किस्से कहानियों में हम सुनते थे कि भारत कभी विश्वगुरु था। भारत पूरी दुनिया की अगुवाई करता था। ये भी सुनते रहे कि 21वीं सदी भारत की है। पूरी दुनिया पर भारत राज करेगा। लेकिन लगता है जल्द ही ये सपना अब पूरा होने वाला है। मोदी की अगुवाई में भारत ने वो कारनामा कर दिखाया है जिसके बारे में कभी अमेरिका, यूरोप ने कल्पना भी नहीं की होगी। अगर यही हाल रहा तो जल्द ही बाकी क्षेत्रों में भी भारत का राज होगा।
मामला नोटबंदी का है। ई-पेमेंट के बारे में जो कुछ हो रहा है, उसे पूरी दुनिया टकटकी लगाए देख रही है, लेकिन नोटबंदी के बाद सरकार की पहल पर देशवासियों ने जो कुछ किया, उससे सबकी आंखें फटी की फटी रह गई हैं। जिस तकनीक की तरफ दुनिया के देश भाग रहे हैं, उसमें भारत का स्थान सातवां है। देखते ही देखते ई-पेमेंट के मामले में संख्या की दृष्टि से भारत ने विश्व के टॉप टेन देशों में अपना स्थान बना लिया है।
दरअसल ई-पेमेंट के मामले में विश्व बैंक ने 2016 में जो रिपोर्ट प्रकाशित की। उस रिपोर्ट में भारत का नाम कहीं नहीं है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा अमेरिका में ई-पेमेंट करते हैं। वहां ई-पेमेंट करने वालों की संख्या 25.5 करोड़ है। इसके बाद दूसरा स्थान जर्मनी का है, जहां 6.12 करोड़ लोग ई-पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं। तीसरा स्थान फ्रांस का है। उसके बाद यूनाइटेड किंगडम, द. कोरिया और कनाडा का है। अब इस सूची में भारत भी शामिल हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के ऐलान और कैशलेस की तरफ भारत को ले जाने की पहल करने के बाद भारत में करीब सवा दो करोड़ लोग ई-पेमेंट का सहारा ले रहे हैं, जो कि संख्या के लिहाज से दुनिया में सातवां स्थान है। जबकि यहां लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूपे कार्ड पेमेंट के माध्यम से रोजाना 21 लाख सौदे हो रहे हैं, ई-वॉलेट के जरिए भी खरीदारों की संख्या 20 लाख से बढ़कर एक करोड़ हो गई है। स्वैपिंग मशीन से पेमेंट करने वालों की संख्या 50 लाख से बढ़कर 99 लाख रोजाना हो गई है। यूएसएसडी के माध्यम से जहां 8 नवंबर से पहले केवल 97 सौदे एक दिन में होते थे। अब रोजाना 5 हजार सौदे हो रहे हैं।
नोटबंदी के बाद जिस तरह से लोगों का रूझान ई-पेमेंट की ओर बढ़ा है। दो माह में जितना लेन-देन हुआ है। उसके आधार पर रैंकिंग की जाए तो ई-पेमेंट के मामले में भारत का विश्व में सातवां स्थान बन गया है। ऐसे में, अधिकारिक रूप ई-पेमेंट के मामले में विश्व बैंक की अगली रिपोर्ट जब आएगी तो रैंकिंग की तस्वीर कुछ अलग ही कहानी कहती हुई नजर आएगी। वह दिन दूर नहीं कि भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में विश्व में नंबर एक हो जाएगा।
हालांकि एक दिक्कत ये है कि औसत के मामले में भारत कई राष्ट्रों से पीछे है। लेकिन अगर यही रफ्तार रही तो वो दिन दूर नहीं जब हर मामले में और हर क्षेत्र में भारत मोदी की अगुवाई में पूरी दुनिया को दशा औऱ दिशा देगा।
– दीपक राजा