Home पश्चिम बंगाल विशेष पीएम मोदी को ‘फिनिश’ करना चाहती हैं ममता, जानिये क्यों…

पीएम मोदी को ‘फिनिश’ करना चाहती हैं ममता, जानिये क्यों…

SHARE

ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने एक नया नारा दिया है, ”2019, भाजपा फिनिश’’। जाहिर है यह आने वाले आम चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है, लेकिन इसकी गहराई में जाएंगे तो वह पीएम मोदी को राजनीतिक तौर पर हर हाल में हराने का दावा कर रही हैं। ऐसा बयान भी उन्होंने पहले दिया है कि ‘मोदी हटाओ अभियान’ ही उनका एजेंडा है। अब सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है जो ममता बनर्जी पीएम मोदी से खुन्नस खाए हुए हैं? आखिर क्या कारण है कि उन्होंने एक सूत्रीय प्रोग्राम बना लिया है कि मोदी को हटाओ?  सबसे महत्वपूर्ण ये है कि इस लड़ाई में वे अकेले नहीं है, बल्कि तमाम ऐसे नेताओं के साथ हैं जो मोदी हटाओ अभियान को अपना प्रथम एजेंडा बनाए हुए हैं। 

ममता की ‘मोदी हटाओ’ मुहिम में ये भी हैं शामिल
ममता बनर्जी के नारे ‘भाजपा भारत छोड़ो’ की मुहिम में कौन-कौन शामिल हो सकते हैं इनके नाम सुनेंगे तो सारा माजरा समझ आ जाएगा। नेशनल हेरल्ड घोटाले में घिरीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जमीन घोटाले में फंसे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सजायाफ्ता चारा चोर लालू यादव, आय से अधिक संपत्ति मामले में आयकर विभाग के राडार पर रहीं मायावती, दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे लोग हिस्सा हैं। 

Image result for ममता लालू केजरीवाल सोनिया

ममता के दामन पर भी लगे हैं घोटालों के दाग
खुद ममता बनर्जी पर कई घोटालों के दाग हैं। नारदा, शारदा और रोजवैली स्कैम में उनपर आम लोगों के सैकड़ों करोड़ रूपये इधर से उधर करने के आरोप हैं। इन सभी मामलों की जांच चल रही है। ये जांच अदालतों की अगुवाई में केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। ममता सरकार के कई पूर्व मंत्री और टीएमसी नेता इन्हीं मामलों में सलाखों के पीछे डाले जा चुके हैं। बस यही मामले ममता की कमजोर कड़ी हैं। वो जानती हैं की पीएम मोदी के रहते भ्रष्टाचार के किसी भी मामले को दबाना नाममुकिन है। उन्हें लगता है कि निष्पक्ष जांच होने पर तो उन्हें भी जेल जाना पड़ सकता है।

Image result for mamta fear from modi

भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भ्रष्टाचार के आरोप
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक पर घोटाले के आरोप हैं। उनकी कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड’ को राज किशोर मोदी नाम के एक शख्स ने भुगतान किया। बताया जा रहा है कि राज किशोर मोदी जमीन की सौदेबाजी का काम करता है। उसपर जमीन हथियाने और हत्या की कोशिश में शामिल होने जैसे आपराधिक आरोप हैं और उसके खिलाफ जांच भी चल रही है। कागजातों से पता चलता है कि राज किशोर ने लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड में डेढ़ करोड़ रुपयों से ज्यादा का निवेश किया। आरोप है कि अभिषेक जब इस कंपनी के डायरेक्टर थे, तब उन्हें कमीशन भी दिया गया था।

ममता की साख बचाने की कोशिस
अभिषेक बनर्जी के मामले में ममता बनर्जी के लिए कई चीजें परेशानी का कारण बन सकती हैं। अभिषेक की कंपनी के निदेशक, जिनमें अभिषेक की पत्नी भी शामिल हैं, मुख्यमंत्री बनर्जी के आधिकारिक निवास ’30 बी, हरीश चटर्जी रोड, कोलकाता’ में रहते हुए दिखाए गए हैं। बताया गया है कि ये सभी CM आवास में ही रहते हैं। यह कागजात अभिषेक पर लग रहे आरोपों को ममता के करीब ले आया है। अभिषेक 2014 में सांसद बने। इससे पहले तक वह ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री आवास में ही रह रहे थे। सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स’ के निदेशक पद से इस्तीफा दिया था।

फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई से बचने की कवायद
पश्चिम बंगाल की सबसे अधिक कंपनियां मुखौटा कंपनियों के खिलाफ की जा रही जांच के घेरे में हैं। आयकर विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआइओ) कुल 331 संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की जांच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) कर रही है। इनमें कम से कम 145 कंपनियां कोलकाता में रजिस्टर्ड हैं और 127 कंपनियां गंभीर जांच के घेरे में हैं। कहा जा रहा है कि इन फर्जी कंपनियों में से कई के तार सत्ताधारी दल से जुड़े हैं। 

भाजपा के उभार से डरी हुई हैं ममता बनर्जी
पिछले तमाम चुनावों का ग्राफ देखें तो लगता है कि राज्य में बीजेपी का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा है। हाल में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा प्रदेश में दूसरे नंबर की पार्टी बन कर उभरी है और लगभग छह हजार पंचायतों पर जीत भी हासिल कर ली है। यही कारण है भाजपा कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के कार्यकर्ता हमले कर रहे हैं। दरअसल टीएमसी-कांग्रेस-लेफ्ट का अघोषित गठबंधन है, ये बात वहां की जनता भलि-भांति समझ चुकी है। भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के कारण उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है इसीलिए वो भाजपा को ही अपना मुख्य विरोधी मानने लगी हैं।

फर्जीवाड़े में पश्चिम बंगाल सबसे आगे
भारत में बीते तीन साल में दो करोड़ 33 लाख फर्जी राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं, जिससे सरकार को हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है। लेकिन हैरत वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा फर्जी राशन कार्ड ममता बनर्जी के ही पश्चिम बंगाल से ही पकड़े गए हैं। 66 लाख 13 हजार 961 फर्जी राशन कार्ड पश्चिम बंगाल में पकड़े गए। जाहिर है वे सभी के सभी अवैध बांग्लादेशियों के नाम पर हैं। अरबों रुपये का ये घोटाला ममता सरकार की शह पर चल रहा था। एक सच यह भी है कि ये सारे फर्जी राशन कार्ड अवैध बांग्लादेशियों के हैं जो फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवाकर भारत का नागरिक बन गए हैं। जाहिर है अब आप समझ गए होंगे कि ममता के भाजपा विरोध का सच क्या है।

मुस्लिमों के तुष्टिकरण से वोट बैंक की राजनीति
एक मुसलमान को तारकेश्वर मंदिर ट्रस्ट का चेयरमैन बनाना, एक फेसबुक पोस्ट के लिए नाबालिग को जेल में डाल देना, हिंदुओं के पर्व-त्योहारों में जुलूस निकालने पर पाबंदी, बशीरहाट में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर खामोशी जैसे तमाम उदाहरण हैं जो ममता को कठघरे में खड़ा करते हैं। मालदा में हिंदुओं की दुकानों-मकानों में तोड़-फोड़ के साथ ही ममता बनर्जी द्वारा कई मौकों पर हिंदुओं के विरुद्ध किए जाने वाले कार्य साबित करते हैं कि ममता बनर्जी मुस्लिमों का समर्थन करती हैं। हिंदू विरोधी ममता बनर्जी किसी भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में धर्म के आधार पर भेद नहीं किया जाता है लेकिन ममता भारत के संविधान की आत्मा पर भी आघात करती हैं और बहुसंख्यक आबादी को पश्चिम बंगाल में दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रखा है।

पशुओं की तस्करी का धंधा चलता रहे
पश्चिम बंगाल और बांगलादेश की सीमा से सटे जिलों – उत्तरी 24 परगना, मुर्शिदाबाद और मालदा में पशुओं को बेचने और खरीदने वाले पांच गैरकानूनी पशु हाट मौजूद हैं। उत्तरी 24 परगना के कटीहाट एवं पंचपोटा के हाट, मुर्शिदाबाद के कृषनपुर व दुलियां के हाट और मालदा का पाकुआ हाट, अंतरराष्ट्रीय सीमा से आठ किलोमीटर की दूरी के अंदर ही मौजूद हैं, जो देश के कानून और स्वयं राज्य सरकार के 2003 के शासनादेश के खिलाफ हैं। ये आठ किलोमीटर का क्षेत्र सीमा सुरक्षा बल की निगरानी क्षेत्र में आता है लेकिन सभी पशु हाट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
अब जब ममता बनर्जी कानून और नियमों को ताक पर रखते हुए, इन पशु हाटों को हटाने को नहीं तैयार हैं।

 

Leave a Reply