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पीएम मोदी का मिलेट्स पर लिखा गाना ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट, बाजरे की खेती और उसके फायदों के बारे में किया गया है गुणगान

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिलेट्स यानी ‘श्री अन्न’ को वैश्विक पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनकी पहल से ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी स्वास्थ्यवर्धक ‘श्री अन्न’ के लाभों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए नए-नए कदम उठा रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने ‘श्री अन्न’ के लिए एक गीत ‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ की रचना की, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। अब इस गाने को बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस कैटेगरी में ग्रैमी अवार्ड 2024 के लिए नॉमिनेट किया गया है। इस गाने में सिंगर फाल्गुनी शाह (फालू) और गौरव शाह के स्वर के साथ प्रधानमंत्री मोदी के एक भाषण का कुछ अंश भी शामिल किया गया है।

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के अप्रवासी भारतीय फालू शाह के साथ मिलकर बाजरे के फायदों को बताने वाला ‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ नामक गाना लिखा था। इस गाने में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का एक अंश सुना जा सकता है, जिसमें वो कह रहे हैं,”हमारे अन्नदाता और हमारे साझा प्रयासों से श्री अन्न भारत और विश्व की समृद्धि में नई चमक जोड़ेगा। आज विश्व जब अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millet) मना रहा है, तो भारत इस अभियान की अगुवाई कर रहा है।” अब इस गाना को सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा। 

इस साल जून महीने में गीत को लॉन्च करते समय गायक फालू शाह ने सेशल मीडिया में पोस्ट करते हुए बताया था कि किसानों को बाजरा की खेती करने और दुनिया की भूख मिटाने में मदद के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक गीत ‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ लिखा और प्रस्तुत किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने फालू शाह द्वारा शेयर किए गए वीडियो को दोबारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर शेयर करते हुए इस गाने की जमकर तारीफ की। उन्होंने इस गाने को काफी ज्यादा रचनात्मक और स्वस्थ जीवन के लिए बाजरा अपनाने के लिए प्रेरित करने वाला बताया।

गौरतलब है कि फालू शाह को कई बार ग्रैमी अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है। उन्होंने 2022 में उनके एल्बम ‘ए कलरफुल वर्ल्ड’ के लिए ‘बेस्ट चिल्ड्रन एल्बम’ का पुरस्कार दिया गया था। हाल ही में फालू शाह ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनके और उनके पति गौरव शाह के साथ मिलकर एक गाना तैयार किया। फालू शाह की वेबसाइट पर भी इसे लेकर जानकारी साझा की गई है, जिसमें बताया गया है कि भारत सरकार मिलेट्स के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक के तौर पर स्वीकार करते हुए प्रस्ताव पेश किया, जिसमें 72 देशों और संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने समर्थन दिया।

आइए एक नजर डालते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी किस तरह मिलेट्स की खेती और इसको भोजन में शामिल करने के लिए किसानों के साथ ही आम लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं…

वारणासी में जी-20 की बैठक में श्री अन्न पर भी हुई चर्चा

जी-20 देशों के प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों की बैठक 17-19 अप्रैल,2023 के बीच वाराणसी में हुई। इस बैठक में दुनिया के 20 प्रमुख देशों के प्रतिनिधि और अन्य भागीदार देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। तीन दिवसीय आयोजन में पूरे विश्व को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। इस दौरान पोषण से भरपूर मोटे अनाज यानी श्री अन्न पर भी चर्चा हुई। इस बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे विदेशी मेहमानों का शाही अंदाज में स्वागत किया गया। 

जी-20 डेलीगेट्स को परोसा गया मिलेट्स फूड

वाराणसी में जी-20 बैठक का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बताया कि भारत सरकार के प्रयासों से जी-20 सम्मेलन इस वर्ष भारत में हो रहा है। इस सम्मेलन से पहले होने वाली बैठकों में एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक वाराणसी में हुई। प्रधानमंत्री के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर घोषित किया है। इस तीन दिवसीय बैठक में मोटे अनाजों (मिलेट्स) की चर्चा पर जोर दिया गया। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बताया कि मोटे अनाज को मुख्यधारा का हिस्सा बनाने के लिए मिलेट्स जी-20 की बैठकों का अभिन्न अंग बना है। प्रतिनिधिमंडलों को न केवल मिलेट्स के स्वाद से परिचित कराया गया, बल्कि किसानों से उनकी भेंट भी कराई गई। 

मिलेट्स से किसानों की बढ़ेगी आय

एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में मिलेट्स का वैश्विक बाजार 470 मिलियन डॉलर का था और अनुमान है कि 2026 तक इसकी सकल सालाना विकास दर में 4.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। आशा की जानी चाहिए कि अब भारत के साथ ही दुनिया में भी मोटे अनाज की खपत बढ़ेगी। इससे न केवल भारत बल्कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी नए रोजगारों का सृजन होगा, किसानों की आय बढ़ेगी और खाद्य-पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

पीएम मोदी ने सांसदों के संग लिया बाजरे और रागी से तैयार व्यंजनों का लुत्फ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार, 20 दिसंबर,2022 को सांसदों के साथ मोटा अनाज (मिलेट्स) रागी और बाजरे से बने विभिन्न तरह के खाने का आनंद लिया। प्रधानमंत्री मोदी की पहल और भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया। इसी सिलसिले में कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित मोटा अनाज से तैयार लंच कायक्रम में प्रधानमंत्री मोदी सहित अन्य नेताओं को मिलेट्स से तैयार व्यंजन परोसे गए। अपने एक ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अब जबकि हम 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे हैं, मैं संसद में एक शानदार दोपहर के भोजन में शामिल हुआ जहां मिलेट्स से तैयार व्यंजन परोसे गए। इसमें दलगत भावना से हटकर हुई भागीदारी को देखकर अच्छा लगा।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव को मोटे अनाज का लंच

विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित यूएन सुरक्षा परिषद के सदस्यों को मोटे अनाज के लंच के लिए 15 दिसंबर 2022 को आमंत्रित किया गया था। लंच से पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि इसके जरिए मोटे अनाज की खासियतों से सुरक्षा परिषद के सदस्य वाकिफ हो पाएंगे। ये लंच टाटा समूह के ताज होटेल से जुड़े पियरे होटल में बनाया गया था। इसे लेकर विदेश मंत्री ने ट्वीट किया था, “न्यूयॉर्क में आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और यूएनएससी सदस्यों के ‘मिलेट लंच’ की मेजबानी से खुशी हो रही है।”

वर्ष 2022-23 में 608 करोड़ का बाजरा निर्यात किया गया

वर्ष 2018-19 में भारत ने बाजरे के निर्यात से 542 करोड़ रुपये की कमाई की। वहीं 2019-20 में 426 करोड़, 2020-21 में 436 करोड़, 2021-22 में 469 करोड़ और 2022-23 में यह बढ़कर 608 करोड़ रुपये हो गया। 2018-19 में भारत ने 219402 मीट्रिक टन, 2019-20 में 129013 मीट्रिक टन, 2020-21 में 146994 मीट्रिक टन, 2021-22 मे 158510 और 2022-23 में 169049 मीट्रिक टन बाजरे का निर्यात किया। इसके साथ ही 47249 मीट्रिक टन ज्वार का निर्यात कर 185 करोड़ रुपये, 21439 मीट्रिक टन रागी का निर्यात कर 116 करोड़ रुपये और 16845 मीट्रिक टन अन्य मोटे अनाज का निर्यात कर 52 करोड़ रुपये की कमाई की गई।  

मिलेट्स यानी श्री अन्न से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर एक नजर-

संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को घोषित किया ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आवाज को दुनिया के सभी मंचों पर पूरी गंभीरता से सुनी जा रही है। इसका एक और प्रमाण 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में मिला। जहां 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित करने के भारत के प्रायोजित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई। 70 से अधिक देशों ने इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया था, जिसका उद्देश्य बदलती परिस्थितियों में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए भोजन में इन पोषक अनाजों को शामिल करने के लिए वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।

भारत के प्रस्ताव पर 72 देशों ने दी थी मंजूरी

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 5 मार्च, 2021 को साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया था। भारत सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला था। इस घोषणा के माध्यम से, यूएनजीए का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए पोषक अनाज (श्री अन्न) के बारे में जागरुकता बढ़ाना, अनुसंधान एवं विकास और विस्तार में निवेश बढ़ाना व श्री अन्न की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करना है।

PM मोदी ने किया ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 मार्च 2023 को नई दिल्ली में ‘ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम)-2023 पर एक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मुझे गर्व है कि भारत ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ का नेतृत्व कर रहा है। ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस जैसे आयोजन न केवल ग्लोबल गुड के लिए जरूरी हैं बल्कि ग्लोबल गुड्स के लिए भारत की बढ़ती जिम्मेदारी का प्रतीक भी हैं।’

‘श्री अन्न’ भारत में समग्र विकास का माध्यम

पीएम मोदी ने कहा कि ‘श्री अन्न’ भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है, इसमे गांव भी जुड़ा है और गरीब भी जुड़ा है। श्री अन्न यानी देश के छोटे किसानों के समृद्धि का द्वार है। श्री अन्न यानी देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार है। श्री अन्न यानी देश के आदिवासी समाज का सत्कार है। श्री अन्न यानी कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार है। श्री अन्न यानी केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार है। श्री अन्न यानी क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में मददगार है।

भारत को ‘मोटे अनाजों का वैश्विक केंद्र’ बनाना लक्ष्य

भारत सरकार का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को किसानों, उपभोक्ताओं के समग्र लाभ और जलवायु के लिए एक जन आंदोलन बनाना है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने आईवाईएम 2023 के लक्ष्यों को हासिल करने और भारत को ‘मोटे अनाजों के वैश्विक केंद्र’ के रूप में स्थापित करने के लिए बहु-हितधारक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है। इसमें किसानों, स्टार्ट-अप, निर्यातकों, खुदरा व्यवसायों, होटल संघों तथा भारत और विदेशों में सरकार के विभिन्न अंगों को शामिल किया गया है। वर्ष 2023 मोटे अनाजों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साल भर चलने वाले अभियान और अनेक गतिविधियों का साक्षी बनेगा।

दुनिया भर में बढ़ रहा है मोटे अनाज यानी मिलेट्स का क्रेज : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त 2022 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 92वें एपिसोड में कहा कि आज, दुनिया भर में मोटे अनाज का का क्रेज बढ़ता जा रहा है। बाजरा, मोटे अनाज, प्राचीन काल से ही हमारी खेती, संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा रहे हैं। हमारे वेदों में भी बाजरा का उल्लेख मिलता है। आप देश के किसी भी हिस्से में जाएं, आपको, वहां लोगों के खान-पान में, अलग-अलग तरह के मिलेट्स जरुर देखने को मिलेंगे। हमारी संस्कृति की ही तरह, मिलेट्स में भी, बहुत विविधताएं पाई जाती हैं। ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी, कुट्टू, ये सब मिलेट्स ही तो हैं। भारत, विश्व में, मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, इसलिए इस पहल को सफ़ल बनाने की बड़ी ज़िम्मेदारी भी हम भारत-वासियों के कंधे पर ही है। हम सबको मिलकर इसे जन-आंदोलन बनाना है, और मिलेट्स के प्रति जागरूकता भी बढ़ानी है।

पीएम मोदी ने 2018 में किया था मंडुवे के बिस्कुट का जिक्र

साल 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के मुनार गांव में रहने वाली महिलाओं द्वारा स्थापित मां चिल्ठा सहकारिता समूह की तारीफ की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि, ‘उत्तराखंड के बागेश्वर में मुख्य रूप से मंडुवा, चौलाई होता है। मंडुवे के बिस्कुट में काफी मात्रा में आयरन होता है। ये बिस्कुट गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी हैं। इन किसानों ने मुनार गांव में एक सहकारी संस्था बनाई और बिस्कुट बनाने की फैक्ट्री खोली है। किसानों की हिम्मत देखकर प्रशासन ने भी इसे राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़ दिया। ये बिस्कुट अब न सिर्फ बागेश्वर जिले में बल्कि कौसानी और अल्मोड़ा में भी पहुंचाए जा रहे हैं। किसानों की मेहनत से संस्था का सालाना टर्नओवर न केवल 10 से 15 लाख रुपए पहुंच गया है बल्कि 900 से अधिक परिवारों को रोजगार के अवसर मिल चुके हैं। इस जिले से होने वाला पलायन भी रुक गया है।’

पोषक तत्वों से भरपूर होता है मिलेट्स

मिलेट्स में अपेक्षाकृत रूप से पोषक तत्व ज़्यादा होते हैं। फसलों में ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू फसलें आती हैं। भारत मोटे अनाज, यानी मिलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में पैदा होने वाला मिलेट वैश्विक उत्पादन का लगभग एक तिहाई है। अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023, बाजरा के वैश्विक उत्पादन को बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण और फसल चक्रण का बेहतर उपयोग करने तथा खाद्य बास्केट के एक प्रमुख घटक के रूप में बाजरे को स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा। सरकार रेडी टू ईट (आरटीई) तथा रेडी टू सर्व (आरटीएस) श्रेणी में नूडल्स, पास्ता, ब्रेकफास्ट सीरियल्स मिक्स, बिस्कुट, कुकीज, स्नैक्स, मिठाई जैसे मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन के लिए स्टार्टअप को भी सक्रिय कर रही है।

स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है मिलेट्स

मिलेट्स का आहार फाइबर से भरपूर होता है, जो इन अनाजों को स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए बेहतरीन बनाता है। मिलेट्स विटामिन ए, बी और फॉस्फोरस, पोटेशियम, नियासिन, कैल्शियम, आयरन और पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट जैसे खनिजों से भरपूर होता है। जो इन अनाजों को पोषण का पावरहाउस बनाते हैं और हृदय रोगों, स्ट्रोक, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। आज जबकि अवसरवादी खाद्य संकट का फायदा उठाते हुए सिंथेटिक मांस जैसे उत्पादों की वकालत कर रहे हैं वहीं पीएम मोदी दुनिया को अधिक स्वस्थ भोजन का विकल्प दे रहे हैं। कुछ साल पहले पीएम मोदी ने दुनिया को योग दिया और अब मिलेट्स के जरिये स्वस्थ भोजन का रास्ता दिखा रहे हैं जो कि सेहत के लिए अच्छा है।

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