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प्रधानमंत्री मोदी की भूटान यात्रा: पड़ोसी रिश्तों को मिली नई ऊर्जा और नई दिशा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 11 से 12 नवंबर 2025 तक हुई भूटान की दो दिन की यात्रा ने दोनों देशों के घनिष्ठ रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। यह यात्रा भारत-भूटान संबंधों को नई ऊंचाई देने वाली साबित हुई, जिसमें विकास, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक सहयोग के कई नए समझौते किए गए।

भूटान के राष्ट्रीय उत्सव में भारत की भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 नवंबर को चांगलिमथांग स्टेडियम में आयोजित समारोह में चतुर्थ ड्रुक ग्यालपो की 70वीं जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। उन्होंने थिम्पू में जारी वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव में भी भाग लिया, जहां भारत से लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र पिपराहवा अवशेषों की सार्वजनिक पूजा-अर्चना हुई। भूटान नरेश ने इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत के योगदान की सराहना की।

दिल्ली विस्फोट पर संवेदना, भारत ने जताया आभार
भूटान के नरेश ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट को लेकर गहरा दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान की इस एकजुटता और सहयोग की भावना के लिए धन्यवाद दिया।

विकास में भारत का स्थायी सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के प्रति भारत के निरंतर समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भारत भूटान को उसकी मुख्य विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने और सतत विकास को आगे बढ़ाने में हरसंभव सहायता देगा। भूटानी प्रतिनिधिमंडल ने भी भारत द्वारा संचालित परियोजनाओं के योगदान की प्रशंसा की।

गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी को भारत का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान नरेश के गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी के विजन को साकार करने के लिए भारत सरकार का पूरा सहयोग देने की घोषणा की। उन्होंने असम के हतिसार में एक नई इमिग्रेशन जांच चौकी स्थापित करने की भी घोषणा की, जिससे निवेशकों और पर्यटकों की आवाजाही सुगम होगी।

ऊर्जा क्षेत्र में नई उपलब्धियां
प्रधानमंत्री मोदी और भूटान नरेश ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की उपस्थिति में 1020 मेगावाट पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह परियोजना भारत-भूटान ऊर्जा सहयोग की नई मिसाल है। दोनों पक्षों ने पुनात्सांगछू-I परियोजना पर कार्य पुनः आरंभ करने और इसे जल्द पूरा करने पर सहमति जताई। भूटान सरकार ने भूटान की ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए भारत द्वारा घोषित ₹40 अरब रुपये की रियायती ऋण सहायता का स्वागत किया।

सीमा पार कनेक्टिविटी और व्यापार में विस्तार
दोनों देशों ने दर्रांगा और जोगीगोफा में आव्रजन और लॉजिस्टिक सुविधाओं के संचालन का स्वागत किया। साथ ही गेलेफू-कोकराझार और समत्से-बानरहाट रेल लिंक के समझौते को भी ऐतिहासिक बताया। इससे भारत-भूटान के बीच व्यापार, संपर्क और लोगों के आदान-प्रदान को और मजबूती मिलेगी।

तकनीक, स्वास्थ्य और शिक्षा में नई दिशा
दोनों देशों ने एसटीईएम शिक्षा, फिनटेक और अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। यूपीआई (UPI) के दूसरे चरण के तहत अब भूटानी नागरिक भारत में क्यूआर कोड स्कैन कर स्थानीय ऐप के जरिए भुगतान कर सकेंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी तीन अहम समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए।

संस्कृति और आध्यात्मिकता के पुल
दोनों देशों ने राजगीर में रॉयल भूटान मंदिर के अभिषेक और वाराणसी में भूटानी मंदिर व अतिथि गृह के निर्माण के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत किया। इस पहल से दोनों देशों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

दोस्ती और विकास का नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और भूटान के बीच भरोसे, आपसी सम्मान और स्थायी साझेदारी का प्रतीक रही। दोनों पक्षों ने उच्च-स्तरीय संवाद की इस परंपरा को आगे भी जारी रखने का संकल्प लिया। यह यात्रा न केवल विकास और कूटनीति का उदाहरण बनी, बल्कि दोनों देशों के दिलों को जोड़ने वाली दोस्ती की नई उड़ान भी साबित हुई।

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