आतंक और अपराध पर पर्दा डालने की पाकिस्तान की तमाम कवायद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीति ने बेपर्दा कर दिया है। आतंक को पनाह देने वाले देश के रूप में पाकिस्तान दुनिया के सामने लगातार बेनकाब होता जा रहा है। मोदी सरकार की कूटनीति का ही कमाल है कि पाकिस्तान ने पहली बार कबूल किया है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम आतंकवादी है और वह पाकिस्तान में ही है। दरअसल, पाकिस्तान ने आतंकियों की जो नई लिस्ट जारी की है, इसमें दाऊद इब्राहिम का भी नाम शामिल है।
BIG #Breaking
Dawood Ibrahim on the list of names terrorists by Pakistan!
His address on the document is White House, Karachi.Will Pakistan continue to deny #DawoodIbrahim‘s presence in Pakistan?
Pak Govt has directed to apply travel restrictions, arms
embargo, freeze funds pic.twitter.com/SsALmIQvJI— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) August 22, 2020
कराची के क्लिफ्टन में रहता है आतंक का आका दाऊद
बताया जा रहा है कि एफएटीएफ यानि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की निगरानी की सूची से बाहर निकलने की छटपटाहट में पाकिस्तान ने आतंकियों की लिस्ट जारी की है। इसमें 1993 में हुए मुंबई धमाकों का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम का नाम भी शामिल है। दरअसल, एफएटीएफ ने पाया था कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग पर अंकुश लगाने में विफल साबित हुआ है। पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में है।
हजार इनकार के बाद एक इकरार
मुंबई हमलों को अंजाम देकर दाऊद परिवार समेत पाकिस्तान भाग गया था।
इस घटना ने मुंबई समेत पूरे देश को झकझोर दिया था। भारत कई मंचों से यह कहता रहा कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है और उसे वहां की सरकार का संरक्षण प्राप्त है, लेकिन पाकिस्तान हमेशा इससे इनकार करता रहा।
मोदी सरकार द्वारा विभिन्न मंचों से पाकिस्तान को आतंक का संरक्षक देश बताने के बाद पाकिस्तान पर पड़े अंतर्राष्ट्रीय दबाव का परिणाम है कि उसने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उसके आकाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इसके तहत दहशतगर्दी में शामिल संगठनों और उनके संचालकों के बैंक खातों को भी सील करने का आदेश जारी किया गया है। इसमें हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे खतरनाक आतंकियों के नाम भी शामिल हैं। जाहिर है, पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार की आक्रामक विदेश नीति अब रंग ला रही है और पाकिस्तान को वहां छुपे आतंकवादियों के नाम खुद-ब-खुद सार्वजनिक करने को मजबूर होना पड़ रहा है।