प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि, मानवता के सामने इस समय दो बड़े खतरे हैं- पर्यावरण और आतंकवाद। इनमें से पर्यावरण के खतरे को हम देख नहीं पाते, लेकिन आतंकवाद के खतरे को हम देख पाते हैं, अनुभव कर पाते हैं, सुन पाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैकरॉन से चर्चा के बाद साझा प्रेस कांफ्रेंस में ये बातें कहीं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि, फ्रांस का हर बच्चा आतंकवाद की भयानकता को समझता है। विश्व का बहुत बड़ा हिस्सा इस संकट से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अलावा आतंकवाद पर भी फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि रेडिकलाइजेशन के बदले डीरेडिकलाइजेशन को कैसे बढ़ाएं इस पर बात हुई है।
‘मदर अर्थ’ को बचाना सबका कर्तव्य
प्रधानमंत्री ने कहा है कि, पेरिस मेरी राजनीतिक यात्रा का बहुत बड़ा महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के मसले पर पेरिस एग्रीमेट के संदर्भ में भारत और फ्रांस ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। ये हमारी साझी विरासत है। विश्व की साझी विरासत है। हम समझौते के साथ भी हैं, समझौते के बाद भी मिलकर चलेंगे, मिलकर करेंगे। ये केवल पर्यावरण सुरक्षा का मामला नहीं है बल्कि मदर अर्थ को बचाने का साझा कर्तव्य है। ये भावी पीढ़ी के लिए हमारी जिम्मेदारी है। हमारे लिए पर्यावरण संरक्षण ‘आर्टिकल ऑफ फेथ’ है। इसकी सदियों से हमें शिक्षा मिली है, वेद काल से शिक्षा मिली है। प्रकृति के संरक्षण, प्रकृति के साथ सहजीवन, संवाद, सहमति और उसके संवर्धन के प्रति हम संस्कारों से, संस्कृति से और स्वभाव से कृतसंकल्प रहे हैं। ये हमारे पूर्वजों ने बचाकर रखा है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें इसे बचाकर रखना है। ये हमारा दायित्व है। भावी पीढ़ी को मिलकर के कुछ न कुछ देकर के जाएंगे। इस दिशा में कई महत्वर्ण कदम उठाए हैं। पीएम के अनुसार, पेरिस की धरती पर ‘इंटरनेशनल सोलर एलायंस’ की एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। फ्रांस के राष्ट्रपति का इसके प्रति समर्पण से उन्हें बहुत अधिक खुशी हुई है। फ्रांस-भारत ने मिलकर इस कल्पना को जन्म दिया है।
सशक्त यूरोपियन यूनियन चाहता है भारत
इस दौरान पीएम ने कहा कि, भारत एक सशक्त यूरोपियन यूनियन का पक्षकार हैं। फ्रांस के नए और ऊर्जावान नेतृत्व से यूरोपियन यूनियन को एक नया ताकत मिलेगा। एक सफल, प्रगतिशील,ताकतवर यूरोपियन यूनियन, वैश्विक संतुलन में बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। जिसमें फ्रांस की भूमिका बहुत अहम होगी।
पीएम ने ये भी कहा कि, भारत-फ्रांस के द्विपक्षीय और सांस्कृतिक संबंध बहुत गहरे रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में ये संबंध और आगे बढ़ेगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने फ्रांस में अपने शानदार स्वागत के लिए वहां के राष्ट्रपति का बहुत आभार जताया। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति को भारत आने का भी निमंत्रण दिया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
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