प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों में सकारात्मकता का संचार किया है। पीएम मोदी ने कई ऐसे आह्वान किए हैं जो लोगों की सोच को सकारात्मक बनाने में योगदान दे रहे हैं। दरअसल ये सोच बदलाव के अभियान में शामिल होने का है। यह बदलाव सिर्फ लोगों में ही नहीं बल्कि हमारे देश के शासन तंत्र और सिस्टम में भी आ रहे हैं।
एयर इंडिया फ्लाइट्स में सैनिकों को पहले सीट दी जाएगी
एयर इंडिया के एक फैसले ने देशवासियों का दिल जीत लिया है। बीते 16 अगस्त से एयर इंडिया के किसी भी फ्लाइट में सेना के लिए विशेष सम्मान प्रदर्शित किया जा रहा है। एयर इंडिया के फ्लाइट्स में अब सबसे पहले चढ़ने के लिए सेना या उनसे जुड़े लोगों को बुलाया जा रहा है। यानि अब फर्स्ट क्लास और बिजनेस क्लास के यात्रियों से पहले भी सेना या उनसे जुड़े लोगों को बुलाया जा रहा है। ये फैसला सेना के तीनों अंगों के जवानों पर लागू है। दरअसल पीएम मोदी को सेना के साथ रहना उनके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। इस भाव के पीछे सेना के प्रति पीएम मोदी की दृष्टि में विशेष स्थान होना है।
Starting 15 August, Air India has started giving boarding priority to Army, Navy & Air Force personnel, as a mark of respect: Air India pic.twitter.com/pkSn2t4mlM
— ANI (@ANI) August 16, 2017
सैैनिकों के प्रति सम्मान का इजहार करें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के भोपाल में शौर्य स्मारक पर दिवंगत जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद आम जनता से अपील की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत में भी दूसरे देशों की तरह अपने सेना के जवानों के लिए तालियां बजनी चाहिए। जवानों को ऐसा लगना चाहिए कि सवा सौ करोड़ जनता के लिए वे काम करते हैं और सभी उनके साथ हैं। इस अपील का जनता पर असर देखने को मिल रहा है। अब एयरपोर्ट पर या स्टेशनों पर सेना के जवान जब लोगों को मिलते हैं, तो आम लोग उनका अभिवादन करते हैं, उनका सम्मान करते हैं। यह बदलाव बताता है कि भारत बदल रहा है। देश के लोग बदल रहे हैं। वे सम्मान का मतलब समझने लगे, उसे प्रेरणा में बदलने लगे हैं और दूसरों को प्रेरित करने लगे हैं।
पीएम मोदी की इस प्रेरणा का असर 18 अप्रैल, 2017 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर तब दिखा जब लोगों ने सेना के जवानों का तालियां बजाकर स्वागत किया। यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ। वीडियो में एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों ने सेना के जवानों के लिए तालियां बजायीं। जैसे ही जवानों ने एयरपोर्ट पर कदम रखे, लोग अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गये।
0300 hrs, Indira Gandhi International Airport, crowds break into spontaneous applause when they see #IndianArmy soldiers. The day has come ? pic.twitter.com/olK3nIHXJY
— Major Gaurav Arya (@majorgauravarya) April 18, 2017
स्वयं ही अटेस्टेड कीजिए अपना प्रमाण पत्र
प्रधानमंत्री को देश के लोगों पर पूरा भरोसा है, उनकी ईमानदारी पर विश्वास है। तभी तो उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में किसी अधिकारी से सर्टिफिकेट प्रमाणित करवाने की बाध्यता खत्म कर दी। अब उम्मीदवार स्वयं सत्यापित कर सकता है और सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के वक्त ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट दिखाता है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने तीसरे और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों से इंटरव्यू खत्म करवा दिया। वहीं करीब एक करोड़ पेंशन भोगियों के लिए स्वयं उपस्थित होकर लाइफ सर्टिफिकेट देने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई। अब उन्हें डिजिटल माध्यम से लाइफ सर्टिफिकेट देने की सुविधा दी गई है।
नौकरी मांगिये नहीं नौकरी दीजिये
सवा सौ करोड़ देश वासियों के मन के अंदर एक आशा है, एक उमंग है, एक संकल्प है, एक चाह है, यह सवा सौ करोड़ लोगों का सपना है। सभी देशवासी अगर संकल्प करें और मिलकर कदम उठाते चलें, तो न्यू इंडिया का सपना हमारे सामने सच हो सकता है। – नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री का कहना है कि ये देश के 65 प्रतिशत पैंतीस साल से कम उम्र के नौजवानों का न्यू इंडिया है और उन्हें देश के नौजवानों पर भरोसा है। इसी भरोसे से उन्होंने युवाओं को जॉब सीकर्स से जॉब क्रिएटर बनने का आह्वान किया। पीएम मोदी के आह्वान का असर है कि देश के 56 प्रतिशत युवा अब अपना रोजगार करना चाहते हैं। रेंडस्टेड वर्कमोनिटर के सर्वे के अनुसार भारतीय कामगारों में उद्यमी बनने की इच्छा सबसे अधिक है और आधे से अधिक यानी 56 प्रतिशत लोग अपनी मौजूदा नौकरी छोड़कर खुद का काम शुरू करने की इच्छा रखते हैं। रेंडस्टेड के सर्वे से निष्कर्ष निकला है कि 83 प्रतिशत भारतीय कामगार अपना बिजनेस शुरू करने की इच्छा रखते हैं जबकि वैश्विक स्तर पर यह औसत 53 प्रतिशत है।
दिव्यांग कहेंगे तो सम्मान का भाव झलकेगा
शब्दों का अपना महत्व होता है… परमात्मा ने जिसको शरीर में कुछ कमी दी है, हम उसे विकलांग कहते हैं। कभी-कभी हम जब उनसे मिलते हैं तो पता चलता है कि हमें आंखों से उनकी यह कमी दिखती है, लेकिन ईश्वर ने उन्हें कुछ एक्स्ट्रा पावर दिया होता है। एक अलग शक्ति का उसके अंदर परमात्मा ने निरूपण किया होता है। मेरे मन में विचार आया कि क्यों न हम देश में विकलांग की जगह पर दिव्यांग शब्द का प्रयोग करेंगे। ये वे लोग हैं, जिनके पास एक ऐसा अंग है या एक से अधिक अंग हैं , जिसमें दिव्यता है। मुझे यह शब्द अच्छा लग रहा है।-नरेंद्र मोदी
27 दिसंबर, 2015 को मन की बात के 15वें संस्करण में पीएम मोदी की कही गई ये बात दर्शाती है कि वे किसी विषय को कितनी गहराई तक सोचते हैं। हम-आप जहां लाचार व्यक्ति के खराब अंगों के बारे में सोचते हैं वहीं पीएम मोदी ने उनके दिव्य अंगों को देखा। यही तो वो नजरिया है जिससे भारत न्यू इंडिया के सपने को साकार कर पाएगा। पीएम मोदी की एक अपील के बाद अब लोग विकलांग न कहकर दिव्यांग कहने लगे हैं। जाहिर है जब हम किसी चीज को सकारात्मक नजरिये से सोचते हैं तो उसकी अलग तस्वीर निकल कर सामने आती है।
स्वच्छाग्रह-कार्यांजलि होगी असली श्रद्धांजलि
2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत देश को 2019 तक गंदगी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जन भागीदारी और जन जागरूकता के आधार पर चलाए जा रहे इस अभियान को पीएम मोदी नेक्स्ट लेवल पर ले गए हैं। उन्होंने इसे एक नया नाम दे दिया है ‘स्वच्छाग्रह’ । दरअसल जैसे गांधी जी ने चंपारण सत्याग्रह लोगों की स्वयं में उपजी अनुभूति के आधार पर चलाया था, वैसे ही पीएम मोदी चाहते हैं कि स्वच्छता के प्रति लोगों की स्वयं की सोच विकसित हो। उनके भीतर से स्वच्छता के लिए आवाज आए और वे इस काम में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि ”एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं।” घर-घर शौचालय अभियान भी स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है।