जब व्यक्ति के अक्ल पर अहंकार का पर्दा पड़ जाता है तब उसे केवल ‘मैं’ ही ‘मैं’ दिखता है और कुछ नहीं दिखता है। वह औरों को अपने आगे तुच्छ व नगण्य समझने लगता है। वहीं से सारी समस्याओं की उत्पत्ति होती है और वे समस्याएं धीरे-धीरे चक्रव्यूह का रूप ले लेती है। घमंड का चक्रव्यूह बहुत ही बहुत घातक और विनाशक होता है और वह इंसान को ले डूबता है। देश की राजनीति में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अहंकार को सभी लोग देख चुके हैं, उन्होंने कोर्ट में माफी मांगने से इंकार कर दिया जिससे उनकी संसद सदस्यता चली गई। माफिया अतीक अहमद को भी अहंकार ने ही ले डूबा… दो दिन पहले ही पुलिस पूछताछ में उसने पुलिसकर्मियों को धमकी देते हुए कहा था- बस मुझे छूटने दो फिर बताता हूं कि गद्दी क्या चीज है। यानी रस्सी जल गई पर ऐंठन न गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी यही अहंकार ले डूबेगा। 2017 में उन्होंने उपराज्यपाल पर हमला करते हुए कहा था- दिल्ली के मालिक हम हैं। और 16 अप्रैल को सीबीआई पूछताछ से पहले उन्होंने कहा- अगर मैं चोर तो दुनिया में कोई ईमानदार नहीं। यह उनका अहंकार ही बोल रहा था।
अगर मैं चोर हूं तो कोई ईमानदार नहींः केजरीवाल
दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई का नोटिस मिलने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”मैं पीएम मोदी से कहता हूं कि अगर केजरीवाल चोर है, केजरीवाल भ्रष्टाचारी है तो दुनिया में कोई ईमानदार नहीं है।” कहते हैं खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे…केजरीवाल भी वही कर रहे हैं। वह पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं जैसे कि उनके पास कोई और काम नहीं हो। केजरीवाल ने आगे कहा- भारत के इतिहास में किसी एक पार्टी को इतनी बुरी तरह टारगेट नहीं किया गया जितनी बुरी तरह आम आदमी पार्टी को किया गया। पहले नंबर 2 को गिरफ्तार कर लिया, नंबर 3 को गिरफ्तार कर लिया। उनको गिरफ्तार करने का मकसद ही था कि मेरे पीछे पड़ सकें। अब ये मेरे पीछे पड़े हैं।
केजरीवाल ने कहा था- दिल्ली के मालिक हम हैं
दिल्ली विधानसभा में 4 अक्टूबर 2017 को विशेष सत्र में अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए लाए गए बिल पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल पर हमला बोला था। इस बिल को सदन में पेश न करने की एलजी की नसीहत पर केजरीवाल बोले, ‘दिल्ली के मालिक हम हैं। ये लोग नहीं हैं। हम दिल्ली चलाएंगे, मैं दिल्ली का चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं।
#CBI पूछताछ के पहली राजघाट जाने की नौटंकी
पहले सिसोदिया ने की वही केजरीवाल भी कर रहा हैमहात्मा गांधी को कार्यालय के दिवार से हटा दिया है और अब ये दिखावा https://t.co/7MGrJkvwOb pic.twitter.com/F2PR1A4ChJ
— PoliticsSolitics (@IamPolSol) April 16, 2023
बापू को दफ्तर की दीवारों से हटाया तो राजघाट जाने का पाखंड क्यो?
केजरीवाल 16 अप्रैल 2023 को शराब घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश हुए। सीबीआई आफिस पहुंचने से पहले केजरीवाल महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पहुंचे और नमन किया। इस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी के तमाम नेता मौजूद थे। पूछताछ से पहले उनके राजघाट जाने पर लोग सवाल उठा रहे हैं और तंज कस रहे हैं कि पहले महात्मा गांधी को कार्यालय की दीवार से हटा दिया और अब ये दिखावा कर रहे हैं। केजरीवाल से पहले सिसोदिया भी सीबीआई पूछताछ से पहले राजघाट पहुंचे थे।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद नौटंकी करने लगे थे केजरीवाल
दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल को यह भान हो गया था कि शराब घोटाले में अब अगला नंबर उनका ही है। इसीलिए उसके बाद केजरीवाल ने नौटंकी करनी करनी शुरू कर दी थी। दिल्ली समेत देशभर में ‘काला दिवस’ मनाया गया। धरना और प्रदर्शन का दौर चला। इससे देश में कोई माहौल नहीं बन पाया, जब यह तरकीब काम आई तो केजरीवाल पीएम की डिग्री का मुद्दा ले जाए।
शराब घोटाले से ध्यान हटाने के लिए पीएम की डिग्री का मुद्दा उठाया
केजरीवाल एक नंबर के नौटंकीबाज हैं। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उन्हें एक मुद्दा चाहिए था जिससे जब सीबीआई उनके गिरेबान तक पहुंचे तो वह कह सकें कि देखो जी हमने ये मुद्दा उठाया था इसीलिए मेरे खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। यानी उन्होंने अटैक इज द बेस्ट डिफेंस वाली रणनीति अपनाई। वह देश का ध्यान शराब घोटाला से हटाकर कहीं और शिफ्ट करना चाहते थे। इसीलिए 2016 में खत्म हो चुके पीएम की डिग्री का मुद्दा सामने ले आए और पीएम मोदी को अनपढ़ तक कह दिया। इसके लिए उन्होंने विधानसभा का सत्र भी बुलाया जिससे वहां जी खोलकर जगर उगल सकें। पीएम की डिग्री मुद्दा उठाने के पीछे उनकी मंशा यही थी कि अगर वह गिरफ्तार किए जाते हैं तो जनता में यह संदेश दे सकें कि पीएम का मुद्दा उठाया इसीलिए उन्हें फंसाया जा रहा।
2016 से पीएम की डिग्री सार्वजनिक…फिर भी अड़े रहे केजरीवाल, लगा जुर्माना
पीएम नरेंद्र मोदी का डिग्री सर्टिफिकेट दिखाने की मांग के मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल 2023 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि 2016 से सार्वजनिक होने के बावजूद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात विश्वविद्यालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिग्री सर्टिफिकेट दिखाने की अपनी मांग पर कायम रहे। गुजरात विश्वविद्यालय ने 2016 में ही अपनी वेबसाइट पर प्रधानमंत्री की डिग्री का प्रमाण पत्र डाल दिया था।
पीएम का डिग्री सर्टिफिकेट 2014 और 2016 से पब्लिक डोमेन में
प्रधानमंत्री मोदी के डिग्री प्रमाण पत्र 2 स्थानों पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध थे। 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान दाखिल उनके हलफनामे में भी, जब अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी से उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2016 से प्रमाण पत्र गुजरात विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं। फिर भी, केजरीवाल उच्च न्यायालय तक इस मामले पर अड़े रहे। इससे साफ जाहिर होता है कि वे जनता ध्यान शराब घोटाले से हटाने के लिए यह सब कर रहे थे। अगर शराब घोटाले में उनकी गिरफ्तारी होती है तो वे अपने को अपने शहीद घोषित करने के लिए यह स्वांग रच रहे थे। कि पीएम का मामला उठाया इसीलिए मुझे फंसाया गया।
राहुल गांधी को भी अहंकार ने ले डूबा
देश को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाले और हमेशा खुद को कानून से ऊपर दिखाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी अहंकार ने ही ले डूबा है। वह खुद को सिस्टम से ऊपर समझते हैं, जो कि निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए खतरा है। राहुल गांधी अहंकार और ‘घमंड’ में इस कदर डूबे हुए हैं कि उन्होंने अदालत की ओर से अवसर दिये जाने पर भी माफी मांगना उचित नहीं समझा। इसकी वजह से उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई और बंगला भी खाली करने को कह दिया गया।
अतीक अहमद का अहंकार ही काल बन गया
उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। इससे दो दिन पहले पुलिस ने माफिया अतीक अहमद से पूछताछ की थी। इस दौरान उससे पूछा गया- उमेश पाल हत्याकांड मामले में तुम्हारे बेटे को मारा गया है क्या तुम्हें जानकारी है? इस पर उसका जवाब अहंकार से भरा हुआ था। उसने कहा- बस मुझे छूटने दीजिए फिर बताता हूं कि गद्दी क्या चीज है। उसके इस अहंकार भरे बयान के चंद घंटे बाद ही वह काल का ग्रास बन गया।
पीएम मोदी खुद को मानते हैं प्रधान सेवक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- मैं स्वयं को “प्रधान सेवक” मानकर अपनी जिम्मेदारी इसी भावना से निभा रहा हूं। भ्रष्टाचार-मुक्त, पारदर्शी, नीति-आधारित प्रशासन एवं शीघ्र निर्णय हमारे मूलभूत सिद्धांत हैं। अन्त्योदय हमारे राजनैतिक दर्शन का मूल मंत्र है। प्रमुख फैसले लेते समय हमेशा वंचित, गरीब, मजदूर और किसान हमारी आंखों के सामने रहते हैं। जन-धन योजना में हर परिवार का बैंकखाता और प्रधानमंत्री जीवन-ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं अटल पेन्शन योजना इसी का प्रमाण हैं।
पीएम मोदी में अहंकार लेशमात्र भी नहीं, इसलिए जनता के दिलों पर करते हैं राज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के अन्य नामचीन नेताओं में यह सबसे बड़ा अंतर है कि जहां वे कुर्सी पर बैठते ही खुद को मालिक समझने लगते हैं वहीं पीएम मोदी खुद को प्रधान सेवक कहते हैं। उनमें अहंकार लेशमात्र भी नहीं है। पीएम मोदी इतने डाउन टू अर्थ हैं कि वे निर्माण मजदूरों से हिल-मिल कर बात करते हैं। सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाले पीएम मोदी ने किसी भी योजना में किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय के साथ भेदभाव नहीं होने दिया। उनकी योजनाओं का लाभ हर वर्ग को मिला। यही वजह है कि वे जनता के दिलों पर राज करते हैं।
शराब घोटाले में कौन-कौन फंसे और किस तरह अंजाम दिया गया, उस पर एक नजर-
नई शराब नीति को 17 नवंबर 2021 को दी गई थी मंजूरी
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पिछले साल 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति को मंजूरी दी थी। इसके तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया। नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था। हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं। इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था। हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।
मनीष सिसोदियाः शराब घोटाले में जेल में
शराब घोटाले में सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। मनीष सिसोदिया को सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान सीबीआई ने उन्हें कई सबूत दिखाए, इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल सबूत थे। सिसोदिया इन सबूतों के सामने कोई जवाब नहीं दे सके थे। सिसोदिया को पूछताछ के लिए पहले पांच दिन और बाद में दो दिन के लिये सीबीआई की हिरासत में सौंपा गया था। यह अवधि समाप्त होने के बाद सिसोदिया को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
शराब घोटाले में सीबीआई ने किया केजरीवाल से पूछताछ
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति केस में सीबीआई ने 16 अप्रैल 2023 को CBI दफ्तर बुलाया था और उनसे पूछताछ की। जांच एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूत होने का दावा किया है। सीबीआई का कहना है कि सबूत के आधार पर ही समन जारी किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से हाल ही में दायर चार्जशीट के अनुसार, अरविंद केजरीवाल ने शराब कारोबारी और आबकारी नीति घोटाले के मुख्य आरोपी समीर महेंद्रू से फेसटाइम पर बात की थी। इस बातचीत में उन्होंने पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर पर भरोसा करने को कहा। ईडी का कहना है कि 12 नवंबर और 15 नवंबर 2022 को पूछताछ के दौरान समीर महेंद्रू ने अधिकारियों को बताया था कि विजय नायर ने अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी मुलाकात तय की थी, लेकिन बात नहीं बनी।
डिप्टी सीएम के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल की बारी
कानून के जानकारों के मुताबिक, दिल्ली आबकारी नीति और शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने अभी सीधे तौर पर अरविंद केजरीवाल को अभियुक्त नहीं बनाया है, लेकिन सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ गई हैं। ईडी ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सचिव के रूप में तैनात रहे दानिक्स अधिकारी सी अरविंद के बयान के आधार पर केजरीवाल को इस घोटाले में आरोपी बनाया। ईडी के मुताबिक दानिक्स अधिकारी अरविंद ने कहा कि उन्हें उनके बॉस सिसोदिया द्वारा केजरीवाल के आवास पर बुलाया गया था, जहां एक बैठक में उन्हें आबकारी नीति पर मंत्रियों की रिपोर्ट का एक मसौदा सौंपा गया था।
शराब घोटाले में आया संजय सिंह का नाम
शराब घोटाले में दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस समय ईडी की हिरासत में हैं। अब आम आदमी पार्टी के एक और कद्दावर नेता संजय सिंह पर भी इसकी गाज गिर सकती है। ईडी ने इस मामले में अदालत में पेश अपनी चार्जशीट में संजय सिंह को भी आरोपी बना लिया है। संजय सिंह को आरोपी बनाने के लिए दिनेश अरोड़ा के बयान को आधार बनाया गया है। हालांकि, सांसद संजय सिंह ने इन आरोपों को पूरी तरह फर्जी बताया है और कहा है कि अडानी विवाद को संसद में उठाने के कारण उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर केस दर्ज करने की बात कही।
YSRCP सांसद ने की थी केजरीवाल से मुलाकात
जांच एजेंसी के मुताबिक, YSRCP सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले थे। केजरीवाल ने उनका दिल्ली में शराब के कारोबार में शामिल होने के लिए स्वागत किया था। इसके अलावा कई नेता पर्दे के पीछे रहकर आबकारी घोटाले में शामिल थे। जिसमें साउथ की ‘लिकर लॉबी’ की अहम भूमिका है।
लाभ मार्जिन का 6 प्रतिशत हिस्सा अवैध रूप से AAP को दिया गया
दिल्ली में हुए शराब घोटाले में पॉलिसी मेकिंग में ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो केजरीवाल और सिसोदिया के करीबी थे। इसमें प्रमुख नाम विजय नायर का है जो मनीष सिसोदिया के ज्यादा करीबी हैं। उसने शराब माफिया से करोड़ों रुपये वसूले और 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन का 6 प्रतिशत हिस्सा अवैध रूप से AAP को वापस दिया। इसके लिए पालिसी में ढाई प्रतिशत मार्जिन को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। इस काम के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत के सरकारी बंगले का दुरूपयोग से लेकर रेस्टोरेंट और बार मालिकों से इलेक्शन फण्ड के नाम पर वसूली करना भी शामिल है।