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प्रधानमंत्री पद पर नरेन्द्र मोदी के 3000 दिन पूरे, जानिए 8 बड़े फैसले जिन्होंने हर भारतीय पर डाला असर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (12 अगस्त, 2022) प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए 3000 दिन पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी का पिछले 3000 दिनों का सफर उपलब्धियों से भरा रहा है। इस दौरान उनकी सरकार ने कई ऐसे फैसले किए, जो काफी चर्चा में रहे। इन फैसलों ने जहां देश की दशा और दिशा को बदलने का काम किया, वहीं जनता के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे कई बड़े फैसले किए जिनका असर दूरगामी होने के साथ आम आदमी को राहत देने वाला रहा। प्रधानमंत्री मोदी के पद पर 3000 दिन पूरे होने पर आइए जानते हैं ऐसे आठ फैसलों के बारे में, जिन्होंने न सिर्फ सुर्खियां बटोरी बल्कि हर भारतीय पर असर डाला।

फैसला नंबर -1 : ‘महाटीकाकरण’ अभियान की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 जनवरी, 2021 को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर विश्व को अचंभित कर दिया। सरकार ने कठिन समय में जहां देशवासियों को बड़ी राहत दी, वहीं पड़ोसी और मित्र देशों को वैक्सीन मुहैया कराकर मदद की। मोदी सरकार का टीकाकरण अभियान लगातार कीर्तिमान बनाते हुए सफलता के साथ तेज गति से आगे बढ़ा रहा है। 11 अगस्त, 2022 को सुबह 7 बजे तक 207.29 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। 12 से 14 आयु वर्ग के 3,96,45,370 से ज्यादा बच्चों को पहली और 2,89,24,432 बच्चों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 6,14,11,968 किशोरों को पहली खुराक और 5,16,29,137 किशोरों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।

फैसला नंबर -2 : 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन वितरण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट के समय गरीब लोगों की सहायता के लिए मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया। इसके तहत 80 करोड़ लोगों को तीन महीने तक हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल), एक किलो दाल दिए जाने की व्यवस्था की गई। बाद में इसे छह चरणों में बढ़ाकर सितंबर 2022 तक किया गया। अब इस योजना के छठे चरण के तहत सितंबर 2022 तक 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलेगा। इसके तहत सरकार गरीब परिवारों को 1,003 लाख टन अनाज का वितरण करेगी जिस पर 3.4 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अब तक सरकार 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और अगले 6 महीनों में इस पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना के अब तक पांच चरण चलाए जा चुके हैं। मार्च 2022 तक खाद्य मंत्रालय ने कुल 759 लाख टन खाद्यान्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को वितरित किया था।

फैसला नंबर – 3 : आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट से उत्पन्न चुनौती को अवसर में बदलने के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाने का फैसला किया। 12 मई, 2020 को दिए राष्ट्र के नाम संदेश में 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक सहायता पैकेज का ऐलान किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत शब्द का जिक्र किया। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों को भी परिभाषित किया- इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड। इस मौके पर उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया और उन्होंने ग्लोबल बनाने की बात कही।

फैसला नंबर – 4 : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा

भारत की शिक्षा प्रणाली में एक बहुत बड़ा परिवर्तन करते हुए मोदी सरकार ने 29 जुलाई, 2020 को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी। यह नीति स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक सबके लिए एकसमान पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर देती है। इसमें 10+2 के फॉर्मेट को पूरी तरह से समाप्त कर स्कूली शिक्षा प्रणाली को 5+3+3+4 के रूप में बदला गया है। इसमें पहले 5 वर्ष अर्ली स्कूलिंग के होंगे। 3 से 6 वर्ष के बच्चों को भी स्कूली शिक्षा के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। शिक्षा का अधिकार जो पहले 6 से 14 साल था, उसका दायरा बढ़कर अब 3 से 18 साल किया गया है। स्नातक पाठ्यक्रम में मल्टीपल एंट्री एंड एक्ज़िट व्यवस्था को अपनाया गया है। इसमें क्रेडिट ट्रांसफर और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पॉलिसी का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत लाने का लक्ष्य रखा गया है।

फैसला नंबर – 5 : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का खात्मा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार प्रदान करने वाला अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। 5 अगस्त, 2019 को लागू इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से भारत का हिस्सा बन गया, और देश का सारा कानून एक समान रूप से उस पर भी लागू हो गया। प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता और विजनरी सोच की ही कमाल है कि ‘भारत का भाल’ जम्मू-कश्मीर अब सचमुच ही ‘स्वर्ग’ बनने के रास्ते पर चल पड़ा है। मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय का ही सुपरिणाम है कि जम्मू-कश्मीर में बदलाव की बयार बहने लगी है। दशकों से भारतीय नागरिकता और सरकारी सुविधाओं से वंचित दलितों को अब सभी सुविधाएं मिलने लगी हैं। वहां के सियासी दल भी अब कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की बात करने लगे हैं। सबसे बड़ी बात है कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं की सोच में अभूतपूर्व बदलाव आया है। जहां आतंकी घटनाओं में कमी आई है, वहीं जम्मू-कश्मीर में अब पत्थरबाजी की घटनाएं होने की सूचना अपवाद का विषय हो गया है। कश्मीर घाटी बंद के आह्वान अब नहीं होते। युवा अब आतंकियों के स्लीपर सेल बनने के बजाए अपने कैरियर और रोजगार पर तवज्जो दे रहे हैं।

फैसला नंबर – 6 : पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 सितंबर 2016 को आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला लेकर दुनिया को दिखा दिया कि भारत आतंकवाद को खत्म करने के लिए किस हद तक कदम उठा सकता है। 1971 में हुए युद्ध के बाद पहली बार भारतीय सेना ने सीमा पार की थी। इससे भारतीय सेना का पराक्रम भी दुनिया ने देखी। फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद 40 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी, 2019 की रात को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की। इस स्ट्राइक ने पूरे देश में राष्ट्रवाद और देशप्रेम की भावना जगा दी। मोदी सरकार के इस कदम की पूरे देश ने सराहना की, वहीं दुनिया ने भी भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साहस और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ ही भारतीय वायु सेना के पराक्रम को देखा। मोदी सरकार न केवल आतंकवाद का सफाया करने में जुटी है, बल्कि आतंक के अध्याय को हमेशा के लिए बंद करना चाहती है।

फैसला नंबर – 7 : जीएसटी से एक देश, एक टैक्स व्यवस्था लागू

देश में पीएम मोदी ने 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू कर दिया। इससे भारत में एक देश और एक कर व्यवस्था लागू हो गई। इस कानून के बाद देश में अलग-अलग प्रकार के टैक्स वसूली से मुक्ति मिली। इससे जहां टैक्स की विसंगतियां दूर हुईं वहीं देश में एक समान टैक्स का चलन शुरू हुआ। आज देश में जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हो रहा है। अप्रैल के महीने में जीएसटी कलेक्शन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। देश में जीएसटी लागू होने के बाद से अप्रैल 2022 में सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन हुआ। अप्रैल 2022 के महीने में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,67,540 करोड़ रुपये का रहा, जिसमें सीजीएसटी 33,159 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 41,793 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 81,939 करोड़ रुपये और उपकर 10,649 करोड़ रुपये शामिल हैं। अप्रैल 2022 में जीएसटी संग्रह पिछले महीने से 25,000 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले महीने में 1,42,095 करोड़ रुपये जमा हुए थे। ऐसा सातवीं बार हुआ है जब जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया और यह पहली बार हुआ कि सकल जीएसटी संग्रह 1.5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।

फैसला नंबर – 8 : नोटबंदी का साहसिक निर्णय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को एक साहसिक निर्णय करते हुए देश में नोटबंदी की घोषणा की। इस फैसले के तहत देश में तात्कालीन 500 और 1000 रुपये के नोट को प्रचलन से अमान्य कर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी के इस साहसिक फैसले से जहां देश में डिजिटल इकोनॉमी बढ़ी वहीं बाजार में मिनिमम कैश का कॉसेप्ट आया और डिजिटल ट्रांजेक्शन में इजाफा हुआ। आज भारतीय अर्थव्यवस्था लेस कैश सोसाइटी की ओर अग्रसर है। कैशलेस लेनदेन लोगों के जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ हर लेनदेन से काले धन को हटाते हुए क्लीन इकोनॉमी बनाने में भी मददगार साबित हुआ है। नवंबर 2016 में जहां यूपीआई आधारित ट्रांजेक्शन सिर्फ 90 करोड़ रुपये का था अक्तूबर 2018 में बढ़कर 74978 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। अब अप्रैल-2022 में जेट स्पीड के बढ़कर 1,66,30,01,313 करोड़ रुपये हो गया।

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