प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार न सिर्फ देश में कोरोना महामारी से कुशलतापूर्वक लड़ रही है, बल्कि पूरी दुनिया को इस बीमारी से लड़ने में मदद भी कर रही है। भारत ने अब मॉरीशस और सेशेल्स को कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोकिसीक्लोरोक्वीन दवा समेत जीवन रक्षक दवाएं भेजी हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार शाम को सेशेल्स में हाइड्रोकिसीक्लोरोक्वीन की चार टन टैबलेट की खेप लेकर विशेष कार्गो विमान पहुंचा। वहीं मारीशस में 5 टन टैबलेट की खेप लेकर कार्गो विमान वहां पहुंचा, जिसे मारीशस के उप प्रधानमंत्री ने रिसीव किया। जाहिर है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व मौजूदा कठिन स्थिति को देखते हुए भारत से इसके निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहने के बावजूद इस दवा की यह खेप मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए पहुंचाई गई।
यूएई ने भी भारत से दवा भेजने का अनुरोध किया
मलेरिया के इलाज में काम आने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोरोना के इलाज में भी कारगर साबित हो रही है। यही वजह है कि अन्य देशों की तरह यूएई ने भी भारत से इसके लिए अनुरोध किया है। भारत सरकार यूएई के अनुरोध पर विचार कर रही है और जल्द ही इस पर फैसला कर लिया जाएगा।
इससे पहले मोदी सरकार अमेरिका, जर्मनी, इजरायल, ब्राजील समेत 13 से अधिक देशों को ये दवा भेज चुकी है। तमाम देशों ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा भी की है।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ, कहा प्रभु हनुमान की तरह पहुंचाई संजीवनी बूटी
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर एम बोल्सोनारो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना भगवान हनुमान से की करते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को संजीवनी बूटी बताया है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से दी गई इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से लोगों के प्राण बचेंगे और इस संकट की घड़ी में भारत और ब्राजील मिलकर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने लिखा है कि जिस तरह हनुमान जी ने हिमालय से पवित्र दवा (संजीवनी बूटी) लाकर भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाई थी, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का सामना कर लोगों के प्राण को बचा सकते हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में उन्हें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए धन्यवाद दिया है। दरअसल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने भी प्रधानमंत्री मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर लगे बैन को हटाने का अनुरोध किया था। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने के भारत के फैसले के बाद बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री मोदी का तुलना भगवान हनुमान से कर डाली। भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा उत्पादक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी की पीएम मोदी की तारीफ
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ने प्रधानमंत्री मोदी को महान बताया और कहा कि वो भारत का शुक्रिया अदा करते हैं। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो भारतीय पीएम मोदी की तारीफ करते हैं। निर्यात पर ढील देने के बाद अमेरिका को अब यह दवा मिल सकेगी।

2. FDA के नाम पर जितनी पाबंदियां लगाई गई हैं हटाओ।
3. आगे भी हमारी दवा कंपनियों को परेशान न किया जाए।





हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन विश्व में सबसे ज्यादा भारत में होता है। वर्तमान में भारत में 20 करोड़ गोलियों का उत्पादन होता है। भारत सरकार ने दो कंपनियों को 10 करोड़ गोलियों के उत्पादन का आर्डर दिया है। विशेषकर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सरकार ने इस दवा का उपयोग करने का सोचा है। भारत अमेरिका को दवाई निर्यात करेगा या नहीं इसपर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन यह तो तय है कि भारत अपनी जरूरत को देखकर ही दवा दूसरे देशों को निर्यात करेगा।