जलियांवाला बाग स्मारक स्थल के पुनर्निर्माण और उसकी भव्यता को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाया जा रहा है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसको लेकर सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं। लेकिन आप तस्वीर देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी सरकार द्वारा पुनर्निर्माण से पहले स्मारक किस तरह उपेक्षा का शिकार था। जलियांवाला बाग स्मारक के प्रबंधन के लिए वर्ष 1951 में एक न्यास का गठन किया गया था और इसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष को पदेन सदस्यता दी गई थी। लेकिन कांग्रेस ने इस स्मारक की उपेक्षा कर शहीदों का अपमान किया है। मोदी सरकार ने इस स्मारक का पुनर्निर्माण कर शहीदों की यादों को संजोया है, ताकि नई पीढ़ी उससे प्रेरणा ले सके।
70 साल से बदहाली का शिकार जलियांवाला बाग स्मारक
शहीदों की मिट रहीं यादों को मोदी सरकार ने किस तरह से संजोया है, उसे जलियांवाला बाग स्मारक स्थल के पुनर्निर्माण से पहले और बाद की तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है…