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एक और ‘भारी’ छलांग: श्रीहरिकोटा से इसरो का LVM3-M6 मिशन लॉन्च, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। दुनिया को एक बार फिर अपनी ताकत दिखाते हुए भारी लिफ्ट प्रक्षेपण यान LVM-3 M6 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर उसकी कक्षा में पहुंचा दिया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से गुरुवार सुबह ठीक 8:54 बजे जब रॉकेट ने आसमान की ओर रुख किया, तो पूरा स्पेस सेंटर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

यह सिर्फ एक लॉन्च नहीं था, बल्कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा का एक नया कीर्तिमान था। इस मिशन की सबसे बड़ी खास बात इसका वजन है। यह रॉकेट अपने साथ ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 (BlueBird Block-2) सैटेलाइट लेकर गया है, जिसका वजन 6.5 टन है। भारत की धरती से लो अर्थ ऑर्बिट में भेजा गया यह अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है।

यह लॉन्च एक कमर्शियल डील के तहत किया गया है, जो भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय स्पेस मार्केट में मजबूत मौजूदगी को दिखाता है। BlueBird Block-2 अगली पीढ़ी का कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन को हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड सेवा दे सकेगा, खासकर उन इलाकों में जहां नेटवर्क कमजोर है।

BlueBird Block-2 सैटेलाइट 19 अक्टूबर को अमेरिका से भारत लाया गया था। इसके बाद श्रीहरिकोटा में इसकी तैयारियां पूरी की गईं और अब इसे सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया गया है। इस उपलब्धि ने इसरो की हैवी-लिफ्ट क्षमता को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

इस साल यह इसरो और अमेरिका के बीच दूसरा बड़ा सहयोग है। इससे पहले जुलाई में निसार (NISAR) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इस सफल लॉन्चिंग के बाद अब दुनिया के कमर्शियल स्पेस मार्केट में भारत का दबदबा और बढ़ गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता पर ISRO की टीम को बधाई दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा कि यह लॉन्च भारत की स्पेस यात्रा में एक गर्व का पल है। उन्होंने लिखा कि ‘भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम… भारतीय धरती से अब तक के सबसे भारी उपग्रह, अमेरिका के ‘ब्लू बर्ड ब्लॉक-2’ को उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित करने वाला LVM3-M6 का सफल प्रक्षेपण, भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गर्व का मील का पत्थर है। यह भारत की भारी वजन ले जाने वाली लॉन्च क्षमता को मजबूत करता है और वैश्विक वाणिज्यिक अंतरिक्ष बाजार में हमारी बढ़ती भूमिका को पुख्ता करता है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में हमारे प्रयासों का भी प्रतिबिंब है। हमारे मेहनती अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बहुत-बहुत बधाई। भारत अंतरिक्ष की दुनिया में नई ऊंचाइयां छूना जारी रखेगा!’

एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम युवाओं की ताकत से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ‘भारत की युवा शक्ति से संचालित हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम अब और अधिक उन्नत और प्रभावशाली होता जा रहा है। LVM3 रॉकेट द्वारा भारी वजन उठाने की अपनी विश्वसनीय क्षमता के प्रदर्शन के साथ, हम ‘गगनयान’ जैसे भविष्य के मिशनों की नींव मजबूत कर रहे हैं। साथ ही, हम अपनी वाणिज्यिक लॉन्च सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं और वैश्विक साझेदारी को गहरा कर रहे हैं। यह बढ़ती क्षमता और आत्मनिर्भरता को मिला यह बढ़ावा आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद शानदार है।’

इस मिशन की सफलता ने साबित कर दिया है कि इसरो अब न केवल कम खर्च में, बल्कि भारी से भारी सैटेलाइट को भी अंतरिक्ष में भेजने में पूरी तरह सक्षम है। भारत आज विश्व के अग्रणी अंतरिक्ष देशों में मजबूती से अपनी जगह बना चुका है। और यह कामयाबी वैश्विक लॉन्चिंग मार्केट में भारत की हिस्सेदारी को और बढ़ाने वाला साबित होगा।

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