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पीएम मोदी की पहल पर जॉब क्रिएटर बनने को उत्सुक हैं इंडियन यूथ

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर कहते हैं, ” इस देश में पैंतीस साल से कम उम्र के नौजवानों की संख्या 65 प्रतिशत है, ये उन युवाओं का न्यू इंडिया है और मुझे देश के नौजवानों पर भरोसा है।” इसी भरोसे और विश्वास से पीएम मोदी ने युवाओं को जॉब सीकर्स से जॉब क्रिएटर बनने का आह्वान किया है। पीएम मोदी ने उनके लिए स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया जैसा अभियान चलाया है जो देश के युवाओं के लिए अपनी उद्यमशीलता साबित करने का एक बड़ा प्लेटफॉर्म है। उनके इस अभियान का असर अब साफ दिख रहा है। देश के युवाओं की सोच बदली है और आधे से ज्यादा युवा चाह रहे हैं कि वह स्वयं का व्यवसाय शुरू करें।

56 प्रतिशत युवा चाहते हैं अपना व्यवसाय
रेंडस्टेड वर्कमोनिटर के सर्वे के अनुसार भारतीय कामगारों में उद्यमी बनने की इच्छा सबसे अधिक है और आधे से अधिक यानी 56 प्रतिशत लोग अपनी मौजूदा नौकरी छोड़कर खुद का काम शुरू करने की इच्छा रखते हैं। रेंडस्टेड के सर्वे से निष्कर्ष निकला है कि 83% भारतीय कामगार अपना बिजनेस शुरू करने की इच्छा रखते हैं जबकि वैश्विक स्तर पर यह औसत 53% है।

पीएम मोदी की पहल से बदला है माहौल
रेंडस्टेड इंडिया के अनुसार कारोबारी माहौल, एफडीआई सीमा बढ़ाने संबंधी बाजारोन्मुखी सुधारों, जीएसटी के कार्यान्वयन और मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों से नयी आकांक्षा और महत्वाकांक्षा वाला भारतीय वर्ग पल्वित हो रहा है। भारत के युवा कठिन परिश्रम करना चाहते हैं और हर मोर्चे पर विजय की क्षमता रखते हैं।

पॉजिटिव थिंकिंग से हो रहा बड़ा बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बदलाव की इसी चाहत को एक नई दिशा दिखाई है। उनके नेतृत्व ने देश को नई गति दी है, नया हौसला दिया है। उन्होंने न सिर्फ देश के लोगों को खुद के सामर्थ्य पर भरोसा करने की सोच विकसित की है, बल्कि कठिन परिश्रम के जरिये हर मोर्चे पर विजय हासिल करने का रास्ता भी दिखाया है।

स्टार्टअप को सरकार के सपोर्ट से बदली फिजां
रेंडस्टेड इंडिया सर्वे के अनुसार, 45-54 वर्ष आयुवर्ग में 37% लोग ही अपना खुद का काम शुरू करना चाहते हैं जबकि 25-34 वर्ष आयु वर्ग में 72% और 35-44% आयुवर्ग में 61 % लोग अपना काम शुरू करना चाहते हैं। सर्वे में शामिल लगभग 86% ने संकेत दिया है कि भारत में स्टार्टअप शुरू करने के लिए अनुकूल माहौल है। वहीं 84% का कहना है कि भारत सरकार देश में नये स्टार्टअप का समर्थन कर रही है।

स्टार्टअप से स्टैंडअप इंडिया की ओर चल पड़ा देश
18 जनवरी, 2016 को पीएम ने स्टार्ट-अप लॉंच करते हुए कहा, ”अगर हमारे यहां मिलियन समस्याएं हैं तो बिलियन दिमाग भी हैं। स्टार्टअप इंडिया को मैं स्टैंडअप इंडिया मानकर चलता हूं।” पीएम मोदी की ही पहल पर उद्यमिता को बढ़ावा देने और उसके अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए स्टार्ट-अप इंडिया कार्ययोजना की घोषणा की थी। इसमें तीन वर्षों तक कर वसूली पर रोक और उद्यम पूंजी निवेश पर पूंजीगत लाभ शुल्क से छूट जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

दरअसल पॉजिटिव थिंकिंग, पॉजिटिव एनर्जी और पॉजिटिव एप्रोच… ये तीनों ही बातें किसी भी देश-समाज की प्रगति के लिए जरूरी हैं। भारत में भी पीएम मोदी के नेतृत्व में सकारात्मक माहौल है और देश में बदलाव साफ देखा जा सकता है। युवाओं का जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनने की राह इसी बदलाव का एक रूप है।

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