अभी 20 दिन भी नहीं हुए कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को लेकर दिल्ली वालों का नशा उतर गया। ये दोनों शहीद हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के घर क्या पहुंचे कि ‘केजरीवाल वापस जाओ’ के नारे लगने लगे और इन्हें आधे मिनट में वहां से भागना पड़ा।
अरविंद केजरीवाल दिल्ली में हिंसा भड़कने के बाद से ही अपनी ओछी राजनीति करते नजर आ रहे हैं, इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए जब वो और मनीष सिसोदिया दिल्ली पुलिस के शहीद हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के घर पहुंचे तो जनता ने उनके खिलाफ जमकर ‘केजरीवाल वापस जाओ’ के नारे लगाए, जिसके बाद केजरीवाल को वापस लौटना पड़ा।
नारेबाजी से उल्टे पैर वापस लौटे केजरीवाल
दिल्ली पुलिस के शहीद हेड कांन्सेटेबल रतन लाल पार्थिव शरीर जिस समय उनके घर लाया गया तो धीरे-धीरे लोगों की भीड़ जमा होने लगी। ऐसे में जब अरविंद केजरीवाल का काफिला बुराड़ी पहुंचा तो लोगों की नारेबाजी को देखते हुए सिक्योरिटी ने काफिले को मोड़ दिया। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि कैसे गुस्साई जनता के विरोध के बाद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को वापस लौटना पड़ा।
दिल्ली पुलिस के शहीद हेड काँस्टेबल रतन लाल के परिवार से मिलने पहुँचे सीएम @ArvindKejriwal को जनता ने शहीद के परिवार से मिलने से रोका, केजरीवाल वापस जाओ समेत कई आपत्तिजनक नारों के साथ धक्का मुक्की भी की गई।शहीद परिवार से बिना मिले केजरीवाल मनीष सिसोदिया के साथ वापस निकले। pic.twitter.com/Z8lrQwXThn
— VIPIN CHAUBEY (@chaubeyvipin1) February 25, 2020
दिल्ली में दंगों के दौरान अरविंद केजरीवाल राजघाट पर पर मौन धरना दे रहे थे तो कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए गृह मंत्रालय से एक्शन की अपील कर रहे थे, जिस पर लोग अरविंद केजरीवाल से खास नाराज हैं। विरोध कर रहे लोग केजरीवाल से इतने नाराज दिखे कि उन्हें लताड़ते हुए नारे लगाने समेत कई आपत्तिजनक नारे भी लागाए और धक्का मुक्की भी की गई।
अभी तो 20 दिन भी नहीं हुआ कि @ArvindKejriwal और @msisodia को लेकर दिल्ली वालों का नशा उतर गया। शहीद के पास ये क्या पहुंचे कि केजरीवाल वापस जाओ के नारे लगने लगे और इन्हें आधे मिनट में वहां से भागना पड़ा। कोई मीडिया वाला आपको यह वीडियो नहीं दिखाएगा#DelhiBurning#DelhiRiots pic.twitter.com/AsFgGenir9
— Dr. Harish Chandra Burnwal (@hcburnwal) February 25, 2020
मुस्तैद पुलिस अधिकारी थे जांबाज रतन लाल
सोमवार 24 फरवरी को नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में सीएए विरोधी दंगाइयों ने को रतन लाल को मार डाला था। वो एक ईमानदार और मुस्तैद पुलिस अधिकारी थे। रतन लाल ने 2013 में दो आदिवासी महिलाओं के साथ हुए बलात्कार के मुख्य आरोपित को धर दबोचा था।
हिंसक प्रदर्शन में 37 पुलिसकर्मी हो चुके जख्मी
अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जब वीरगति प्राप्त रतन लाल के घर पहुंचे तो गुस्साए लोगों ने ‘केजरीवाल, वापस जाओ’ और ‘गो बैक केजरीवाल’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।
सीएए के विरोध में पूर्वी जोन के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार, शाहदरा जोन के डीसीपी अमित शर्मा समेत 37 पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं, वहीं प्रदर्शनकारियों ने सरेआम गोलियां चलाईं और 30 से अधिक जगहों पर आगजनी की।