विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाये जाने पर करारा जवाब दिया। सुषमा स्वराज ने कहा कि आज अमेरिका और रूस दोनों ही भारत के दोस्त हैं और यह हमारी विदेश नीति की सफलता है। सुषमा ने पाकिस्तान को छोड़ सभी पड़ोसी देशों से भारत के बेहतर हुए संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि कहा कि ‘टेरर और टॉक’ एक साथ नहीं चल सकते। सुषमा ने यह भी कहा कि इजरायल हमारा दोस्त है लेकिन हम फिलीस्तीन को भी नहीं भूले हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ डोकलाम विवाद को चर्चा से हल कर लिया जाएगा। आइए देखते हैं किस तरह सुषमा के 12 बाण से लहूलुहान हो गया विपक्ष-
1. पीएम मोदी ने देश का मान बढ़ाया
कांग्रेस के इस कथन पर कि नेहरू ने देश का सम्मान बढ़ाया सुषमा स्वराज ने कहा, ”ये सच है। नेहरू ने व्यक्तिगत तौर पर सम्मान कमाया और मोदी ने देश को सम्मान दिलाया।”
2. पड़ोसी देशों से बेहतर हुए संबंध
सुषमा स्वराज ने कहा कि पीएम मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध को नयी ऊंचाई पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने पड़ोसियों पर आई आपदा में मदद की। मालदीव का पानी संकट आया तो महज तीन घंटे में रेल नीर भेजा गया। श्रीलंका में मदद की। नेपाल में भी भूकंप के समय मदद की। डोनर कॉन्फ्रेंस में भारत ने 1 बिलियन डॉलर दिए।
3. दो बार नेपाल गए पीएम मोदी
कांग्रेस के इस आरोप पर कि नेपाल से संबंध खराब हुए हैं सुषमा स्वराज ने कहा कि 17 साल तक भारत का कोई पीएम नेपाल नहीं किया। जो पीएम ना जाए तब अच्छा और जो दो पीएम दो-दो बार जाए वो संबंध खराब?
4. समस्याओं की जननी है कांग्रेस
सुषमा स्वराज ने श्रीलंका में चीन के बढ़ते दखल के कांग्रेस के आरोप पर सवालिया लहजे में कहा, चीन ने पाकिस्तान और श्रीलंका में पोर्ट कब बनाए? 2008 में तब किसकी सरकार थी? कोलंबो में 2011 में शुरू हुआ 2014 में पूरा हुआ? अगर आप इतने परेशान हैं तो देश के सामने 2008 का जिक्र क्यों नहीं। जो चिंताए आप बता रहे हैं तो उसके जन्मदाता आप हैं। आज हम पर आरोप ना लगाएं। हमने तो इसे सिक्योर किए। श्रीलंका ने चीन से कहा है कि कंट्रोल श्रीलंका का रहेगा।
5. टेरर और टॉक एक साथ नहीं
पाकिस्तान से संबंधों पर सुषमा स्वराज ने साफ किया कि पाकिस्तान से तब तक बात नहीं होगी जब तक वह आतंकवाद का साथ देना बंद नहीं करेगा। सुषमा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पीएम मोदी की शांति की पहल के बीच नवाज शरीफ ने बुरहान वानी को शहीद बता दिया, जहां से चीजें बिगड़ गईं। रोडमैप एक तरफा नहीं चल सकता। टेरर और टॉक साथ नहीं चल सकते।
6. बातचीत से निकलेगा डोकलाम का हल
डोकलाम विवाद पर सुषमा स्वराज ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। डिप्लोमैटिक चैनल्स खुले हैं। आज आर्थिक ताकत जरूरी है, हमारी जो आर्थिक क्षमता है, वही हमें आगे लेकर जाएगी। सुषमा ने चीन पर भारत का स्टैंड पढ़कर सुनाते हुए कहा, “हमारे चीन के साथ रिलेशन में नयापन आ रहा है। दोनों देशों के बीच सिक्किम में कुछ सीमा पर विवाद है। वहां ट्राइजंक्शन है। भूटान, चीन और भारत की सीमाएं यहां मिलती हैं। वहां सीमाएं साफ नहीं हैं। 2011 में तय हुआ था कि सीमा विवाद बातचीत से हल किया जाएगा।”
7. राहुल गांधी चीनी राजदूत से क्यों मिले?
चीन के मुद्दे पर सुषमा ने कांग्रेस पर हमला किया और पूछा कि राहुल गांधी चीनी राजदूत से क्यों मिले? उन्होंने कहा, राहुल को पहले भारत का पक्ष सुनना चाहिए था। चीन पर सरकार की जगह राहुल ने चीनी राजदूत से बात की। उन्होंने कहा कि हम चीन से द्विपक्षीय बातचीत कर रहे हैं। चीन से सिर्फ डोकलाम पर बात नहीं कर रहे है।
8. रूस-अमेरिका दोनों भारत के साथ
सुषमा स्वराज ने भारत और रूस के संबंधों पर कहा कि एक समय में अमेरिका पाकिस्तान के साथ था और रूस भारत के साथ, लेकिन हमारी विदेश नीति के कारण आज अमेरिका और रूस दोनों भारत के साथ है। उन्होंने अमेरिका में वीजा मामले पर कहा कि एच1 बी वीजा का मुद्दा हुआ। 65 हजार एच 1 वीजा मिलते हैं, 20 हजार वहां के ग्रेजुएट अलग हैं। स्पाउस वीजा 2015 में शुरू हुआ। इसमें कोई कमी नहीं की गई है।
9. इजरायल दोस्त, पर फिलिस्तीन का साथ नहीं छोड़ेंगे
सुषमा स्वराज ने साफ किया कि इजरायल हमारा दोस्त जरूर है लेकिन फिलिस्तीन का साथ हम नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पहली बार हमने फिलिस्तीन के साथ बात की। मैं पहले फिलिस्तीन और बाद में इजरायल गई। फिलिस्तीन के पीएम यहां आए बाद में मोदी जी इजरायल गए। फिलिस्तीन में मेरी प्रेसिडेंट अब्बास और विदेश मंत्री से बात हुई। प्रेसिडेंट ने कहा कि भारत को इजरायल से हमारे विवाद को सुलझाना चाहिए। मोदी से भी फिलिस्तीन के पीएम ने यही कहा था। अरे वो दोनों हमारे साथ हैं।
10. मुस्लिम देशों से अच्छे संबंध
सुषमा स्वराज ने कहा कि मोदी सरकार के आने के पहले ये चिंता थी कि हमारे वेस्ट एशिया से रिश्ते खत्म हो जाएंगे, क्योंकि वो मुस्लिम देश हैं। आज हमारे सबसे अच्छे रिश्ते उन्हीं से हैं। आबुधाबी के प्रिंस पिछले गणतंत्र दिवस पर हमारे मेहमान थे। सऊदी नरेश से मोदी ने बात की। उन्होंने पीएम से कहा था कि वो दिन में 2 घंटे गोलाबारी बंद कर सकते हैं? ये बहुत मुश्किल था। इसके बाद मैंने यमन से बात की। 9 से 11 तक गोलीबारी बंद होती थी। इस दौरान यमन का हवाई अड्डा खुलता था। 48 देशों के नागरिक निकाल कर लाए थे ।
11. ग्लोबल एजेंडा सेट करता है भारत
सुषमा स्वराज ने भारत की विदेश नीति और भारत के बढ़ते कद पर कहा कि भारत की विदेश नीति की इस समय इतनी अच्छी है कि आज मोदी जी विदेश जाते हैं तो वो ग्लोबल एजेंडा सेट करते हैं। वो जी 20 में कालेधन पर बात करते हैं। मोदी ने जिनपिंग से कहा था कि मतभेद होते हैं लेकिन इन्हें विवादों में ना बदलें।
12. पीएमओ ड्रिवेन विदेश नीति नहीं
सुषमा स्वराज ने उस बात का भी जवाब दिया जिसमें ये आरोप लगाए जा रहे थे कि पीएम मोदी उन्हें अपने साथ विदेश दौरों पर नहीं ले जाते। सुषमा ने कहा, “कुछ लोगों को झगड़ा लगाने की आदत है। आपने कहा कि मैं पीएम के साथ नहीं जाती या ले जाई नहीं जाती। मैं मनमोहन जी से पूछती हूं कि कितनी बार आप सलमान खुर्शीद या आनंद शर्मा को साथ ले गए। मल्टीलेटरल फोरम पर मैं साथ जाती हूं। ये जो कहा जाता है कि मोदी नीति चला रहे हैं। हमसे पहले की विदेश नीति पीएमओ ड्रिवन थी। यहां MEA से बात कर मोदी जी नीति डिसाइड करते हैं।”