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कांग्रेस राज में सांस्कृतिक विरासत की लूट को वापस ला रहे पीएम मोदी

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देश की सांस्कृतिक विरासत और संपदा की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो काम पिछले तीन साल में किए हैं, वे पिछले सत्तर साल में नहीं हुए।

प्राचीन काल के मंदिर, मठ और भवन, भारतीय संस्कृति की गौरव गाथा को हमारे सामने जीवंत करते हैं। इन अमूल्य धरोहरों से ही हम अपनी पुरातन संस्कृति को बचाये रख सके हैं। भारत सरकार के पुरात्तव विभाग के आंकड़ो के अनुसार, देश में इस समय 3,650 संरक्षित सांस्कृतिक धरोहरों के अतिरिक्त लगभग 5 लाख असंरक्षित धरोहर हैं। इन प्राचीन सांस्कृतिक स्थलों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां और अनमोल कलाकृतियां हैं। लेकिन पूर्व की यूपीए और अन्य सरकारों की भारतीय संस्कृति के प्रति बेरुखी और केवल कागजों पर खड़ी की गई व्यवस्था का नतीजा रहा है कि आजादी के बाद से हर दशक में लगभग दस हजार देवी-देवताओं की मूर्तियों और कलाकृतियों को चुराकर विदेशों में बेचा जाता रहा है।

मोदी ने गौरव वापस दिलाया
पूर्व की कांग्रेस सरकार 1976 से 2014 के बीच विदेशों में बेची गई हजारों देवी-देवताओं की मूर्तियों और कलाकृतियों में से केवल 13 को ही वापस लाने में सफल हो सकी, जबकि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ तीन साल में ही लगभग 136 मूर्तियों और कलाकृतियों को वापस देश ले आये। इन सांस्कृतिक धरोहरों का वापस आना आज भी जारी है। प्रधानमंत्री जब भी अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों की यात्रा पर गये हैं, उन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने का विशेष प्रयास किया है।

विदेश यात्राओं का परिणाम
प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में अमेरिका से 200 देवी-देवाताओं की मूर्तियों और कलाकृतियों को वापस लाने का विशेष प्रयास किया, जिसमें वो सफल रहें। 7 जून 2016 को वाशिंगटन में एक समारोह में अमेरिका की एटार्नी जनरल लोरेटा लिंच ने, 2000 साल से पुरानी इन मूर्तियों और कलाकृतियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपा। इसके पहले शायद ही किसी प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए इस मनोयोग से काम किया है।

प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका से अपने साथ 11 मूर्तियों और कलाकृतियों को वापस लेकर आये, शेष कागजी कार्यवाही के बाद देश में वापस आयीं। 17 मई 2017 को 126 मूर्तियां और कलाकृतियां वापस आ गई, इस तरह से भारत की सांस्कृतिक धरोहर के वापस आने का सिलसिला जारी है।

प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से 2016 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अमरावती के मंदिर से चोरी की गई 900 साल पुरानी देवी प्रत्यगंरा की मूर्ति और मथुरा की ध्यानस्थ बुद्ध की मूर्ति वापस कर दी हैं।

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