सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील दिया जाता है। इसमें आए दिन घटिया खाना से लेकर तमाम घपले की सूचना मिलती रहती है। केंद्र सरकार ने लाभार्थी बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। जिन स्कूली बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है, उन्हें जून तक अपना आधार कार्ड बना लेने का समय दिया है। जून के बाद जिन बच्चों का आधार नंबर नहीं होगा, उन्हें मिड डे मील का लाभ नहीं मिल पाएगा।
नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी इस निर्णय को गरीब विरोधी, भूख और कुपोषण के विरोधी फैसले के रूप में देख रहे हैं। उनके ट्वीट को देखने से तो यही लगता है।
कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रिंयका चतुर्वेदी का ये ट्वीट देखिए।
When id number becomes more important than tackling hunger and malnourishment. Well done BJP! https://t.co/2sitdFUDKh
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) March 4, 2017
चारा घोटाले के दोषी और और चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित हो चुके राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सुपुत्री डॉ मीसा भारती का ये बयान देखिए।
सबके सामने एक गरीब भूखे बच्चे से थाली छीन ली जाएगी अगर उसके पास Aadhar नहीं! क्या यह शर्मनाक नहीं?गरीब की गरिमा नही? https://t.co/5eFqsTNdJM
— Dr. Misa Bharti (@MisaBharti) March 4, 2017
अब जरा इस ट्वीट को देखिए।
Everything in this country is to make people fall in line. This is when SC says Aadhaar isn’t necessary https://t.co/761Ua0Nu4A
— KB Byju (@KBByju) March 4, 2017
जिन बच्चों को मिड डे मील का लाभ मिलना है। उन तक मिड डे मील का लाभ मिल रहा है या नहीं मिल रहा है। यह जांचने परखने के लिए बहुत जरूरी है आधार। ये प्रक्रिया पारदर्शी भी होना चाहिए। इसमें गलत क्या है। हां। लोगों को, अधिकारियों को, नेताओं को यह व्यवस्था करनी चाहिए कि हर किसी का आधार नंबर बने, कोई लाभार्थी छूटे नहीं। अगर इस पर ध्यान न देकर आधार नंबर को अनिवार्य बनाने को गलत करार देते हुए विरोध करेंगे तो विरोधी केवल और केवल भ्रष्टाचार, घपले के पोषक कहलाएंगे।
– दीपक राजा