला किया है। दरअसल सरकार का यह फैसला गले लगाने की उस प्रक्रिया का ही भाग है जिसका एलान प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किला से किया था।

गले लगाने के अभियान का जमीन पर हो रहा असर
कश्मीर में कट्टरपंथी युवा मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और सेना में भर्ती के लिए दौड़ लगा रहे हैं। इसी आह्वान का परिणाम है कि फुटबॉलर से आतंकवादी बने माजिद खान के पिछले वर्ष नवंबर में मुख्यधारा में वापसी के बाद अबतक पांच से ज्यादा आतंकवादी दहशतगर्दी को अलविदा कह चुके हैं। हाल ही में पकड़े गए लश्कर के आतंकवादी ऐजाज गुजरी यहां तक कहा है कि सेना चाहती तो उसका खात्मा कर सकती थी, लेकिन मुख्यधारा में लौटने की बात कहने के बाद सेना के जवानों ने ही उसकी जान बचा ली।

हर स्तर पर माहौल सुधारने की पहल
अपने पहले ही बजट में मोदी सरकार ने खेल के बुनियादी ढांचों के विकास के लिए राज्य को 200 करोड़ रुपये दिये थे। इसी का असर है कि श्रीनगर की गलियों में सुरक्षा बलों पर पत्थरबाज लड़कियों की अगुवा अफशां आशिक जम्मू-कश्मीर महिला फुटबॉल टीम की कप्तानी कर रही हैं। वहां आज आर्मी गुडविल स्कूल के तहत जरूरतमंदों को शिक्षा भी दी जा रही है। सुपर-40 के जरिये भी सेना प्रतिभाओं को नई धार देने की कोशिश में जुटी रहती है।

कश्मीर के विकास को प्रतिबद्ध हैं प्रधानमंत्री मोदी
कश्मीर के विकास को लेकर प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही तत्पर हैं और इसमें वे कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। इसी के चलते राज्य में सड़कों, पुलों और सुरंगों के निर्माण पर प्रधानमंत्री डेवलपमेंट पैकेज के तहत राज्य में 42,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है। राज्य ने घरों में ट्वायलेट निर्माण के लगभग 72 प्रतिशत टारगेट को हासिल कर लिया है और लेह, कारगिल,शोपियां और श्रीनगर जिले ODF घोषित हो चुके हैं। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप योजना के अंतर्गत राज्य के 3,420 छात्र लाभान्वित हुए।

                
		








