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जिनके लिए गांधी परिवार देश, संविधान से ऊपर उन्हें समझना होगा कि देश में बोलने की स्‍वतंत्रता है, गाली देने की नहीं

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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी को लेकर पार्टी का हंगामा जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत ने दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक में चुनावी रैली में एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इस बयान पर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कोर्ट ने राहुल को माफी मांगने का अवसर दिया, लेकिन अपने अहंकार में उन्होंने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, मुझे कोर्ट की दया नहीं चाहिए। हैरानी की बात यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल इससे पहले तीन बार माफी मांग चुके हैं।

तीन बार बिना शर्त मांग चुके हैं माफी
जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बाद खुद को भावी प्रधानमंत्री समझने वाले राहुल गांधी ने मोदी सरनेम मामले में कहा कि मैं ‘राहुल सावरकर’ नहीं राहुल गांधी हूं, कभी माफी नहीं मांगने वाला। लेकिन इस राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर माफी मांगी थी। उस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने माफीनामे में कहा था, ‘कोर्ट का अपमान करने की न तो मेरी कोई मंशा थी और न ही मैंने जानबूझकर ऐसा किया। मैं अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाना चाहता। भूलवश मुझसे ये गलती हुई, लिहाजा इसके लिए मैं माफी चाहता हूं।

कोर्ट ने भविष्य में सावधान बरतने की दी थी नसीहत 
उस समय राहुल गांधी के माफीनामे को मंजूर करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा था, ”दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना पुष्टि के आरोपी ने पीएम के बारे में कोर्ट के हवाले से ऐसी बात कही। भविष्य में ध्यान रखें। इतनी ज़िम्मेदार राजनीतिक स्थिति वाले व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए।” कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने बिना शर्त माफी रखी गई। हम इसे स्वीकार करते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी को हिदायत देते हुए कहा कि बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता को ज़िम्मेदारी दिखानी चाहिए, भविष्य में सावधान रहें।

जमानत पर चल रहे राहुल पर अब भी चल रहे हैं कई मामले
लेकिन जब मामला पिछड़ी जाति के अपमान का है तो राहुल गांधी माफी मांगने से इनकार कर रहे हैं। राहुल गांधी पर अब भी मानहानि के 6 अलग-अलग केस दर्ज हैं। असम मठ पर टिप्पणी, अमित शाह पर बयान, महात्मा गांधी की हत्या में संघ का हाथ, संघ करवा देती है विरोधियों की हत्या के साथ राफेल मामले में ‘कमांडर-इन-चोर’ वाले बयान पर मामला अदालत में है। इसके साथ ही सहकारी बैंक मामला, आरएसएस गौरी लंकेश मामला, आरएसएस महात्मा गांधी मामला, नेशनल हेराल्ड केस और सारे मोदी चोर हैं सहित कुल सात मामलों में राहुल गांधी जमानत पर हैं। ऐसे में राहुल गांधी को तो आगे कई और मामलों में माफी मांगनी पड़ सकती है। इसे लेकर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता देश भर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

कांग्रेस के लिए गांधी परिवार देश, संविधान से ऊपर 
सुप्रीम कोर्ट में भविष्य में गलती ना दोहराने के वादे के बाद भी राहुल गांधी के बर्ताव पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हमने राहुल गांधी को आदतन अपराधी की तरह काम करते देखा है। उन्होंने कहा कि 2018 में जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी, तो उन्होंने माफी मांगकर अपना बचाव किया। उन्हें याद रखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भविष्य में ऐसी गलतियां करने से बचने को कहा था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से देश में एक नए विवाद को खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी को कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई और कानून के तहत ही उनकी सदस्यता लोकसभा से समाप्त हुई। उसको लेकर कुछ कांग्रेस के नेता जिनके लिए गांधी परिवार देश, संविधान सबसे ऊपर है, वो हाहाकार मचाते नजर आ रहे हैं।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राहुल को सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि आगे से गलती मत करना। इस बार हद हो गई कि न्यायालय के जरिए माफी का मौका दिए जाने के बावजूद भी उन्होंने माफी नहीं मांगी, अपना अहंकार दिखाया। कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह से न्यायालय पर ही सवाल खड़े किए उससे साबित होता है कि कांग्रेस के नेताओ का संविधान में यकीन नहीं बचा है।

लोकतंत्र नहीं कांग्रेस को है खतरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकतंत्र पर खतरा वाले बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि लोकतंत्र नहीं कांग्रेस पार्टी खतरे में है। किशन रेड्डी ने संसद भवन परिसर में कहा कि ‘लोकतंत्र नहीं कांग्रेस को खतरा है इसलिए उन्होंने कांग्रेस बचाओ के नाम पर भारत जोड़ो यात्रा की थी। वे प्रजातंत्र के बारे में बोल रहे हैं लेकिन उन्हें बोलने का हक नहीं है क्योंकि आपातकाल के दौर में कांग्रेस ने लाखों लोगों को जेल में डाला था।

बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन गाली देने की नहीं
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राहुल गांधी के साथ कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि 2019 में ‘मोदी’ नाम को किसने गाली दी? इसका मतलब इस देश में बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन गाली देने की नहीं। कांग्रेस को बोलने की स्वतंत्रता और गाली देने की स्वतंत्रता में फर्क करना चाहिए। वह इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए बल्कि क़ानूनी के चश्मे से देखना चाहिए…

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