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‘ममता तालिबान’ के शासन में हिंदुओं के लिए ‘लिंचिस्तान’ बन गया पश्चिम बंगाल

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27 जुलाई को पश्चिम बंगाल में बीजेपी के दलित हिंदू कार्यकर्त्ता शक्तिपदा सरदार की हत्या कर दी गई। 29 जुलाई को दक्षिण 24 परगना जिले में एक और भाजपा कार्यकर्ता समरेश मैती को ‘तालिबानी स्टाइल’ में फांसी पर लटकाने की कोशिश की गई। हालांकि उनकी किस्मत अच्छी थी कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर पीछा किया और उन्हें टीएमसी के गुंडों से बचा लिया। दरअसल पिछले पंचायत चुनावों में इस इलाके में भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को कई सीटों पर हराया है। इसके बाद से ही टीएमसी के गुंडों द्वारा हिंदू कार्यकर्ताओं को सरेआम मारा जा रहा है।

आपको बता दें कि पंचायत चुनाव के बाद बीते डेढ़ महीने में ही 24 कार्यकर्ताओं की सरेआम हत्या कर दी गई है। उन्हें न सिर्फ सरेआम मारा जा रहा है बल्कि कइयों को तो मार कर लटका भी दिया जा रहा है। ‘तालिबानी शासन शैली’ में किए जा रहे कत्लेआम के पीछे का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ यही है कि पूरे प्रदेश में यह संदेश जाए कि भाजपा को समर्थन किया तो जिंदा नहीं बचोगे!

दरअसल पश्चिम बंगाल में वाम दलों के हिंसक शासन के खात्मे के बाद अब तृणमूल कांग्रेस का युग है, लेकिन बंगाल की सूरत नहीं बदली है। प्रदेश में भाजपा के राजनीतिक उभार से डरी ममता बनर्जी के शासन में खुलेआम हिंदुओं की लिंचिंग हो रही है, लेकिन देश का तथाकथित सेक्यूलर मीडिया भी मौन है!

    ‘तालिबानी स्टाइल’ में की जा रही हिंदुओं की हत्या
28 जुलाई  शक्तिपद सरदार की धारदार हथियार से की गई हत्या
11 जुलाई पिता-पुत्र लालमन महतो और दीपक की एक साथ हत्या
 01 जून बलरामपुर में दुलाल कुमार की हत्या, खंभे पर लटकाया
 30 मई 18 वर्षीय त्रिलोचन महतो की हत्या कर पेड़ से लटकाया
 15 मई चुनाव अधिकारी राजकुमार राय की हत्या कर शव फेंका
 13 मई CPI (M) के देबू दास और पत्नी ऊषा को जिंदा जलाया


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