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यूपी में टूटने की कगार पर इंडी गठबंधन, बस ऐलान होना बाकी, अखिलेश और कांग्रेस में छिड़ी जुबानी जंग

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुकाबला करने के लिए 28 विपक्षी दलों ने इंडी गठबंधन तो बना लिया, लेकिन अब उसे एकजुट रखना मुश्किल हो रहा है। दो प्रमुख घटक दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता एक-दूसरे पर खुलकर वार-पलटवार कर रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव जिस तरह कांग्रेस पर लगातार हमले कर रहे हैं, उससे लगता है कि उत्तर प्रदेश में इंडी गठबंधन का अंत हो चुका है, बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है। अब दोनों दलों में मुद्दा और वोटबैंक पर कब्जे की होड़ लगी है।  इसलिए दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी को वोट देना वोट की बर्बादी है, वहीं अखिलेश ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस अपने विधायकों को लूटने से नहीं बचा पाई।

अपने विधायकों को लूटने से नहीं बचा पाई कांग्रेस – अखिलेश 

सीहोर जिले के बुधनी सीट पर सपा के उम्मीदवार मिर्ची बाबा के लिए प्रचार करने पहुंचे अखिलेश यादव ने कमलनाथ पर हमला करते हुए कहा कि लोकतंत्र में ये भाषा नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि आप वोट मत दीजिए। आप अपनी पार्टी की उपलब्धियां बताएं। समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि जो समाजवादियों की उपलब्धियां रही हैं, वो जनता को बताएं। कांग्रेस पार्टी तो अपने विधायकों को लूटने से नहीं बचा पाई।

सपा को वोट देने का मतलब वोट की बर्बादी- कमलनाथ

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थमने से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जोरदार हमला किया। कमलनाथ ने न्यूज 18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और दूसरे दलों को वोट देने का मतलब वोट की बर्बादी है। उन्होंने दावा किया कि सपा प्रमुख कांग्रेस पार्टी से समझौता कर जिन सीटों की मांग कर रहे थे, उनकी पार्टी उन विधानसभा सीटों पर बीजेपी को मात नहीं दे सकती थी।

अखिलेश यादव ने राहुल गांधी पर किया तंज

इससे पहले में तेलंगाना में चुनाव प्रचार करते हुए राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को ‘ऐक्स-रे’बताया था। इससे सपा प्रमुख लग रहा है कि कांग्रेस उनके सियासी मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है। मध्य प्रदेश के कटनी जिले के बहोरीबंद में एक रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने राहुल गांधी पर पलटवार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एमआराई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) और सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन जैसी नई टेक्नोलॉजी उपलब्ध है तो एक्स-रे क्यों ? अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की जातीय जनगणना की मांग एक चमत्कार है।

कांग्रेस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप

अखिलेश ने कांग्रेस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब तो जातीय जनगणना कराई नहीं और अब जब बीमारी बढ़ गई है तो एक्सरे की बात कर रही है। आधार कार्ड तंत्र के जरिए जातीय जनगणना तीन महीने में पूरी की जा सकती है। कांग्रेस वह पार्टी है, जिसने आजादी के बाद जातीय जनगणना नहीं कराई। उन्होंने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाया कि कांग्रेस आज क्यों जातीय जनगणना कराना चाहती है ? क्योंकि उनका जो परंपरागत वोटबैंग खिसक चुका है, उसे वो फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। कांग्रेस के नेता पिछड़े, दलित और आदिवासियों की तरफ देख रहे हैं, वो भी जानते हैं कि आजादी के बाद उन्होंने धोखा दिया, इसलिए वो उनके साथ नहीं है।

खुलती जा रही इंडी गठबंधन की गांठें

जब अखिलेश यादव से सवाल किया गया कि अब इंडिया गठबंधन कैसे चलेगा ? इस सावल का जवाब टालते हुए अखिलेश ने कहा कि इस मामले में आगे देखा जाएगा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने से अखिलेश यादव खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। चुनाव के दौरान उनके अंदर की पीड़ा अब खुलकर सामने आ रही है। इसी बीच कांग्रेस की जातीय जनगणना की मांग ने दोनों में और मतभेद पैदा कर दिया है। इससे दोनों दलों के बीच की दरार चौड़ी होती जा रही है और इंडी गठबंधन की गांठें खुलती जा रही हैं।

आइए देखते हैं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच एक-दूसरे को धोखेबाज और चालू साबित करने की किस तरह होड़ लगी हुई है…

कांग्रेस से मिले धोखे और कमलनाथ के पहचानने से इनकार करने से अखिलेश यादव काफी आहत है। उन्हें इतना गहरा आघात लगा है कि पीड़ा अब बर्दाश्त के बाहर हो चली है। इसलिए वो पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस पर हमलावर है। मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने पहुंचे अखिलेश यादव कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। कांग्रेस को सबसे बड़ी ‘धोखेबाज पार्टी’ से लेकर ‘चालू पार्टी’ की उपमा दे रहे हैं। साथ ही मतदाताओं से कांग्रेस पार्टी से सावधान रहने और वोट नहीं देने की अपील कर रहे हैं। 


अखिलेश यादव का कमलनाथ की उम्र पर तंज

मध्य प्रदेश के टिकमगढ़ में एक चुनावी रैली में कमलनाथ की उम्र पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस धोखेबाज पार्टी है। कांग्रेस ने बंसल जी को भी नहीं छोड़ा। बंसल काफी दुखी है कि कांग्रेस ने धोखा दे दिया। अखिलेश ने कहा कि जब कांग्रेस ने हमें धोखा दे दिया तो आपकी क्या बात है। दुख के साथ बंसल कहते हैं कि कांग्रेस ने हमें पहचाना ही नहीं, जिनकी उम्र 80 साल हो गई हो वो कैसे पहचानेंगे आपको, किसी से नाराजगी नहीं है। लेकिन हम हम मानते हैं कि जिनकी उम्र 80 साल होगी वो कभी-कभी नहीं पहचानेंगे। ये गलती हमारी है कि हमने 80 साल के लोगों पर भरोसा कर लिया कि वे हमें पहचानेंगे। इसलिए साथियों बहुत सावधान रहना ऐसे लोगों से।


कांग्रेस को वोट मत दीजिए, कांग्रेस से सावधान रहेंगे- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि यहां राशन में कुछ नहीं मिल रहा है। अगर राशन में कुछ नहीं मिल रहा है तो बीजेपी को क्यों वोट देंगे। बीजेपी को वोट मत दीजिए, कांग्रेस को भी वोट मत दीजिएगा, वह भी बहुत चालू पार्टी है। उन्होंने जनता से सवाल किया कि कांग्रेस से सावधान रहोंगे या नहीं रहोंगे ?कांग्रेस की जातीय जनगणना की मांग पर हमला करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस जाति जनगणना कराना चाहती है। कांग्रेस इसलिए जाति जनगणना कराना चाहती है, क्योंकि उसका जो वोट हैं बीजेपी में चला गया है। वो वोट के लिए जातीय जनगणना कर रहे हैं। हम समाजवादी लोग हक दिलाने के लिए जाति जनगणना करा रहे हैं। कांग्रेस ने अतीत में जातिगत जनगणना और मंडल आयोग की सिफारिशों का कार्यान्वयन रोक दिया था।

मर्यादा न लांघे,बड़ों का सम्मान करना सीखें – कांग्रेस

उधर अखिलेश के हमले के बाद अब कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। अखिलेश को चेतावनी देते हुए कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने कहा कि अखिलेश यादव मर्यादा न लांघे। कमलनाथ उनसे बहुत सीनियर है। कांग्रेस ने कार्यकर्ता की मंशा के अनुसार फैसला लिया है। अखिलेश का एमपी में कोई आधार नहीं है। अग्रवाल ने नसीहत देते हुए कहा कि अखिलेश यादव को बड़ों का सम्मान करना सीखना चाहिए। शायद अग्रवाल भूल गए हैं कि जहां अखिलेश यादव ने अपने पिता का सम्मान नहीं किया, वहीं कांग्रस ने कभी जनता का सम्मान नहीं किया। दोनों जनता को हमेशा धोखा दिया है।

कमलनाथ और अखिलेश की जुबानी जंग की चर्चा

गौरतलब है कि सपा और कांग्रेस इंडी गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन दोनों दल मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर 17 नंबर को होने वाला चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं। इस चुनाव के लिए दोनों दलों में तालमेल नहीं होने से अखिलेश और कमलनाथ के बीच तनातनी पहले ही सामने आ चुकी है। इस समय दोनों की बयानबाजी की खूब चर्चा हो रही है। कमलनाथ से एक कार्यक्रम के दौरान जब अखिलेश यादव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा दिया था कि छोड़ो भई अखिलेश-वखिलेश। इसके बाद पलटवार करते हुए अखिलेश ने कहा कि जिसके नाम में ही कमल हो तो वो वखिलेश ही कहेंगे, अखिलेश तो नहीं कहेंगे।

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