Home केजरीवाल विशेष ‘ओछी राजनीति’ के जिंदा सबूत हैं अरविंद केजरीवाल

‘ओछी राजनीति’ के जिंदा सबूत हैं अरविंद केजरीवाल

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लखनऊ में 28 सितंबर की रात एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को एक पुलिसकर्मी प्रशांत मलिक ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद हर कोई गमगीन है। सभी मृतक के परिजनों को ढाढस बंधा रहे हैं और न्याय के लिए लामबंद हो रहे हैं। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को भी धार्मिक रंग दे दिया। उन्होंने यूपी की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करने की मंशा से ‘सियासी जहर’ घोलने की कोशिश की।

हालांकि उनकी इस ‘ओछी राजनीति’ को विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने आईना दिखा दिया। कल्पना ने कहा कि इसे जाति धर्म से नहीं जोडना चाहिए। कल्पना के भाई विष्णु ने भी गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि हम लोग घटना से पूरी तरह टूट चुके हैं और वह इसे धर्म से जोड़कर राजनीति कर रहे हैं। यह आहत करने वाला है। जाहिर है केजरीवाल की ओछी राजनीति को कल्पना और उनके परिजनों ने Expose कर दिया।

जाहिर है केजरीवाल ने समाज में फूट डालने की कोशिश की जिससे उन्हें कुछ राजनीतिक फायदा हो सके। लेकिन उनकी इस संवेदनहीन सोच पर लोगों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।

आपको बता दें कि 30 सितंबर को ही दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अंकित नाम के एक शख्स की हत्या कर दी गई। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि अंकित एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता था। लड़के की बहन आरोप लगा रही है कि लड़की के भाई ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। हालांकि केजरीवाल एंड कंपनी इस मामले पर चुप है। दरअसल कम्यूनल पॉलिटिक्स में माहिर केजरीवाल ने हमेशा ही हिंदू मुस्लिम में भेद किया है।

धर्म देखकर मुआवजे की कीमत लगाते हैं केजरीवाल !
कुछ महीने पहले ही दिल्ली के रहने वाले 23 साल के युवक अंकित सक्सेना को अल्पसंख्यक समुदाय की एक लड़की से प्रेम संबंधों की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। कुछ दिन पहले ही लड़की के परिजनों ने अंकित की हत्या कर दी थी। हालांकि हत्या के कई दिनों बाद तक सरकार का कोई नुमाइंदा अंकित के घर नहीं पहुंचा था, लेकिन सियासत का मौका ढूंढ कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी अंकित की 13वीं में आयोजित शोकसभा में पहुंचे। हालांकि यहां उन्होंने ऐसी हरकत कर दी की उनकी पूरी राजनीति की पोल खुल गई।

दरअसल अंकित के परिजनों ने जब कहा की जीवनयापन मुश्किल हो रहा है आप एक सहायता राशि की घोषणा कीजिए तो उनके बोलते हुए ही केजरीवाल सभा से उठ के चल दिए। अंकित के पिता पीछे से उन्हें पुकारते रहे और अंत में उन्हें कहना पड़ा कि मेरे साथ गेम मत खेलो। आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा द्वारा शेयर किए गए वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि कैसे केजरीवाल मुआवजे की बात सुनते ही शोकसभा से रुखसत हो लिए।

एमएम खान, तंजिल को केजरीवाल ने दिया था एक-एक करोड़ का मुआवजा
2 जुलाई, 2016 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनडीएमसी के दिवंगत अधिकारी एमएम खान और एनआईए अधिकारी तंजील अहमद के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये के मुआवजे के चेक सौंपा था। इन दोनों की की श्रद्धांजलि सभा में भी शिरकत की थी, परन्तु सवाल अंकित सक्सेना के बारे में कोई घोषणा नहीं करने को लेकर है। उल्टा उनका ये बयान कि मुआवजे की घोषणा से विवाद हो सकता है उनकी छोटी सोच और कुत्सित राजनीति का ही उदाहरण है।

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