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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर भारत का कड़ा कदम, ढाका पहुंचे सरकार के ‘दूत’ की दोटूक- हिंदुओं की रक्षा और मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें

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बांग्लादेश में चार माह पहले 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की सरकार गिरने और मुहम्मद यूनुस की केयरटेकर सरकार आने के बाद से हिंदुओं पर हमले, अत्याचार, महिलाओं के शोषण की घटनाएं बढ़ गई हैं। इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय प्रभु को पिछले माह गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश के ब्राह्मणबारिया जिले में 30 नवंबर को त्रिपुरा से ढाका होते हुए कोलकाता जा रही एक बस पर हमला हुआ। बांग्लादेश की सरकार भारत के चिर-विरोधी पाकिस्तान के साथ रिश्ते बनाने में लगी है। ऐसे में बांग्लादेश से लेकर भारत तक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के लिए बांग्लादेश की सरकार की घोर भर्त्सना हो रही है। भारत भी बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता जता चुका है। अब बांग्लादेश में बिगड़े हालात और बदले राजनैतिक घटनाक्रम के बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोमवार को राजधानी ढाका पहुंचे हैं। मुहम्मद यूनुस के देश का अंतरिम लीडर बनने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ढाका में विक्रम ने अपने समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन को दो टूक लहजे में कह दिया कि सबसे पहले बांग्लदेश में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों की रक्षा और मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा तय करना सुनिश्चित करें।

केयरटेकर सरकार ने पाकिस्तान को गोला-बारूद का ऑर्डर दिया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के इस्तीफे के 3 हफ्ते बाद ही केयरटेकर सरकार ने पाकिस्तान को गोला-बारूद का ऑर्डर किया। इस ऑर्डर में 40 हजार से ज्यादा राउंड गोला-बारूद, 40 टन के 2,900 आरडीएक्स शामिल हैं। यह ऑर्डर 3 किश्तों में सितंबर से शुरू हुआ था और दिसंबर में पूरा हो जाएगा। इस गोला-बारूद का इस्तेमाल आर्टिलरी गन में किया जाना है, जो 30 से 35 किलोमीटर की रेंज तक हमला कर सकती है। बांग्लादेश तीन तरफ से भारत से घिरा हुआ है और चौथी तरफ बंगाल की खाड़ी है। यानी अगर इसके इस्तेमाल की नौबत आती है, तो भारत के खिलाफ हो सकता है।

प्रतीकात्म तस्वीर

भारत की सीमा सुरक्षा बल ने भी अपनी निगरानी बढ़ाई
ऐसे में भारत की सीमा सुरक्षा बल ने भी अपनी निगरानी बढ़ा दी है। भारत अपनी सबसे लंबी सीमा (4,097 किलोमीटर) बांग्लादेश के साथ साझा करता है। यह सीमा पहाड़ों, उफनती नदियों और घने जंगलों से होकर गुजरती है। इस वजह से भारतीय सेना को किसी ड्रोन को ट्रैक करने में कुछ मुश्किल आती हैं। भारत ने अपनी ड्रोन क्षमता को बढ़ाने के लिए अक्टूबर 2024 में अमेरिका के साथ 31 प्रिडेटर ड्रोन समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह सौदा 32 हजार करोड़ रुपए में तय हुआ। इनमें से 15 प्रिडेटर ड्रोन्स भारतीय नौसेना को मिलेंगे। 8 ड्रोन वायुसेना और 8 ड्रोन इंडियन आर्मी को दिए जाएंगे।

बांग्लादेश के संस्थापक और राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान का अपमान
बांग्लादेश की केयरटेकर सरकार के तो यह हाल हैं कि वो बांग्लादेश के संस्थापक और राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान का सम्मान तो छोड़िए, उल्टा जानबूझकर अपमान कर रही है। उनकी मूर्तियां तोड़ी जा ही हैं। मुहम्मद यूनुस की सरकार ने राष्ट्रपति भवन से मुजीबुर्रहमान की तस्वीरें भी हटा दी हैं। उनके नाम से जुड़ी छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं हैं। यहां तक कि मुहम्मद यूनुस सरकार ने मुजीबुर्रहमान की फोटो हटाने के लिए 20, 50, 100, 500 और 1,000 टका (बांग्लादेशी करेंसी) के नोट बदलने के आदेश दिए हैं। अगले 6 महीनों में नए नोट मार्केट में आ जाएंगे। इन नोटों पर धार्मिक स्थल और बंगाली परम्परा के चिन्ह बने होंगे। काबिलेगौर है कि शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के संस्थापक होने के साथ ही शेख हसीना के पिता भी हैं। वे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में एक प्रमुख नेता थे, जिन्होंने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाई थी।

अब जिन्ना को बांग्लादेश का ‘राष्ट्रपिता’ घोषित तक करने की मांग उठी
बांग्लादेश की केयरटेकर सरकार ने भारत के चिर-विरोधी पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए वीजा सिक्योरिटी क्लियरेंस को खत्म कर दिया है। 2019 में शेख हसीना की सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य किया था। इस सर्टिफिकेट के बिना वीजा नहीं मिल सकता था। लेकिन अब यह प्रोसेस खत्म कर दिया गया है। यहां तक कि बांग्लादेश में 50 सालों में पहली बार ढाका के नेशनल क्लब ने जिन्ना की 76वीं सालगिरह भी मनाई थी। इस जश्न में पाकिस्तान के डिप्टी हाई कमिश्नर कामरान धंगल और यूनुस सरकार के कई लोग भी शामिल हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें जिन्ना को बांग्लादेश का ‘राष्ट्रपिता’ घोषित तक करने की मांग की गई। इससे पहले नवंबर 2024 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधे समुद्री संपर्क की शुरुआत हुई थी। पाकिस्तान के कराची से एक कार्गो शिप बंगाल की खाड़ी होते हुए बांग्लादेश के चटगांव पोर्ट पर पहुंचा था। तब ढाका में मौजूद पाकिस्तान के राजदूत सैयद अहमद मारूफ ने कहा था कि यह शुरुआत पूरे बांग्लादेश में व्यापार को बढ़ावा देने में एक बड़ा कदम है।

हिंदुओं की रक्षा और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो- भारत
भारत का विदेश मंत्रालय बांग्लादेश के हथियार खरीद, पाकिस्तान से दोस्ती और हिंदुओं पर अत्याचार आदि पर नजरें बनाए हुए है। इसीलिए ढाका पहुंचे विदेश सचिव विक्रम ने अपने समकक्षी मोहम्मद जशीमुद्दीन को स्पष्ट और सख्त शब्दों में बोल दिया कि सबसे पहले बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों की रक्षा और मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा तय करना सुनिश्चित होनी चाहिए। विदेश सचिव विक्रम ने बांग्लादेश के विदेश सलाहकार से कहा कि भारत सकारात्मक, रचनात्मक और साझा हित चाहता है, इसलिए बांग्लादेश को भी उसी तरह का व्यवहार करना चाहिए। उच्चस्तरीय बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में विक्रम ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा जाहिर की। अपने दो दिन के दौरे के दौरान विक्रम बांग्लादेश के कार्यवाहक विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात के साथ ही अंतरिम सरकार के लीडर यूनुस से भी मुलाकात करेंगे। विक्रम बांग्लादेशी अंतरिम लीडर के समक्ष भी हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले का मामला उठाएंगे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर देंगे।

भारत में जेलों में रह लेंगे, लेकिन वापस बांग्लादेश नहीं जाएंगे
दूसरी ओर हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में बांग्लादेश से लेकर भारत तक युनूस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। त्रिपुरा तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है। त्रिपुरा में भी बांग्लादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। अगरतला में बांग्लादेशी हाई कमीशन में तोड़-फोड़ की गई। त्रिपुरा के होटल एसोसिएशन और एक हॉस्पिटल ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दीं। बांग्लादेश ने भी अगरतला में अपनी वीजा सेवाएं रोक दीं और त्रिपुरा से अपने डिप्लोमैट्स वापस बुला लिए। त्रिपुरा का पड़ोसी देश से सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध रहा है। बांग्लादेश में खतरे के चलते हिंदू आबादी बड़ी तादाद में देश छोड़कर त्रिपुरा के जरिए भारत में अवैध तरीके से घुस रही है। उनका कहना है कि वे भारत की जेल में रह लेंगे, लेकिन वापस बांग्लादेश नहीं जाएंगे। बांग्लादेश में भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है। होटल एसोसिएशन के मुताबिक उन्हें नुकसान मंजूर है, लेकिन देश का अपमान नहीं सहेंगे। त्रिपुरा के सभी होटलों ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए सेवाएं बैन कर दी हैं। अशांति से पहले हर महीने करीब 2-3 सौ बांग्लादेशी अगरतला के अस्पतालों में इलाज के लिए आते थे। बांग्लादेश में भारतीय बस यात्रियों को परेशान किए जाने और हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार के कारण एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है।

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