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भारत और बांग्लादेश ने आपसी भागीदारी को नई दिशा और आयाम दिया है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत और बांग्लादेश ने बढ़ते आपसी विश्‍वास से अपनी भागीदारी को नई दिशा और नया आयाम दिया है। बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्‍मशती समारोह के अवसर पर वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश भूमि और समुद्री सीमा जैसे जटि‍ल मुद्दों को सद्भावपूर्ण ढंग से सुलझाने में सफल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि आज बांग्लादेश दक्षिण एशिया में न केवल भारत का सबसे बड़ा व्‍यापार साझीदार है बल्कि विकास सहयोगी भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान को पिछली सदी की महानतम हस्तियों में से एक बताया, और कहा कि उनका पूरा जीवन हम सभी के लिए एक अद्भुत प्रेरणा है। प्रधानमंत्री ने बंगबंधु को शौर्य, विश्वास और शांति का अनुपम प्रतीक बताते हुए कहा कि बांग्लादेश के ‘जतिर पिता’ ने उस समय के युवाओं को देश को आजाद कराने की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगबंधु ने बांग्लादेश को तबाही और नरसंहार के अत्‍यंत कष्‍टदायक दौर से बाहर निकालने और इसे एक सकारात्मक एवं प्रगतिशील समाज बनाने के लिए अपने जीवन के हर पल को समर्पित कर दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगबंधु इस बात को लेकर स्‍पष्‍ट थे कि घृणा और नकारात्‍मक सोच कभी भी किसी देश के विकास की नींव नहीं हो सकती। लेकिन, बंगबंधु को हमसे छीनने वालों में से कुछ को उनके विचार और कोशिशें पसंद नहीं आईं।

उन्होंने कहा कि हम देख रहे है कि राजनीति और कूटनीति के हिंसक हथियार और आतंकवाद कैसे किसी समाज और राष्‍ट्र को नष्‍ट करता है। दुनिया भी यह देख रही है कि आतंकवाद और हिंसा के समर्थक अभी कहां हैं और किस स्थिति में हैं जबकि बांग्‍लादेश लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि बांग्‍लादेश के लोग बड़ी प्रतिबद्धता के साथ अपने देश को सोनार बांग्‍ला बनाने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे हैं जैसा कि शेख मुजीबुर रहमान ने सपना देखा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने बंगबंधु से प्रेरित शेख हसीना के नेतृत्‍व में समेकित एवं विकासोन्‍मुख नीतियों के साथ बांग्‍लादेश की प्रगति की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि बांग्‍लादेश अर्थव्‍यवस्‍था या अन्‍य सामाजिक सूचियों या खेल के क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने दक्षता, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, महिला सशक्तिकरण और लघु ऋण जैसे क्षेत्रों में बांग्‍लादेश की अभूतपूर्व प्रगति की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में भारत और बांग्‍लादेश ने द्विपक्षीय संबंधों के स्‍वर्णिम अध्‍याय लिखे हैं और हमारी साझेदारी को एक नया आयाम और एक नई दिशा दी है। दोनों देशों के बीच बढ़ते हुए विश्‍वास के कारण सीमा क्षेत्र से संबंधित कठिन मामलों को भी आपसी मित्रता के आधार पर सुलझाया गया है।’

उन्‍होंने कहा कि बांग्‍लादेश दक्षिण एशिया में भारत का न केवल सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझीदार है बल्कि यह विकास का भी सहयोगी है। उन्‍होंने दोनों देशों के बीच बिजली वितरण, फ्रैंडशिप पाइपलाइन, सड़क, रेल, इंटरनेट, हवाई मार्ग तथा वायुमार्ग जैसे सहयोग के क्षेत्रों को रेखांकित करते हुए कहा कि ये क्षेत्र कनेक्टि‍विटी बढ़ाते हैं और दोनों देश के और ज्‍यादा लोग आपस में जुड़ते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टैगोर, काजी नजरूल इस्‍लाम, उस्‍ताद अलाउद्दीन खान, ललोन सिंह, जीवानंद दास और ईश्‍वरचंद्र विद्यासागर जैसे बुद्धिजीवियों से दोनों देशों की विरासत बनती हैं। उन्‍होंने कहा कि बंगबंधु की विरासत और प्रेरणा ने दोनों देशों की विरासत को अधिक विस्‍तृत और सुदृढ़ बनाया है। बंगबंधु द्वारा दिखाए गए मार्ग से पिछले दशक में दोनों देशों के बीच भागीदारी प्रगति और समृद्धि की मजबूत नींव रखी गई है।

प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के आने वाले ऐतिहासिक समय का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि अगले वर्ष बांग्‍लादेश अपनी मुक्ति की 50वीं वर्षगांठ मनाएगा जबकि 2022 में भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्‍हें विश्‍वास है कि ये दोनों ऐतिहासिक कार्यक्रम भारत और बांग्‍लादेश के विकास को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे तथा दोनों देशों के बीच मित्रता और प्रगाढ़ होगी।

देखिए वीडियो-

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