मोदी सरकार अब सामान्य कला विषयों को बढ़ावा देने के लिए नई योजना लेकर आ रही है। मोदी सरकार बाकी विषयों की तरह लिबरल आर्ट्स को भी शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रही है। जिसके तहत अब सरकार ऐसी यूनिवर्सिटीज स्थापित करने जा रही हैं जिनसे मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन को बढ़ावा मिल सके।
आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर खुलेंगी लिबरल आर्ट्स यूनिवर्सिटीज
मोदी सरकार आईआईटी और आईआईएम की तरह ही लिबरल आर्ट्स की शिक्षा के लिए सरकारी यूनिवर्सिटीज स्थापित करना चाहती है। इसका उल्लेख नई शिक्षा नीति एनईपी के अंतिम प्रारूप में किया गया है।
उच्च शिक्षा के लिए प्रस्तावित इन विश्वविद्यालयों को मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) कहा जाएगा जो सामान्य कला विषयों के लिए होगा। साथ ही इसका लक्ष्य आगे चलकर अमेरिका की आइवी लीग के विश्वविद्यालयों के स्तर का बनाना होगा।
निजी क्षेत्र में ही हैं मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन सिस्टम
देश में अभी सिर्फ निजी क्षेत्र में ही आर्ट्स के विश्वविद्यालय हैं, जिनमें मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन सिस्टम है। वहीं मोदी सरकार अब सार्वजनिक क्षेत्र के लिबरल आर्ट्स संस्थानों की स्थापना के लिए मौजूदा संस्थानों के एकीकरण के साथ-साथ नई यूनिवर्सिटीज भी स्थापित करेगी।
क्या कहती है नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत ये भी कहा गया है कि एकल विधा के उच्च शिक्षा संस्थानों को बहु-विधा संस्थान बनने की दिशा बढ़ना होगा। साथ ही आईआईटी जैसे संस्थानों को भी लिबरल आर्ट्स के लिए जगह बनानी होगी।
नई शिक्षा नीति में ओलंपियाड जैसी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, गर्मी की छुट्टियों में चलाए जाने वाले विषय, खेल स्पर्धाओं आदि को प्रवेश प्रक्रिया में विशेष महत्व देना भी है। साथ ही इसे आईआईटी और एनआईटी, में दाखिले की प्रक्रिया में भी लागू किया जाएगा।