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गंदगी को लेकर हर नागरिक में हो गायत्री की तरह गुस्सा- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में गंदगी की समस्या उठाने वाली स्कूली छात्रा गायत्री का जिक्र किया। गायत्री के संदेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उसके अंदर कचरे और गंदगी को लेकर गुस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के अंदर भी गंदगी को लेकर ऐसा ही गुस्सा होना चाहिए। अगर ऐसा ही गुस्सा सवा सौ करोड़ देशवासियों के मन में आ जाएगा तो हम गंदगी के खिलाफ कुछ न कुछ जरूर करने लग जाएंगे।

रेडियो कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे देहरादून से गायत्री नाम की एक बिटिया ने फोन करके एक मैसेज भेजा है –

‘आदरणीय प्रधानाचार्य, प्रधानमंत्री जी, आपको मेरा सादर प्रणाम। सबसे पहले तो आपको बहुत बधाइयां कि आप इस चुनाव में आपने भारी मतों से विजय हासिल की है। मैं आपसे अपने मन की बात करना चाहती हूं। मैं कहना चाहती हूं कि लोगों को यह समझाना होगा कि स्वच्छता कितनी जरूरी है। मैं रोज उस नदी से हो कर जाती हूं, जिसमें लोग बहुत सा कूड़ा-करकट भी डालते हैं और नदियों को दूषित करते हैं। वह नदी रिस्पना पुल से होते हुए आती है और मेरे घर तक भी आती है। इस नदी के लिये हमने बस्तियों में जा करके हमने रैली भी निकाली और लोगों से बातचीत भी की, परन्तु उसका कुछ फायदा न हुआ। मैं आपसे ये कहना चाहती हूं कि अपनी एक टीम भेजकर या फिर न्यूजपेपर के माध्यम से इस बात को उजागर किया जाए, धन्यवाद।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि 11वीं कक्षा की एक बेटी की कितनी पीड़ा है। उस नदी में कूड़ा-कचरा देख कर के उसको कितना गुस्सा आ रहा है। मैं इसे अच्छी निशानी मानता हूं। मैं यही तो चाहता हूँ, सवा-सौ करोड़ देशवासियों के मन में गंदगी के प्रति गुस्सा पैदा हो। एक बार गुस्सा पैदा होगा, नाराजगी पैदा होगी, उसके प्रति रोष पैदा होगा, हम ही गंदगी के खिलाफ कुछ-न-कुछ करने लग जाएंगे। और अच्छी बात है कि गायत्री स्वयं अपना गुस्सा भी प्रकट कर रही है, मुझे सुझाव भी दे रही है, लेकिन साथ-साथ खुद ये भी कह रही है कि उसने काफी प्रयास किए; लेकिन विफलता मिली। जब से स्वच्छता के आन्दोलन की शुरुआत हुई है, जागरूकता आई है। हर कोई उसमें सकारात्मक रूप से जुड़ता चला गया है। उसने एक आंदोलन का रूप भी लिया है।गन्दगी के प्रति नफरत भी बढ़ती चली जा रही है। जागरूकता हो, सक्रिय भागीदारी हो, आंदोलन हो, इसका अपना महत्व है ही। लेकिन स्वच्छता आंदोलन से ज्यादा आदत से जुड़ी हुई होती है। ये आंदोलन आदत बदलने का आंदोलन है, ये आंदोलन स्वच्छता की आदत पैदा करने का आंदोलन है, आंदोलन सामूहिक रूप से हो सकता है। काम कठिन है, लेकिन करना है। मुझे विश्वास है कि देश की नयी पीढ़ी में, बालकों में, विद्यार्थियों में, युवकों में, ये जो भाव जगा है, ये अपने-आप में अच्छे परिणाम के संकेत देता है। आप मेरी ‘मन की बात’ में गायत्री की बात जो भी सुन रहे हैं, मैं सारे देशवासियों को कहूंगा कि गायत्री का संदेश हम सब के लिये संदेश बनना चाहिए।

मन की बात कार्यक्रम में अपनी बात शामिल किए जाने पर उत्तराखंड की गायत्री काफी खुश है। गायत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को इसके लिए शुक्रिया अदा किया है। गायत्री का कहना है कि गंदगी को लेकर लोगों को गंभीर होना होगा। देहरादून के दीपनगर में रहने वाली गायत्री पेगवाल राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजबुरकलां में 11वीं की छात्रा है। गायत्री के पिता गुलाब सिंह वेल्डिंग की दुकान चलाते हैं और मां छाया गृहिणी हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से गायत्री से प्रेरणा लेने की बात कही है।

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