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कोरोना की तीसरी वेव के लिए सचेत मोदी सरकार, देश में बढ़ा 10 गुना अधिक लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन

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अब जब देश में वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा शुरू हो चुकी है, ऐसे में मोदी सरकार ने इस चुनौती से निपटने की तैयारी भी शुरू कर दी है। दूसरी लहर के दौरान देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से सीख लेकर मोदी सरका ने कमर कस ली है। देश में ऑक्सीजन की कमी न हो उसे देखते हुए मोदी सरकार ने देश में दस गुना ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने पर बल देना शुरू कर दिया है। लिक्विड ऑक्सीजन उत्पादन को 10 गुना बढ़ाने के लिए उद्योग स्थापित करने के उपरांत मोदी सरकार कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के तहत जुलाई तक 1,100 से अधिक पीएसए संयंत्र स्थापित करने की तैयारी में जुट गई है।

900 से 9300 मीट्रिक टन प्रतिदिन बढ़ा उत्पादन

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन 900 मीट्रिक टन प्रतिदिन था। लेकिन जब पिछले सप्ताह इसका आकलन किया गया  तो यह करीब 9300 मीट्रिक टन प्रतिदिन के उत्पादन पर पहुंच गया था। यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने का सख्त निर्देश दिया था। पीएम मोदी के निर्देश का यह असर हुआ कि देश के इस्पात संयंत्रों ने अप्रैल महीने की शुरुआत में ऑक्सीजन का उत्पादन लगभग 1,250 मीट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 4,000 मीट्रिक टन कर दिया।

क्रॉयोजेनिक टैंकों की क्षमता 60 प्रतिशत बढ़ी

मोदी सरकार ने तो यह कदम देश में ऑक्सीजन की तत्काल किल्लत खत्म करने और कोरोना पीड़ितों को समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए उठाया था। लेकिन अब कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए मोदी सरकार ने दीर्घकालिक समाधान के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उदाहरण के तौर पर मोदी सरकार ने 160 आईएसओ टैंकर या तो आयात किया है या फिर उसे एलएनजी टैंकरों से बदला गया है। मार्च में ही क्रायोजेनिक टैंकों की क्षमता में 60 प्रतिशत की वृद्धि की गई। 12,480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन संभालने वाले 1,040 टैंकरों की संख्या बढ़ाकर 1,681 कर दी गई। देश भर के अस्पतालों में स्थापित इन टैंकों की भंडारण क्षमता में भी मार्च के अंत तक 609 (5,959 किलो लीटर) से बढ़ाकर 901 (9,233 किलो लीटर) से अधिक कर दी गई।

पीएम केयर्स से स्वीकृत 162 में से 77 प्लांट चालू

पीएम केयर्स से स्वीकृत 162 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों में से 77 को चालू कर दिया गया है, शेष 85 को जुलाई तक स्थापित करने का प्रस्ताव है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अगर सारी चीजें योजना के अनुरूप होती रही तो सरकार द्वारा घोषित अतिरिक्त 1,051 पीएसए संयंत्र भी जुलाई तक स्थापित कर दिए जाएंगे। इन संयंत्रों की खरीद डीआरडीओ और सीएसआईआर के माध्यम से की जा रही है। इसमें सरकारी तेल कंपनियां अपनी सीएसआर योजनाओं के तहत 93 संयंत्र लगा रही हैं। मोदी सरकार ने लंबी दूरी तक समय पर ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए रेलवे और भारतीय वायु सेना की क्षमता का लाभ उठाया है।

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