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दिल्ली में अचानक बढ़े कोरोना के मामले, फिर सक्रिय हुई मोदी सरकार, बियर बार खोलने के केजरीवाल सरकार के फैसले पर लोगों ने उठाए सवाल

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दिल्ली में काफी दिनों से गिरावट के बाद पिछले एक सप्ताह में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 2509 नए मामले समाने आए हैं, जो पिछले दो महीने में एक दिन में सामने आया सर्वाधिक आंकड़ा है। राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ते हालत को देखकर मोदी सरकार फिर सक्रिय हो गई है। कोरोना से बचाने के लिए मोदी सरकार ने बैठकों का दौर एक बार फिर से शुरू कर दिया है। गृह मंत्रालय और आइसीएमआर की बैठकें शुरू हो चुकी हैं। इसी बीच 9 सितम्बर से बियर बार खोलने के केजरीवाल सरकार के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं।

कोरोना से बचाने के लिए मोदी सरकार की सक्रियता बढ़ी

गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि दिल्ली में एक बार फिर से संक्रमण बढ़ने लगा है। केंद्र सरकार दिल्ली की स्थिति पर नजर रखे हुए है और हालात से निपटने के लिए आइसीएमआर और एम्स समेत सभी संस्थान सक्रिय हो गए हैं। वे दिल्ली सरकार को कोरोना को फैलने से रोकने के लिए उठाने जाने वाले कदमों के बारे में सलाह दे रहे हैं। इससे पहले भी जून में जब दिल्ली में कोरोना अपने चरम पर था तब केंद्र सरकार ने दिल्ली सराकर के साथ मिलकर काम किया। मैराथन बैठकें हुई और जांच की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों को भी बढ़ाया गया। 

दिल्ली में फिर मिलने लगे प्रतिदिन 2500 से ज्यादा केस

इसका परिणाम ये हुआ कि कुछ समय बाद ही दिल्ली में संक्रमण की दर कम हुई और उसके बाद अगस्त अंत तक दिल्ली में कोरोना कंट्रोल में रहा। लेकिन अगस्त के अंतिम सप्ताह से एक बार फिर कोरोना बढ़ने लगा और प्रतिदिन एक हजार केस से बढ़ते-बढ़ते अब दिल्ली में फिर 2500 से ज्यादा केस प्रतिदिन सामने आने लगे हैं। दिल्ली सरकार ने टेस्टिंग डबल करने का आदेश दिया है। 

पिछले तीन हफ्ते में मौतों में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी 

राजेश भूषण के अनुसार दिल्ली देश के उन पांच राज्यों में शामिल है, जहां कोरोना के कारण सबसे अधिक मौतें हुई हैं। पूरे देश में हुई कुल मौतों का सात प्रतिशत अकेले दिल्ली में है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि पिछले तीन हफ्ते के दौरान मौतों में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 13 से 19 अगस्त हफ्ते वाले सप्ताह में जहां 12 प्रतिशत मौतें दर्ज की जा रही थी, वह 20 से 26 अगस्त वाले हफ्ते में बढ़कर 14 प्रतिशत और 27 से दो सितंबर वाले हफ्ते में 18 प्रतिशत तक पहुंच गई। वहीं इस दौरान दिल्ली में प्रतिदिन नए केस की संख्या भी दोगुनी से अधिक बढ़ गई है।

होम क्वारंटाइन में रोगियों की संख्या 43 प्रतिशत बढ़ी

दिल्ली में एक महीने में कोरोना का इलाज करा रहे रोगियों की संख्या में 50 प्रतिश की बढ़ोतरी हुई है, वहीं होम क्वारंटाइन में इलाज करा रहे रोगियों की संख्या में 43 प्रतिशत बढ़ी है। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में एक अगस्त को अस्पतालों में इलाज करा रहे या होम क्वारंटाइन में रह रहे रोगियों की संख्या 10, 596 थी। इनमें से 5660 घरों में क्वारंटाइन थे। एक महीने पहले अस्पतालों में 13, 578 बिस्तरों में से केवल 2979 पर मरीज थे।

दिल्ली में संक्रमितों का आंकड़ा 1.82 लाख के पार

7 सितंबर से दिल्ली में मेट्रो शुरू हो रहा है और 8 सितंबर से बियर बार खुल रहे हैं। ऐसे में संक्रमण के बढ़ने की संभावना ज्यादा हो जाती है। हालांकि दिल्ली सरकार का दावा है कि वो पूरी तरह से तैयार है और दिल्ली में कोरोना कंट्रोल में है। बता दें कि दिल्ली में गुरुवार को 24 घंटों में कोरोना के 2737 नए मामले सामने आए हैं और एक दिन में 19 मरीजों की जान गई है। इसके साथ ही राजधानी में संक्रमण के कुल मामले 1 लाख 82 हजार 306 हो गए हैं। संक्रमण के कुल मामलों में सक्रिय मामलों की संख्या 17,692 है। वहीं 1,60,114 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं। यहां अब तक 4,500 लोगों की जान जा चुकी है।

पब और बार खुलने से संक्रमण बढ़ने की आशंका

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार के सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि एलजी से मंजूरी मिलने के बाद अब 9 सितंबर से राजधानी के होटल, रेस्तरां और क्लब पूर्व की तरह शराब परोस सकेंगे। इन सभी पब और बार संचालकों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना होगा। लेकिन लोगों ने आशंका जतायी है कि जिस तरह अगस्त के महीने में दिल्ली के बाजार, ऑफिस और फैक्ट्री फिर से खुल गए। काम पर जाने के लिए ज्यादा लोग घरों से निकलने लगे। इससे दिल्ली में कोरोना के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। उसी तरह पब और बार खुलने से संक्रमण को बढ़ावा मिल सकता है।

कोरोना के कम होते मामलों से दिल्ली वालों को एक उम्मीद जगी थी कि शायद ये महामारी जल्द खत्म हो जाए। लेकिन एक बार फिर बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। आइए जानते हैं कि आखिर इसके क्या कारण हो सकते हैं?

अधिकतर लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं

एम्स अस्पताल के पूर्व डॉक्टर पीके सिंघल बताते हैं कि इस समय मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग अब कुछ लापरवाही बरत रहे हैं। वे कोरोना सुरक्षा नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। अधिकतर लोगों में संक्रमण के लक्षण भी नहीं है। इससे यह नहीं पता चल पाता कि कौन संक्रमित है। ऐसे व्यक्ति भी इस वायरस को बढ़ा रहे हैं।

बाजार, ऑफिसों का फिर से खुलना

अगस्त के महीने में दिल्ली के बाजार, ऑफिस और फैक्ट्री फिर से खुल गए। इसकी वजह से काम पर जाने के लिए ज्यादा लोग घरों से निकल रहे थे। पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली की सड़कों पर बहुत ट्रैफिक सिग्नल देखे गए। मॉल, साप्ताहिक बाजार, रेस्टोरेंट, होटल और पार्क खुल गए हैं। लॉकडाउन हटने के साथ ही बाजार जैसी जगहों पर एक मीटर की दूरी बनाए रखना मुश्किल हो गया है। ई-रिक्शा और ऑटो में दो से अधिक यात्रियों को बैठा देखा जा सकता है।

दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर

कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि दिल्ली के ताजा मामले कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से है। ये स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर है। ये लहर चीन, इटली और स्पेन में भी देखी गई है। हालांकि दूसरी लहर पहली लहर से कोई बहुत अलग नहीं है। कोरोना के ताजे मामले ठीक वैसे ही हैं जैसे महामारी के पहले मामले आने शुरू हुए थे। दिल्ली को महामारी से लड़ने के लिए अपनी रणनीतियों पर नए सिरे से गौर करने की जरूरत है।

 

 

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