आज यानि 07 अगस्त का दिन देश के किसानों और छोटे कारोबारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। आज से किसान रेल का परिचालन शुरू हो गया। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह पार्सल रेल महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलाई गई है। किसान रेल से किसानों के जल्द खराब होने वाले सामान को समय पर पहुंचाया जाएगा।
इस तरह के ट्रेन चलाने की घोषणा इसी साल के बजट में की गई थी। यह ट्रेन फिलहाल साप्ताहिक होगी जिसमें 11 पार्सल डब्बे लगाए गए हैं। पहली किसान रेल सुबह 11 बजे देवलाली से चलकर अगले दिन शाम 06:45 पर दानापुर पहुंचेगी। यह 1519 किमी का सफर 31:45 घंटे में पूरा करेगी। वहीं हर रविवार 12 बजे दानापुर से रवाना होकर अगले दिन 7 बजकर 45 मिनट पर देवलाली पहुंचेगी। इन गाड़ियों में 10 पार्सल वैन होंगे और एक लगेज ब्रेक वैन है।
Indian Railways introduced first “Kisan Rail”, a special Parcel Train from Devlali (Maharashtra) to Danapur (Bihar)#KisanRail https://t.co/jKY6DTSTK1 pic.twitter.com/Z8fAkdgTDw
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 7, 2020
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह किसानों के लिए बहुत बड़ा दिन है। बजट में किसान रेल की घोषणा की गई थी। कृषि उपज के सर्वोत्तम वितरण की आवश्यकता है। किसान रेल यह सुनिश्चित करेगी कि कृषि उत्पाद देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचे। इस ट्रेन से किसानों और उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे ने ट्रेनों को किसानों की सेवा में लगा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से इस ट्रेन की शुरुआत की गई है। यह ट्रेन किसानों की आय दोगुनी करने में मील का पत्थर साबित होगी। भारतीय रेलवे और किसान कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं। देश के किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। मैं उस दिन का उत्सुकता के साथ इंतजार कर रहा हूं, जब कश्मीर के सेब किसान रेल के माध्यम से कन्याकुमारी पहुंचेंगे।
पहली किसान रेल का स्टॉपेज नासिक रोड, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुराहनपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज चौकी, प. दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर रखा गया है। यहां बड़े पैमाने पर खेती होती है। यह इलाका सब्ज़ियों, फलों, फूल और बाक़ी जल्द ख़राब होने वाले कृषि उत्पाद के अलावा प्याज की खेती के लिए जाना जाता है। इनके लिए पटना, प्रयागराज, कटनी, सतना जैसे इलाके में विशाल बाजार मौजूद है। इस ट्रेन से खेतों, बाजारों और उपभोक्ताओं को जोड़ने में मदद मिलेगी।
खेतों, बाजारों और उपभोक्ताओं को जोड़ने वाली भारत की पहली किसान रेल का शुभारंभ !
यह ट्रेन छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों के कृषि उत्पादों के परिवहन की आवश्यकताओं को पूरा करेगी। pic.twitter.com/fZy7U6EGeV
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 7, 2020
किसान ट्रेन जल्द खराब होने वाले उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला प्रदान करेगी। यह ट्रेन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक कदम है। यह ट्रेन कम समय में सब्जियों, फलों जैसे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करेगी। फ्रोजन कंटेनरों के साथ इस ट्रेन द्वारा जल्द खराब होने वाली चीजों जिसमें मछली, मांस और दूध शामिल है, के लिए एक निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने की उम्मीद है।