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‘अराजक’ अरविंद केजरीवाल को कर्नाटक की जनता ने दिखाया आईना

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी और इनके मुखिया अरविंद केजरीवाल का ड्रामा फिर शुरू हो गया है। 14 मई को वे एलजी अनिल बैजल के विरुद्ध धरने पर बैठे थे। जाहिर है अरविंद केजरीवाल एक बार फिर दिल्ली में ‘अराजक’ माहौल तैयार करना चाह रहे हैं, ताकि वे अपनी राजनीति फिर से चमका सकें। हालांकि आम आदमी पार्टी किस कदर जनता की नजरों में गिर चुकी है इसका पता कर्नाटक चुनाव नतीजों से लग रहा है। दरअसल उनकी ‘अराजक’ राजनीति को कर्नाटक की जनता ने आईना दिखा दिया है और उनके सभी 29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त कर ली है।

गौररतलब है कि पूरे देश में आम आदमी पार्टी का विस्तार का सपना संजोए अरविंद केरजीवाल ने इससे पहले पंजाब, गोवा और गुजरात में भी हाथ आजमाए थे, लेकिन उनके सपनों को झटके पर झटका लगता रहा है। आइये नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ झटकों पर-  

AAP के सभी 29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 29 उम्मीदवार खड़े किये थे, इन सभी की जमानत जब्त हो गई है। जाहिर है कर्नाटक की जनता ने अरविंद केजरीवाल को उनकी औकात बता दी है।  

19 उम्मीदवारों को एक हजार वोट भी नहीं मिले
कर्नाटक विधानसभा के नतीजों में आम आदमी पार्टी का एक भी उम्मीदवार तीन हजार मत हासिल करने में सफल नहीं हुआ। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 28 में से 19 उम्मीदवार तो एक हजार वोट भी प्राप्त नहीं कर पाये।

गोवा में भी हुई थी आप की जमानत जब्त
वर्ष 2017 में आम आदमी पार्टी ने गोवा की 40 विधानसभा सीटों में से कुल 39 पर अपने कैंडिडेट्स उतारे थे जिनमें से उसके 38 कैंडिडेट्स की जमानत जब्त हो गई थी। उसके सीएम कैंडिडेट और पूर्व ब्यूरोक्रेट एल्विस गोम्स भी साऊथ गोवा की कनकोलिम सीट से अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे।

पंजाब चुनाव में अधूरे रह गए थे AAP के अरमान
वर्ष 2017 में ही पंजाब पर राज करने का सपना संजोये बैठी आम आदमी पार्टी को करारा झटका लगा था। यहां उसे सिर्फ 20 सीटें हासिल हुई हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी दावा कर रही थी कि वह राज्य में सरकार बनाएगी। चुनाव परिणामों को लेकर आप ने काफी तैयारियां भी की थीं, लेकिन सपना बस सपना ही रह गया।

गुजरात की जनता ने AAP को दिखाई थी औकात
दिसंबर, 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को जितने वोट मिले, उससे ज्यादा तो लोगों ने NOTA को दिया था। आम आदमी पार्टी ने कुल 33 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा इनके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। गौरतलब है कि गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल ने कई दौरे भी किए थे।

राजौरी गार्डेन उपचुनाव में भी दिखाई थी हैसियत
अप्रैल, 2017 में दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर कांग्रेस दूसरे और आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही। गौरतलब है कि पहले यह सीट आम आदमी पार्टी के पास थी।

एमसीडी चुनाव में जनता ने AAP  को दिखाया आईना
2015 में आम आदमी पार्टी ने जहां 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत पार्टी के चढ़ाव का चरम थी। वहीं 2017 में एमसीडी के 270 सीटों में से 40 सीटों पर आप के चालीस प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। सबसे खास ये रहा कि ये उम्मीदवार सम्‍माजनक आंकड़ा भी हासिल नहीं कर सके।

बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, इसके लिए पार्टी ने काफी पैसे भी खर्च कर भीड़ भी जुटाई। हालांकि जनता उनपर कितना ऐतबार करती है इसका अंदाजा कर्नाटक चुनाव नतीजे भी बता रहे हैं। कर्नाटक चुनाव में उनके पूर्व सहयोगी रहे योगेंद्र यादव की स्वराज पार्टी को अरविंद केजरीवाल की पार्टी से अधिक मत मिले।

जाहिर है आम आदमी पार्टी की अराजक राजनीति को दिल्ली ही नहीं पूरे देश की जनता जान चुकी है और कर्नाटक चुनाव नतीजों ने साफ कर दिया है कि अब वह धोखा खाने वाली नहीं है।

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