प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ अभियान से विपक्ष बौखला गया है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे लिए पार्टी से बड़ा देश है, जबकि उनके लिए देश से बड़ी पार्टी है। बैठक में उन्होंने वामदलों के रुख की भी आलोचना की और दिवगंत वाम नेता ज्योति बसु के रुख का जिक्र किया।
मोदी ने जनता से अपील की कि नोटबंदी के इस दौर में डिजिटल पेमेंट को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। मोदी ने नोटबंदी पर कहा कि जल्द ही सबकुछ ठीक हो जाएगा और देश की जनता को जल्द ही कालेधन और भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी।
कालेधन को लेकर प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले विपक्ष घोटालों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद होते थे लेकिन अब विपक्ष कालेधन और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सरकार के प्रयास के खिलाफ एकजुट है। पहले सत्ता पक्ष घोटाला करता था और आज सत्ता पक्ष कालेधन के खिलाफ मुहिम चला रहा है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि इनके लिए देश से बड़ा दल है और हमारे लिए दल से बड़ा देश है। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर के बाद जो भी मुख्यधारा में आना चाहते हैं उन्हें अवसर मिलना चाहिए।
सर्जिकल स्ट्राइल को लेकर सवाल उठाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आज लोग सेना के पराक्रम के सबूत मांग रहे हैं।
बैठक में नरेंद्र मोदी के संबोधन की जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनता से अपील की है कि डिजिटल जीवनशैली अपनाने की जरूरत है। यह पारदर्शी और प्रभावशाली होगा जिससे काला धन खत्म किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में संसद में हंगामा होना, संसद न चलना; ये पहले भी होता था। इस बार जरा ज्यादा हुआ, लेकिन एक मूलभूत फर्क है कि पहले संसद में बाधाएं इसलिए आती थीं, रुकावटें इसलिए आती थीं, हंगामे इस बात को ले करके होते थे, कि देश के सामने भयंकर घोटाले उजागर होते थे, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आते थे; और विपक्ष ईमानदारी के मुद्दे पर एक हो करके लड़ाई लड़ता था। पहली बार देश में ऐसा हुआ कि ट्रेजरी बेंच भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठा रही है, काले धन के खिलाफ कदम उठा रही है; और विपक्ष में ज्यादातर लोग बेईमानों का साथ देने के लिए इक्ट्ठे हो रहे हैं। कभी-कभार नासमझी में या स्वार्थवश किसी ने बेईमानों का पक्ष भी लिया होगा तो चुपचाप रह करके लिया होगा, न बोल करके मदद की होगी। देश में ऐसा पतन राजनीतिक जीवन में आया है कि बेईमानों के पक्ष में खुल करके बोलने की कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाई है। ये सबसे ज्यादा चिन्ता का विषय है।
उन्होंने कहा कि आज 16 दिसम्बर है, 1971 में भारत की वीर सेना ने; पराक्रमी सेना ने पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था और बंगलादेश के मुक्ति के लिए लड़ाई लड़ रहे लोगों को विजय प्राप्त हुई थी। लेकिन तब भी विरोध पक्ष था, मजबूत विरोध पक्ष था; लेकिन तब किसी विरोधी पक्ष ने 1971, 16 दिसम्बर को देश की सरकार से कोई सबूत नहीं मांगा था कि सेना ने पराक्रम किया वो सही है या गलत है, किसी ने सबूत नहीं मांगा था। आज पतन इतना हो गया कि मौत को मुट्ठी में लेकर चलने वाले फौजी को भी सबूत देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ये जो गिरावट है सार्वजनिक जीवन की, ये चिन्ता का विषय है।
मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं कि मुद्दों पर चर्चा करने का सामर्थ्य इस सरकार के टीकाकारों ने किया होता तो अच्छा होता और इस बात को भी हमने नोट करना चाहिए कि कई लोग हैं, जो वैचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी या एनडीए के पक्ष में नहीं हैं, उसके बावजूद भी भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ की लड़ाई में वे खुल करके हमारे साथ आए हैं। मैं उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्रीमान नवीन बाबू का आभार व्यक्त करता हूं, मैं बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार का अभार व्यक्त करता हूं। ऐसे और भी बहुत लोग हैं, जो खुल करके हमारे सामने आए, और इसलिए मैं चाहता हूं कि इस लड़ाई में जो भी साथ दे रहे हैं, उनको साथ ले करके हमें आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1000 और 500 के नोट के संबंध में किया गया निर्णय इस लड़ाई का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, ये लड़ाई का आखिरी मंजिल नहीं है। मध्यम वर्ग का शोषण अगर रोकना है, गरीबों को हक दिलाना है, तो भ्रष्टाचार और कालेधन से देश को मुक्त कराना अनिवार्य है। और उसके लिए हिम्मतपूर्वक निर्णय करने पड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं एक और बात बताना चाहता हूं, 1971 में, जबकि श्रीमती गांधी इस देश में राज करती थीं; एक वांचू कमेटी बनी थी, जिसका एक रिपोर्ट आया था, और जिसमें नोटों पर पाबंदी लगाने के विषय में गंभीरतापूर्वक चर्चा की गई थी। कमेटी का कहना था कि 1946 में नोचबंदी हुआ तो उसमें सफलता नहीं मिली, लेकिन अगर 1971 में करेंगे तो हमें बहुत बड़ी सफलता मिलेगी। कहने का तात्पर्य ये है कि 1971 में देश को इसकी जरूरत थी जो आज हमने किया है। इतने साल देर कर करके देश का कितना नुकसान किया है, ये हम कल्पना कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कम्युनिस्ट पार्टी के लोगों से पूछना चाहता हूं। जब कम्युनिस्ट पार्टी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ चुनावी समझौता किया, तब ऐसा लग रहा था कि शायद ममता जी की राजनीति के खिलाफ इन लड़ाई है, ममता जी को उखाड़ फेंकने के लिए वो इकट्ठे हो रहे हैं। लेकिन इस बार कम्युनिस्ट पार्टी का सदन में जो व्यवहार रहा है, उससे लगता है कि बंगाल में उन्होंने सिर्फ चुनावी समझौता किया था ऐसा नहीं; कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना वैचारिक समझौता कर लिया है, कम्युनिस्ट पार्टी अपनी विचारधारा से उखड़ चुकी है। मैं इसलिए कह रहा हूं।
26 अगस्त 1972, वांचू कमेटी की रिपोर्ट को ले करके पार्लियामेंट में जो बोला था, मैं चाहूंगा कि आज के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता संसद से उन भाषणों को निकाल करके पढ़ें।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाणक्य नीति में एक बहुत ही उत्तम बात कही गई है, और यूपीए ने दस साल शासन किया, उसके संदर्भ में इसको देखें तो बहुत ही महत्वपूर्ण बात चाणक्य नीति में कही गई है। चाणक्य नीति के 15वें अध्याय का छठवां दोहा है, उसमें कहा गया है-
करि अनीति धन जोरेऊ, करि अनीति धन जोरेऊ, दसे वर्ष ठहराए।
ग्यारहवें के लागते, जड़ऊ मूल ते जाय।।
करि अनीति धन जोरेऊ, दसे वर्ष ठहराए।
ग्यारहवें के लागते जड़ऊ मूल ते जाय।।
अन्याय से कमाया हुआ धन केवल दस वर्ष टिकता है, 11वां वर्ष लगने पर वह मूलधन के साथ नष्ट हो जाता है। ये उनके दस साल के कार्यकाल के सामने ये जो इकट्ठा किया हुआ है, इस पर चाणक्य उस समय कह कर गए थे, उनको पता था। और इसलिए, और मुझे विश्वास है कि आप जब अपने क्षेत्र में लौट रहे हैं, बड़े आत्मविश्वास के साथ देश को भ्रष्टाचार से मुक्त् कराने के लिए, काले धन से मुक्त कराने के लिए, हमने लड़ाई लड़नी है, लड़ाई को आगे ले जाना है।
प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि आपने देखा होगा टीवी पर बातें आती हैं कभी-कभी कि किसी रिक्शेवाले को पूछते हैं तुम ई-बटुआ जानते हो? सही है, इस देश में सब लोगों को पता नहीं है। लेकिन जिनको पता है, उनको तो इसमें हम जोड़ें। मान लीजिए देश में 40% लोग होंगे, जिनको हम पढ़े-लिखे मानें, जिनके हाथ में स्मार्टफोन माने, अगर इतनों को भी इसमें ला दें; तो जो गरीब रिक्शावाला है, जो कैश से खर्चा करता है, उसमें रत्ती भर भी बेईमानी नहीं होती है भाई। सवाल उन लोगों का है, जो जानते हैं तो भी नहीं करते हैं और इसलिए उनको इस रास्ते पर लाने के लिए इस डिजिटल अभियान को हमें आगे बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कल बड़ी महत्वपूर्ण कुछ योजनाएं सरकार ने लांच की हैं। मैं चाहता हूं कि इसको आप कैसे आगे बढ़ाएं। एक लकी ग्राहक योजना, दूसरी है डिजी-धन व्यापरी योजना। इस योजना के तहत डिजी-धन योजना का पहला लांचिग क्रिसमस के दिन होगा 25 दिसम्बर को, और क्रिसमस गिफ्ट ये बहुत बड़ी बात होती है। तो क्रिसमस गिफ्ट के रूप में जो भी लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, कहीं पर भी करेंगे, उसका एक स्पेशल नंबर जेनरेट होता है, हर किसी का होता है। उसका एक पूरे देश में 8 नवम्बर से ले करके 25 दिसम्बर, 23, 24 दिसम्बर तक जिन्होंने भी किया होगा, उसका एक ड्रॉ 25 दिसम्बर को निकलेगा। और उस दिन 15,000 लोगों को जो ड्रॉ में जीत करके आएंगे, 15,000! उनके खाते में 1000 रुपया गिफ्ट के रूप में डाल दिया जाएगा। 15,000! लोगों को 1000 रुपया। और कौन लोग इसका फायदा उठा सकेंगे? जो 50 रुपये से ज्यादा खर्च किया है, और 3000 से कम किया है; ये अमीरों के लिए नहीं है। उसी को फायदा मिलेगा जो जो 50 रुपये से ज्यादा खर्च किया है, और 3000 से कम किया है। तो वो भी वो ऑटोमेटिक टेक्नॉलोजी, और ये योजना रोज चलेगी, डेली ड्रॉ होगा।
उन्होंने कहा कि हर दिन 15,000 परिवार! हर एक को 1000 रुपया। और ये 100 दिन तक चलेगा। आप कल्पना कर सकते हैं कितने लाख परिवारों में इस योजना का सीध लाभ मिलेगा। अब आप उनको ये बात पहुंचाएंगे, तो फिर वो जरूर डिजिटल पेमेंट देगा, गरीब से गरीब भी डिजिटल पेमेंट देगा। फिर वो कहेगा नहीं भाई मुझे कैश नहीं देना है, ईनाम मिल जाएगा। दूसरा, व्यापारियों को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए, और इसलिए जो व्यापारी इस काम को बढ़ावा देते हैं उनका अलग ड्रॉ होगा, व्यापारियों का। जिनके यहां ग्राहक आते-जाते हैं, और उनके लिए भी ईनाम होंगे। ये ईनाम सप्ताह में एक बार होंगे, जिसमें ग्राहकों को, जो लाखों रुपये का ईनाम है; व्यापारियों को भी लाखों रुपये का ईनाम है। फिर तीन महीने के बाद एक बंपर ड्रॉ होगा, वो है 14 अप्रैल, बाबासाहेब अम्बेडकर जी की जन्म जयंती पर। और उस दिन का जो ईनाम, 8 नवम्बर से ले करके 14 अप्रैल तक जिन्होंने भी इसमें हिस्सा लिया होगा, वो सब इसमें शामिल किए जाएंगे। और वो शायद करोड़ों रुपये में ईनाम होगा।
देखिए आज छोटे व्यक्ति को, एक धोबी है, प्रेस करता है, उसके पिताजी भी प्रेस करते थे, उसके दादाजी भी प्रेस करते थे। वो धोबी अगर आज बैंक लोन लेने जाएगा तो बैंक उसको एक पैसा लोन नहीं देगा, क्यों? कि उसके पास कोई इनकम का रिकॉर्ड ही नहीं है कि भई तुम कितना कमाते हो, कैसे कमाते हो? कुछ भी मालूम नहीं। वो भी बेचारा , आता है कोई पांच रुपये कोई देकर जाता है, फिर प्रेस करके दे देता है।
अगर वो डिजिटल पेमेंट करेगा तो उसका रिकॉर्ड मेंटेन होगा। एक स्थिति ऐसी आ सकती है, और मुझे साफ दिखता है कि आ सकती है। आज बैंक से लोन लेने के लिए तीन-तीन, चार-चार महीने लगते हैं, भांति-भांति के कागज देने पड़ते हैं, भांति-भांति के लोग लाने पड़ते हैं; एक स्थिति वो आएगी, जो, भारत सरकार के जो प्लेटफार्म बनाए गए हैं, कोई भी व्यापारी होगा वो सारा अगर ऑनलाइन भुगतान करता है, तो उसका रिकॉर्ड, मेरा भाई इतना टर्नओवर पक्का है। एक दिन ऐसा मैं देख रहा हूं कि उस व्यापारी को अगर लोन चाहिएगा, ज्यादा से ज्यादा, ज्यादा से ज्यादा 6 मिनट लगेगा। 6 मिनट में इस टेकनोलॉजी से उसको 25 हजार, 50 हजार का लोन फटाक से मिल जाएगा। छोटे व्यापारी के लिए ये स्वर्णिम अवसर है, क्योंकि उसका रिकॉर्ड होगा, कोई कागज देखने नहीं पड़ेंगे। जो उस प्लेटफॉर्म को लेगा, अच्छा भई पिछले महीने तुम्हारा 20 हजार का था, ठीक है 10 हजार रुपये तुम्हें और लोन दे देते हैं, तुम आगे बढ़ो, वो तुरंत निर्णय करेगा। पूरी टेकनोलॉजी कारण करप्शन जाएगा, सामान्य मानवी को ताकत मिलने वाली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पहले दिन कहा है 50 दिन मुश्किल है; मुश्किलें बढ़ती जाएंगी, लेकिन 50 दिन के बाद मुश्किलें कम होते, होते, होते, होते स्थिति नॉर्मल होने में देर नहीं लगेगी। 50 दिन! अभी भी, अभी भी मैं कह रहा हूं। वैसे आज रिपोर्ट शुरू हुआ है कि काफी नॉर्मल हुआ है, फिर भी मैं कहता हूं 50 दिन तकलीफ है ही है। 50 दिन के बाद एकदम ऊंचाई तकलीफ पहुंचेगी; फिर धीरे, धीरे, धीरे करके ठीक होगी। ये बात हमको लोगों को बतानी होगी, अच्छा करने का हमारा प्रयास है, होके रहेगा मेरा विश्वास है।
भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी समेत राजनाथ सिंह, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और लाल कृष्ण अडवाणी भी मौजूद थे।