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मेरा बूथ सबसे मजबूत: प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे बिहार के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार, 15 अक्टूबर को एक खास ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ अभियान के तहत बिहार के बीजेपी बूथ कार्यकर्ताओं से सीधी बातचीत करेंगे। ये संवाद न सिर्फ कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने वाला है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जमीनी रणनीति को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ अभियान का मकसद है बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से जुड़ना, उनकी सुनना और चुनाव की रणनीति को नीचे तक मजबूत करना। इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी कार्यकर्ताओं से न सिर्फ संवाद करते हैं, बल्कि उनके सुझावों को भी गंभीरता से सुनते हैं।

मोदी जी ने खुद कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर ये जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा कि बिहार में भाजपा-एनडीए की विजय के लिए हमारे समर्पित कार्यकर्ता पूरी ऊर्जा के साथ जुट चुके हैं। ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं से संवाद हमेशा नई प्रेरणा देता है। 15 अक्टूबर को मुझे ऐसे ही कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करने का अवसर मिलेगा। मेरा आग्रह है आप सभी ‘मेरा बूथ सबसे मज़बूत’ अभियान से जुड़ें और अपने सुझाव आज ही साझा करें। चुने गए कुछ कार्यकर्ताओं से उनके सुझावों पर मैं सीधे उनके साथ चर्चा भी करूंगा।

अब आज वो उन सुझावों पर चर्चा करने वाले हैं। कुछ चुने हुए कार्यकर्ताओं से वो सीधी बात करेंगे। ये एक तरह से ऐसा मौका है जहां आम कार्यकर्ता भी सीधे प्रधानमंत्री से संवाद कर सकता है। ज़ाहिर है, इससे कार्यकर्ताओं में जोश तो बढ़ेगा ही, साथ ही पार्टी को जमीनी हकीकत का भी पता चलेगा।

इस बीच, बिहार में चुनावी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। एनडीए ने टिकट बंटवारे पर फैसला कर लिया है। बीजेपी और जेडीयू ने तय कर लिया है कि दोनों पार्टियां 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। बाकी बची सीटें एलजेपी (रामविलास), आरएलएम और हम (सेक्युलर) जैसी सहयोगी पार्टियों को मिलेंगी।

अब पार्टी का पूरा फोकस है बूथ लेवल पर मजबूत पकड़ बनाने पर। क्योंकि जैसा कि मोदी अक्सर कहते हैं, “अगर बूथ जीता, तो चुनाव जीता”। और यही सोच इस पूरे अभियान के पीछे है। ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कोई एक दिन की बात नहीं है। ये एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें पार्टी नेताओं का मकसद है कि बूथ पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं को सिर्फ आदेश न दिए जाएं, बल्कि उनकी बात भी सुनी जाए क्योंकि वही लोग असली ग्राउंड रियलिटी जानते हैं।

आज के इस संवाद से पार्टी को फीडबैक मिलेगा, जो चुनाव की तैयारी में काफी मददगार हो सकता है। कार्यकर्ताओं को भी महसूस होगा कि उनकी बात मायने रखती है, और वो भी पार्टी के बड़े फैसलों में कहीं न कहीं हिस्सेदार हैं।

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