दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीति में बदलाव लाने के सत्ता में आए थे। बदलाव नहीं ला पाने पर खुद बदल गए। काम ना कर पाने पर क्रेडिट लेने का काम करना शुरू कर दिया। खुद को दिल्ली का मालिक बताने वाले अरविंद केजरीवाल झूठ बोलने को राजनीतिक सफलता का मूल मंत्र मान बीजेपी सरकार के द्वारा किए गए काम का क्रेडिट लेने में बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके हैं। हालांकि हर बार उनका झूठ पकड़ा जाता है लेकिन वे झूठ बोलने से बाज नहीं आते। ताजा मामला तीर्थ यात्रा योजना से जुड़ा है।
केजरीवाल का दावा
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 4 नवम्बर, 2023 को राज्य के लोगों के लिए ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ की घोषणा की। इस योजना में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को हरियाणा सरकार फ्री में तीर्थयात्रा कराएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस योजना को अपनी सरकार की नकल करार देते हुए दावा कि इसे आम आदमी पार्टी की सरकार से सबसे पहले शुरू किया था।
“मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना” पूरे देश में अभी तक केवल दिल्ली में चल रही थी। पहली बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने चलाई। इस योजना के तहत हम दिल्ली के 75,000 से ज़्यादा बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवा चुके हैं। हमें ख़ुशी है कि बीजेपी हमारी सरकार से सीखकर काम करने की… https://t.co/JdgNqsx8h0
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 5, 2023
हकीकत
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल जिस योजना को सबसे पहले शुरू करने का दावा कर रहे हैं बीजेपी सरकार उसे 11 साल पहले से सफलतापूर्वक चला रही है। केजरीवाल को फटकार लगाते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कहा कि आप संयोजक झूठ बोल रहे हैं। शिवराज सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि अरविंद जी, झूठ के अपने शीश महल से बाहर निकलिए और आंखें खोलकर देखिए! जब ‘आप’ का अस्तित्व भी नहीं था, तबसे मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन करवा रही है। भाजपा की हमारी सरकार ने 2012 में ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ प्रारंभ की थी और अब तो हम हवाई जहाज से भी यात्राएं करा रहे हैं।
अरविंद जी, झूठ के अपने शीश महल से बाहर निकलिए और आँखें खोलकर देखिए!
जब ‘आप’ का अस्तित्व भी नहीं था, तबसे मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन करवा रही है।
भाजपा की हमारी सरकार ने 2012 में ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ प्रारंभ की थी और अब तो हम… https://t.co/dNl1YRLPZR
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 5, 2023
केजरीवाल के इस क्रेडिट लेने की कोशिश पर किरकिरी भी होने लगी। लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर धोया।
This scheme was started by @ChouhanShivraj ji in 2012 and you became CM after that. You are taking credit for it as always pic.twitter.com/KZGPRY6flX
— desi mojito 🇮🇳 (@desimojito) November 5, 2023
जिस समय आप लंबी शर्ट पहन कर दिल्ली की सड़कों पर ‘कांग्रेस चोर है’ के नारे लगा रहे थे तब से ये योजना मध्यप्रदेश में @ChouhanShivraj जी चलवा चुके हैं। ऐसा क्रेडिट चुराने के बजाय उस पर काम करिए जिसके लिए आप सत्ता में हैं। pic.twitter.com/mU1HeEiH09
— Vaishali Poddar (@PoddarVaishali) November 5, 2023
ये पहली बार नहीं है कि उन्होंने किसी दूसरे के काम का क्रेडिट लेने की कोशिश की है। केजरीवाल इसके पहले भी केंद्र सरकार और बीजेपी के काम को अपना बताकर क्रेडिट लेने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। आइए देखते हैं कुछ मामले-
यमुना की सफाई
उपराज्यपाल ने किया यमुना सफाई का एलान
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पिछले नौ साल से यमुना की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च कर तारीख पर तारीख ही देते रहे। यह देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने यमुना की सफाई की पहल करते हुए दिल्ली के अंदर 22 किलोमीटर के यमुना स्ट्रेच को साफ करने का एलान किया। इस मुहिम में पुजारियों और पुरोहितों को भी जोड़ते हुए उन्होंने उनसे धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कामों के लिए पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं का पालन करने का आग्रह किया। साथ ही उनसे यमुना की सफाई में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए कहा।
क्रेडिटजीवी केजरीवाल ने नई तारीख दे दी
उपराज्यपाल द्वारा यमुना की सफाई की पहल के बाद क्रेडिट लेने से भला अरविंद केजरीवाल कैसे पीछे रह जाते। जब उन्हें लगा कि अब तो यमुना साफ हो जाएगी तो उन्होंने नई तारीख का एलान करते हुए कहा कि 2025 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। आपके लिए यह जानना जरूरी है कि दिल्ली विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017-21 के बीच यमुना की सफाई के नाम पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 6,856 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। करीब सात हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी यमुना पहले से ज्यादा मैली हो गई है।
कोरोना वैक्सीन
सभी देशवासियों को फ्री वैक्सीन- मोदी सरकार
कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार ने सभी देशवासियों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की घोषणा की। तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एलान किया कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हर भारतीय को मुफ्त कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए किसी से भी किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि फर्स्ट फेज में तीन करोड़ लोगों को ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे।
केजरीवाल ने ढोल पीटा- सभी दिल्लीवासियों को मुफ्त वैक्सीन
मोदी सरकार की इस घोषणा के बाद केजरीवाल इसका भी क्रेडिट लेने के लिए दौड़ पड़े और उन्होंने दिल्लीवासियों को मुफ्त वैक्सीन देने की बात कही। जब केंद्र सरकार ने पूरे देश को मुफ्त वैक्सीन का एलान कर दिया तब भी ये विदेश से वैक्सीन खरीदने की बात कर रहे थे। दिल्ली सरकार ने विदेश से एक करोड़ 34 लाख वैक्सीन खरीदने की मंजूरी दे दी थी। लेकिन मोदी सरकार ने जिस तत्परता और तेजी से वैक्सीन का निर्माण करवाया और उसे देशभर में पहुंचाया वह अपने आप में रिकार्ड है। इससे न जाने कितने लोगों की जान बची। लेकिन केजरीवाल इसका श्रेय भी लेने से नहीं चूके।
गरीबों को फ्री राशन
80 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त राशन
मोदी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान देश के 80 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त राशन देने का एलान किया । पहले यह योजना एक साल के लिए लाया गया था जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को राहत देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी और फिर कई बार बढ़ाया गया। कोरोना काल में इस योजना से गरीबों को काफी मदद मिली।
महंगाई बहुत ज़्यादा हो गई है। आम आदमी को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है। कोरोना की वजह से कई बेरोज़गार हो गए
प्रधानमंत्री जी, ग़रीबों को मुफ़्त राशन देने की इस योजना को कृपया छः महीने और बढ़ाया जाए
दिल्ली सरकार अपनी फ़्री राशन योजना छः महीने के लिए बढ़ा रही है। https://t.co/rF3TC7bRaM
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 6, 2021
केजरीवाल ने भी कर दिया फ्री राशन का एलान
मोदी सरकार की ओर से गरीबों को फ्री राशन के एलान के बाद उसका श्रेय लेने के लिए केजरीवाल सरकार ने भी मुफ्त राशन योजना शुरू करने की घोषणा कर दी। केजरीवाल सरकार ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान दिल्ली की जनता की हर परेशानी का ध्यान रखा गया। दिल्ली सरकार ने कहा कि कोरोना के मामले कम होने के बाद भी सरकार कोविड के कारण होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए लाभार्थियों को मुफ्त राशन देती रहेगी। यहां तक कि उन्होंने 5 नवंबर 2021 को ट्वीट कर प्रधानमंत्री से गुहार भी लगाई कि फ्री राशन योजना को छह माह के लिए बढ़ा दिया जाए।
स्मॉग टावर
दिल्ली में पहला स्मॉग टावर लाजपत नगर में
पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर की पहल पर दिल्ली का पहला स्मॉग टावर लाजपत नगर में जनवरी 2020 में लगाया गया। इस एक स्मॉग फ्री टावर से ढाई लाख से छह लाख क्यूबिक मीटर हवा रोज शुद्ध होती है। फ्रेंच मेड शुद्ध नाम के एयर प्यूरीफायर को ट्रेडर्स एसोसिएशन लाजपत नगर और गौतम गंभीर फाउंडेशन ने लगाया है।
CM @ArvindKejriwal inaugurates India's first SMOG TOWER!🇮🇳
▪️1st of its kind Technology from USA
▪️Over 24m High Tower to clean 1000 cubic metres air/second
▪️It will reduce Pollution in 1 sq km area
▪️If this Pilot Project is successful,we'll install such towers across Delhi pic.twitter.com/5TSlkgAmpP
— AAP (@AamAadmiParty) August 23, 2021
केजरीवाल ने एक साल बाद किया देश का पहला स्मॉग टावर लगाने का दावा
सीएम केजरीवाल ने अगस्त 2021 में कनॉट प्लेस में बनाए गए स्मॉग टावर का उद्घाटन किया। दिल्ली सरकार ने इस टॉवर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था। केजरीवाल ने इसे देश का पहला स्मॉग टावर बताते हुए कहा कि अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो हम पूरी दिल्ली में ऐसे टावर लगाएंगे। आप इससे समझ सकते हैं कि झूठ बोलने में केजरीवाल का कोई जोड़ नहीं है। जब दिल्ली के लाजपत नगर में जनवरी 2020 में स्मॉग टावर लगाया जा चुका था तो अगस्त 2021 में लगाए गए टावर को देश का पहला कैसे कहा जा सकता है।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे
प्रधानमंत्री ने किया ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने 27 मई, 2018 को 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को जनता को समर्पित किया। इस एक्सप्रेसवे का मुख्य मकसद दिल्ली में जाम और प्रदूषण की समस्या से निपटना है। इससे अब भारी वाहन दिल्ली में प्रवेश के बिना बाहर-बाहर से अपने गंतव्य को जा सकेंगे। इससे ट्रकों के जहरीले धुएं दिल्ली में आने से रोक लगेगी और दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिली।
केजरीवाल एक्सप्रेसवे का श्रेय लेने से भी नहीं चूके
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का श्रेय लेने में भी शर्म महसूस नहीं की। एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के एक साल बाद 2019 में उन्होंने कहा कि हमने क्या किया कि दिल्ली के बाहर एक सड़क बना दी। अब हम ट्रकों को शहर के अंदर नहीं आने देते। अब इनको कहते हैं बाहर वाली सड़क से जाओ।
आज शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हो रही है। आज देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में शुरू। https://t.co/PIms2geisB
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 31, 2022
वर्चुअल स्कूल
देश का पहला वर्चुअल स्कूल उत्तराखंड में शुरू
देश में पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत 2020 में बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में की थी। इस स्कूल के जरिये भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक गणित, विज्ञान, भारतीय शास्त्रीय संगीत, संस्कृति, कला और परंपराओं की शिक्षा दी जा रही है। वर्चुअल होम स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों के लोग वर्चुअली जुड़े हुए थे।
केजरीवाल ने 2022 में कहा- देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में
आपको हैरानी होगी कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 31 अगस्त, 2022 को ट्वीट कर कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हो रही है। आज देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में शुरू हुआ है। केजरीवाल ने आगे कहा कि हमें बाबा साहब का सपना पूरा करना है, देश के हर बच्चे तक अच्छी शिक्षा पहुंचानी है, दिल्ली के डिजिटल स्कूल में नौवीं क्लास के लिए एडमिशन शुरू हो गए हैं। जब 2019 में उत्तराखंड में वर्चुअल स्कूल की शुरुआत हो चुकी थी तो केजरीवाल 2022 में कैसे देश पहला वर्चुअल स्कूल कह सकते हैं। इससे केजरीवाल की नीयत समझी जा सकती है।
इस आदमी की हर बात हर शब्द हर काम सिर्फ़ झूठ झूठ और झूठ
पहला वर्चुअल स्कूल 2020 में उत्तराखंड में खुल चुका हैऔर ये ट्विटर केजरीवाल के इस तरह के ट्वीट को Manipulated क्यूँ मार्क नहीं करता ?? @TwitterIndia ? https://t.co/uwiljRqNzA pic.twitter.com/Uw29AAcdOk
— Shivam Tyagi (@ShivamSanghi12) August 31, 2022
97 नए इलेक्ट्रिक बसों का अनावरण
केजरीवाल का दावा हमने किया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 24 अगस्त, 2022 को 97 नए इलेक्ट्रिक बसों का अनावरण किया। सभी बसें लो फ्लोर जीपीएस और लाइव ट्रैकिंग सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा के साथ-साथ पैनिक बटन जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इन बसों के अनावरण के अवसर पर दिल्ली की आम आदमी सरकार ने करोड़ों रुपये का विज्ञापन देकर अपना चेहरा चमकाने का काम किया।
बधाई दिल्ली। आज से DTC के बेड़े में हम 97 इलेक्ट्रिक बसें और जोड़ रहे हैं। LIVE https://t.co/tZxQVJujL8
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 24, 2022
हकीकत- मोदी सरकार ने दिया
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में डीटीसी के बेड़े में एक भी बस नहीं जोड़ा है। ये सभी बसें मोदी सरकार ने दी है। मोदी सरकार ने FAME India Scheme (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India Scheme) के तहत दिल्ली को 300 ई-बसें दी, जिसमें से 150 बसें पहले और 97 24 अगस्त, 2022 को मिली। लेकिन दिल्ली की विज्ञापन वाली सरकार, जिसने पिछले 8 सालों में एक नई बस नहीं खरीदी, इस बार भी केन्द्र के काम को अपना बताकर झूठा क्रेडिट लेने की कोशिश की। इलेक्ट्रिक बसें मोदी सरकार दे रही है, लेकिन क्रेडिट केजरीवाल सरकार ले रही है।
These buses are funded by the Modi Govt under the FAME India Scheme. Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal has no contribution whatsoever except for taking credit for it. Delhi has been allocated 300 buses of which 150 have already been delivered and another 97 will come in today. https://t.co/b4VUkO3VAf pic.twitter.com/smWZqmCK3t
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 24, 2022