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केजरीवाल और भगवंत मान को लगा ‘सुप्रीम’ तमाचा, पंजाब में पराली जलाने पर रोक लगाने का सख्त निर्देश

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दिल्ली और एनसीआर भयंकर वायु प्रदूषण की चपेट में है। लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के तमाम दावे धरे के धरे रह गए हैं। केजरीवाल ने खोखले और झूठे वादे कर दिल्ली के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया है। वहीं पंजाब में पराली जलाने के मामले रुक नहीं रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को गंभीरता से लिया है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण और पराली जलाने के मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली और पंजाब सरकार की दलीलों से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई। इस दौरान कोर्ट ने पंजाब की भगवंत मान सरकार को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सख्त निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि पराली पर सिर्फ दोषारोपण हो रहा है। राजनीति छोड़कर प्रदूषण को रोकने पर ध्यान देने की जरूरत है। 

दिल्ली और पंजाब सरकार पराली पर सिर्फ राजनीति कर रही है- कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट को भी पता चल गया है कि दिल्ली और पंजाब सरकार प्रदूषण और पराली पर सिर्फ राजनीति कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली में साल दर साल ये नहीं हो सकता। सब कुछ पेपर पर ही चल रहा है। खुद मैंने देखा है कि पंजाब में सड़क के दोनों तरफ पराली जलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों को प्रदूषण को कम करने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। जनता को स्वस्थ हवा में सांस लेने का हक है और स्वस्थ हवा प्रदान करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। जस्टिस कौल ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। राजनीतिक ब्लेम गेम को रोकें। ये लोगों के स्वास्थ्य की हत्या के समान है।

अगर मैं बुलडोजर चलाऊंगा तो 15 दिनों तक नहीं रुकूंगा- कोर्ट

पंजाब सरकार के वकील ने दलील दी थी कि हम पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने भी ऐसा ही जवाब दिया कि वह प्रदूषण कम करने पर काम कर रही है। इस दलील से नाराज होकर जस्टिस कौल ने कहा कि अगर मैं बुलडोजर चलाऊंगा तो 15 दिनों तक नहीं रुकूंगा। जस्टिस कौल ने कहा कि हम नहीं जानते हैं कि आप कैसे रोक लगाएंगे। लेकिन इस पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। पराली जलाने की घटना बंद होनी चाहिए। यहां हर कोई एक्सपर्ट हैं, लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए नियमों को सख्ती से लागू करना और उसका पालन होते हुए दिखना चाहिए।

“सुप्रीम कोर्ट का निर्देश केजरीवाल के चेहरे पर थप्पण की तरह है”

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर हमला शुरू हो चुका है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को एक तमाचा करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया ‘X’ लिखा कि यह अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर एक थप्पण की तरह है। उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद है कि केजरीवाल अब पंजाब और दिल्ली में अपनी सरकार को छोड़कर बाकी सभी को दोष देना बंद कर देंगे। उन्होंने लिखा कि एक व्यक्ति की अक्षमता के कारण दिल्ली-एनसीआर में लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं, जिससे दिल्ली को गैस चैंबर में बदल दिया है।

पंजाब में थम नहीं रहे पराली जलाने के मामले, 24 घंटे में 2060 मामले 

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली में सोमवार की शाम 4 बजे औसत AQI 423 (गंभीर) दर्ज किया गया। प्रदूषण के गंभीर हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने फिर से ऑड-ईवन स्कीम को लागू करने की घोषणा की, जो 13 से 20 नवंबर तक लागू किया जाएगा। लेकिन पंजाब में पराली जलाने के मामले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पराली पर रोक लगाने के पंजाब सरकार के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। पंजाब में पिछले 24 घंटे में पराली जलाने के 2060 मामले सामने आए हैं। वहीं पिछले 9 दिनों में पंजाब पराली जलाने के 15000 से अधिक मामले आ चुके हैं। इस साल पंजाब में पराली जलाने का आंकड़ा 19463 के पार पहुंच गया है। 

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