किसी भी राजनीतिक दल के नेता की चाहत होती है कि वह देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी देश का प्रधानमंत्री बनने की चाहत रखते हैं। ऐसी चाहत रखना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। हालांकि वे कुछ जल्दी में हैं और वे झूठ और फरेब के हथकंडे अपना रहे हैं। इस क्रम में वे कभी अपनी अधूरी जानकारी पर एक्सपोज हो रहे हैं तो कभी फर्जी खबरें फैलाकर देश को गुमराह कर रहे हैं।
आइये हम हाल की कुछ ऐसी ही खबरों पर नजर डालते हैं जो राहुल के झूठ का पोल तो खोलती ही हैं, साथ ही उनकी आधी-अधूरी जानकारियों को भी साबित करती हैं।
25 सेकेंड में तीन झूठ बोल गए राहुल गांधी
एक कार्यक्रम में राहुल गांधी मोदी सरकार को निशाने पर ले रहे थे, लेकिन कम जानकारी के कारण अपनी ही फजीहत करवा बैठे। दरअसल वे 25 सेकेंड में ही तीन झूठ बोलते पकड़ लिए गए। पहला ये कि उन्हों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को आरबीआई का चेयरमैन कह दिया। दूसरा उन्होंने डिमोनिटाइजेशन को डिमोलेटाइजेशन कह दिया। तीसरा यह कि उन्होंने कहा कि रघुराम राजन को मोदी सरकार ने हटा दिया, जबकि सच्चाई ये है कि उनका कार्यकाल पूरा हुआ था।
एससी/एसटी एक्ट पर राहुल गांधी ने फैलाया झूठ
20 मार्च को जब सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के तहत हुए एफआइआर में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई, लेकिन राहुल गांधी ने झूठी खबर फैला दी। उन्होंने कर्नाटक की एक सभा में कहा कि एससी/एसटी एक्ट को ही भंग कर दिया गया है। राहुल गांधी किसी कानून को भंग करने और तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश में अंतर नहीं जानते होंगे, ऐसा तो नहीं माना जा सकता है। जाहिर है उन्होंने जानबूझ कर झूठ फैलाया और देश को हिंसा की आग में धकेल दिया।
Lies and only Lies!
See how @RahulGandhi fictitiously revokes the SC/ST Act to incite hatred in society. pic.twitter.com/4vcnM0zltM
— Amit Shah (@AmitShah) 5 April 2018
डेटा लीक पर झूठ फैलाकर बुरे फंसे राहुल गांधी
फेसबुक का डेटा चुराने वाली कंपनी, कैंब्रिज एनालिटिका का कांग्रेस के लिए काम करने की मीडिया रिपोर्टों में खुलासा हुआ। इस चोरी को छिपाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के NaMo App पर डेटा चोरी का झूठा आरोप लगा दिया। सोशल मीडिया पर #NaMoAppdelete कैंपेन शुरु कर दिया, लेकिन इसका असर उल्टा पड़ा NaMo App के डाउनलोड की संख्या बढ़ने लगी। वहीं डेटा लीक करने के आरोपों से बचने के लिए कांग्रेस को अपना INCIndia App और पार्टी का आधिकारिक वेबसाइट एड्रेस हटाना पड़ा।
चीन के राजदूत से मिलने पर राहुल ने देश से झूठ बोला
डोकलाम विवाद के बीच राहुल गांधी ने 8 जुलाई 2017 को चीन के राजदूत से दिल्ली में मुलाकात की थी। सरकार और जनता से छिपकर की गई इस मुलाकात की खबरें जब सामने आईं तब भी कांग्रेस पार्टी ने झूठ बोला। हालांकि राहुल की चीनी राजदूत से हुई मुलाकात के रहस्य का पर्दा तब उठा जब 10 जुलाई को चीनी दूतावास की वेबसाइट पर मुलकात की तस्वीरें जारी कर दी गई। जाहिर है राहुल गांधी ने इस मामले में भी झूठ बोला और देश को धोखा देने की कोशिश की।
महाभारत के कालखंड पर राहुल गांधी ने झूठ फैलाया
20 मार्च, 2018 को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने राहुल गांधी ट्वीट किया जिसमें महाभारत को 1000 साल पहले की घटना बता दिया। खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानने वाले व्यक्ति को महाभारत के कालखंड के बारे में जानकारी नहीं है तो सोचनीय बात जरूर है। हालांकि ऐसी शंका जाहिर की गई कि उन्होंने जानबूझ कर भी किया होगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इस्लाम धर्म के प्रति रूझान के कारण भी वे महाभारत काल से पहले इस्लाम धर्म के आगमन साबित करना चाहते होंगे।
राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी भी बोलती है झूठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस पार्टी भी तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करती है। हाल ही में जब केंद्र सरकार ने राज्यसभा में स्वीकार किया कि सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2014-15 से सितंबर 2017 तक 2.41 लाख करोड़ रुपये का लोन ‘राइट ऑफ’ किया तो कांग्रेस पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि सरकार ने कंपनियों का 2.41 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। जबकि ‘राइट ऑफ’ का सीधा मतलब ये होता है कि बैंक ने उसे अपनी बैलेंस शीट से हटाया है न कि लोन माफ किया है।