जम्मू कश्मीर में नई सुबह की दस्तक!
धरती का जन्नत कहलाने वाले जम्मू कश्मीर में अमन की बयार बहने की एक नई आस जगी है। राज्य में असली हीरो के चेहरे सामने आने के साथ एक नई सुबह ने दस्तक दी है, जिसमें पत्थरबाजों के लिए एक सीख के साथ सुधर जाने की चेतावनी भी है।
सिविल सर्विसेज परीक्षा में बिलाल को 10वां स्थान
ये संदेश लेकर आये हैं बिलाल मोहिउद्दीन भट जो आईएएस के लिए चुने गए हैं। उत्तरी कश्मीर के दूरदराज के इलाके हंदवाड़ा के बिलाल ने संघ लोकसेवा आयोग-UPSC की 2016 की परीक्षा में दसवां स्थान हसिल किया है। पुंछ के जफर इकबाल 39वें और राजोरी के अनायत अली इसी परीक्षा में 808वें नंबर पर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर असली हीरो कौन?
अपनी इस सफलता के साथ बिलाल ने जम्मू कश्मीर से जुड़ी आतंक और दहशत की धारणा को धोने की कोशिश की है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से बताया है कि घाटी को पत्थरबाजों की नहीं उन जैसों की चाहत है। बिलाल के कमाल ने एक बार फिर साबित किया है कि कश्मीरी युवा दुनिया भर में अपनी प्रतिभा और हुनर का जलवा दिखाने को बेताब हैं।
बिलाल से पत्थरबाज लेंगे सबक?
आतंक के स्थानीय और सीमापार बैठे आकाओं के बहकावे में अपनी जिंदगी बर्बाद करने की ओर बढ़ने वाले उन नौजवानों के लिए आज बिलाल से सीख लेने की जरूरत है। जरा तस्वीर के दो पहलुओं पर गौर करके देखिए एक तरफ जिंदगी में इंसनियात के लिए कुछ कर गुजर जाने का समर्पण भाव है..तो दूसरी तरफ इंसानियत को लहुलूहान कर अपनी उस भारत मां को जख्म देने की कोशिश जिनकी छत्रछाया में हम पले-बढ़े हैं। एक बिलाल हैं जो आईएएस बनने के अपने सपने को सच करने के लिए पिछले सात सालों में कभी हार नहीं मानी, वहीं ऐसे कुछ युवा हैं जो पल भर में किसी बहकावे में आकर हिंसा और आतंक के रास्ते पर चल पड़ते हैं।
बुरहान और सब्जार के पथ को त्यागो!
आतंकी बुरहान वानी और सब्जार अहमद जैसे आतंकियों ने आखिर कश्मीर को खूनखराबा और अशांति के अलावा क्या दिया? बुरहान और सब्जार के प्रति देश में नरम रवैया रखने वाले भी आज बिलाल और कश्मीर के उन युवाओं की सोच को भी देख लें जहां युवकों का एक ऐसा दस्ता तैयार हो रहा है जिनके नक्शेकदम पर कश्मीर का भविष्य सजेगा संवरेगा।
बिलाल के मंत्र से आएगी घाटी में शांति
बिलाल ने अपनी सफलता के मंत्र के बारे में बताते हुए कहा कि वो अपनी इस सोच से कभी डिगे नहीं कि कोशिश करते रहो और विफलताओं के बावजूद हार नहीं मानो। जो लोग ऐसा सोचते हैं कि घाटी में केवल पत्थरबाजों की फसल उगती है बिलाल ने उन्हें भी गलत साबित किया है। बिलाल की सफलता पर हर तरफ खुशी का माहौल है। कारण है जम्मू कश्मीर को आज ऐसी ही खुशी की तलाश है। बिलाल की सफलता पर पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये काफी उत्साह बढ़ाने वाली बात है कि आतंकवाद प्रभावित इलाकों के युवा सिविल सर्विसेज की परीक्षा दे रहे हैं और टॉप कर रहे हैं। बिलाल चाहते हैं कि दूसरे युवा भी सिविल सर्विसेज की तरफ आएं, ताकि घाटी और अपने लोगों की सेवा कर सकें। अब तक भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी के तौर पर लखनऊ में कार्यरत रहे बिलाल भट को उम्मीद है कि उन्हें जम्मू कश्मीर कैडर मिल जाएगा..जहां लोगों की सेवा करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
पिता से मिली IAS बनने की प्रेरणा
बिलाल ने अपनी स्कूल और कालेज की पढ़ाई श्रीनगर से की। इसके बाद वेटनरी साइंस में जम्मू से आगे की पढ़ाई की।
32 वर्षीय बिलाल 2010 से ही आईएएस बनने की कोशिश कर रहे थे। वो कश्मीर प्रशासनिक सेवा (KAS) और उसके बाद भारतीय वन सेवा (IFS) के लिए चुने गए। लेकिन उनका लक्ष्य आईएएस बनना था और वे इसे हासिल करके ही माने। कश्मीर प्रशासनिक सेवा में रहे अपने पिता जेएम भट को बिलाल अपना आदर्श मानते हैं..जिनसे उन्हें ये सीखने को मिला कि कामयाबी के लिए कई सुख त्यागने पड़ते हैं।
UPSC में जम्मू-कश्मीर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के परिणामों में जम्मू कश्मीर के परिणाम इस बार सबसे बेहतरीन रहे हैं। पहली बार इस परीक्षा में राज्य के 14 लोगों ने सफलता पाई है।
कश्मीर के बिलाल के अलावा इस परीक्षा में कई दूसरे जिलों के परीक्षार्थियों को सफलता प्राप्त हुई है। बिलाल के अलावा श्रीनगर के बेमिना के रहने वाले फखरूद्दीन और रामबाग के बिस्मा काजी सहित कुल 14 लोग इस परीक्षा में सफल हुए हैं। प्रशासनिक सेवा की अपनी इस कामयाबी के साथ बिलाल और उनके ये साथी आज जम्मू कश्मीर के लिए शांति दूत बने नजर आ रहे हैं।