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भारत में नौकरी की बहार… प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा को अवसर में बदला…

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से कोरोना काल में भी देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। कोरोना काल में जून की तुलना में जुलाई में सेक्टर वाइज 12 से 18 प्रतिशत ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। जुलाई में करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिले हैं। जो जून के एक लाख 30 हजार से काफी ज्यादा है। आईटी, सॉफ्टवेयर, शिक्षा, हेल्थकेयर और सेवा के क्षेत्र में ज्यादा हायरिंग हो रही है। इकनॉमिक टाइम्स में भी जुलाई मे जॉब मार्केट में आई बहार की खबर है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पास मई महीने के अंत तक पंजीकृत अंशधारकों की संख्या में शुद्ध रूप से 3.18 लाख की वृद्धि हुई जो अप्रैल की तुलना में 3 गुना से भी ज्यादा है। ईपीएफओ के ताजा आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान शुद्ध रूप से नये अंशधारकों की संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी।

देश के कई राज्यों में लगातार लॉकडाउन के बावजूद 19 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान शहरी रोजगार में इजाफा दर्ज किया गया। अप्रैल में शहरी रोजगार दर 35.1 प्रतिशत थी, जो 19 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान बढ़कर 38.1 प्रतिशत हो गई। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी CMIE के मुताबिक रोजगार बाजार में संतुलन की स्थिति दिखने लगी है। CMIE के मुताबिक अनलॉक की वजह से कई सेवा फिर से शुरू हुई हैं और शहरी रोजगार में इजाफा देखने को मिल रहा है।

इसके साथ ही मोदी सरकार अभियान चलाकर लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करा रही है।

कोरोना संकट के कारण वापस आए प्रवासी मजदूरों और गांव के लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए मोदी सरकार ने 20 जून को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ को शुरू किया है। 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।

यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों, विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास है।

आपको बता दें कि कोरोना काल में मोदी सरकार के आर्थिक राहत पैकेज से करोड़ों गरीबों, मजूदरों को मदद मिल चुकी है। डालते हैं एक नजर-

मोदी सरकार ने 20 लाख 97 हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से हर वर्ग, हर सेक्टर का रखा ख्याल
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना संकट से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भरता का मंत्र देते हुए लोकल उत्पादों के अधिक से अधिक इस्तेमाल का भी आह्वान किया था। यह राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का नहीं, बल्कि इससे भी 97 हजार करोड़ रुपये अधिक यानी कुल 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपये का है।

मोदी सरकार ने मार्च के आखिर सप्ताह में कोरोना संकट के उबरने के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। डालते हैं एक नजर-

मोदी सरकार ने दिया 1.70 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को लॉकडाउन के प्रभाव से गरीबों को बचाने के लिए की है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच अर्थव्यवस्था और गरीबों की मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गरीब कामगारों के लिए पैकेज का एलान किया। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों और गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज तैयार किया गया है। हमारी कोशिश होगी कि गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए। इसके तहत गरीबों को नवंबर कर हर महीने 10 किलो का मुफ्त अनाज दिया जाएगा और किसानों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही महिलाओं, बुजुर्गों और कर्मचारियों के लिए भी ऐलान किए गए हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीएम गरीब कल्याण धन योजना के तहत किसानों, मनरेगा, गरीब विधवा, गरीब पेंशनधारी और दिव्यांगों, और जनधन अकाउंट धारी महिलाओं, उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाएं, स्वंय सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी जाएगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
नवंबर, 2020 तक हर गरीब को अब 5 किलो का अतिरिक्त गेहूं और चावल मिलेगा, यानी कुल 10 किलो का गेहूं या चावल उसे मिल सकेगा। साथ ही उन्हें 1 किलो दाल भी मिलेगी, जिसमें क्षेत्र के मुताबिक लोगों के पसंद की दाल दी जाएगी।

हेल्थ वर्कर्स को मेडिकल इंश्योरेंस
कोरोनावायरस से निपटने में देश के हेल्थ वर्कर्स की अहम भूमिका को समझते हुए सरकार ने गरीबों को नवंबर महीने तक के लिए 50 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कवर देने का फैसला किया है।

किसानों, महिलाओं और बुजुर्गों को भी राहत
अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों के खाते में 2000 रुपए की किस्त डाली गई। देश के 8 करोड़ 70 लाख किसानों को इसका लाभ होगा। वहीं बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को 1000 रुपए अतिरिक्त देने की घोषणा की गई।उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिला लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त नवंबर तक महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह 500 रुपए दिए जाएंगे, जिसका लाभ 20 करोड़ महिलाएं उठा पाएंगी। इसके साथ ही दीनदयाल योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख का लोन दिया जाएगा।

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