प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 11 सितंबर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय बैठक की। मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस सिर्फ साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हमारी संस्कृति और संस्कार, सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुंचे, और वहां की जीवन-धारा में रच-बस गए। काशी में मां गंगा के अविरल प्रवाह की तरह, भारतीय संस्कृति का सतत प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। और आज, जब हम मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत काशी में कर रहे हैं, यह केवल औपचारिक नहीं, बल्कि एक आत्मिक मिलन है। इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।
#BreakingNow: ‘आज, जब हम मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत काशी में कर रहे हैं, यह केवल औपचारिक नहीं, बल्कि एक आत्मिक मिलन है.. इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं, बल्कि एक परिवार हैं’- पीएम @narendramodi#PMModi #Varanasi #NavinRamgoolam #Mauritius pic.twitter.com/dHVyyOTmpu
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मॉरीशस भारत की पड़ोसी पहले नीति और विजन महासागर का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने कहा कि मार्च में मुझे मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने का सौभाग्य मिला था। उस समय हमने अपने संबंधों को उन्नत रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया था। आज हमने द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की विस्तार से समीक्षा की है। हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार साझा किए हैं।
मॉरीशस, भारत की Neighbourhood first नीति और विजन महासागर का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
मार्च में मुझे मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने का सौभाग्य मिला।
उस समय हमने अपने संबंधों को enhanced strategic partnership का दर्जा दिया।
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प्रधानमंत्री ने चागोस द्वीप समूह से जुड़ा ऐतिहासिक समझौता संपन्न होने पर प्रधानमंत्री रामगुलाम और मॉरीशस की जनता को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने इसे मॉरीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत बताते हुए कहा कि भारत ने हमेशा उपनिवेशवाद से मुक्ति और मॉरीशस की संप्रभुता की पूर्ण मान्यता का समर्थन किया है और इस रास्ते पर वह हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चागोस समझौता संपन्न होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज हमने द्विपक्षीय सहयोग की सभी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए। मैं मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम को चागोस समझौता संपन्न होने पर बधाई देता… pic.twitter.com/7SPEKHRBPw
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उन्होंने कहा कि विकास सहयोग के क्षेत्र में भारत ने एक विशेष आर्थिक पैकेज (Special Economic Package) की घोषणा की, जो न सिर्फ बुनियादी ढांचा मजबूत करेगा, बल्कि रोजगार के अवसरों और स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुदृढ़ करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि यह पैकेज सहायता नहीं, बल्कि दोनों देशों के साझा भविष्य में एक दीर्घकालिक निवेश है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के बाहर पहला जनऔषधि केंद्र मॉरीशस में खोला गया है, और अब भारत मॉरीशस में AYUSH Centre of Excellence, एक 500-बिस्तरों वाला सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल, पशुचिकित्सा विद्यालय और पशु अस्पताल की स्थापना में भी सहयोग करेगा। साथ ही एसएसआर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ATC टॉवर, चागोस मरीन प्रोटेक्टेड एरिया और रिंग रोड जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाया जाएगा।
#WATCH | भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में स्थापित हो गया है। आज हमने निर्णय लिया है कि भारत मॉरीशस में AYUSH Centre of Excellence, 500-बेड वाला Sir Seewoosagur Ramgoolam National (SSRN) Hospital, और Veterinary School व Animal Hospital के निर्माण में सहयोग करेगा। :… pic.twitter.com/jMwBdcVOqw
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वित्त और ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में भी द्विपक्षीय रिश्ते तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले वर्ष मॉरीशस में यूपीआई और रुपे कार्ड की शुरुआत हो चुकी है, और अब दोनों देश स्थानीय मुद्रा में व्यापार की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत, मॉरीशस के ऊर्जा ट्रांजीशन में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। भारत की ओर से दी जा रही 100 इलेक्ट्रिक बसों में से 10 मॉरीशस पहुंच चुकी हैं। साथ ही, ‘तमारिंड फॉल्स’ में 17.5 मेगावॉट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
पिछले साल मॉरीशस में यूपीआई और रुपे कार्ड की शुरुआत हुई।अब हम लोकल करेंसी में व्यापार को सक्षम करने की दिशा में काम करेंगे। ऊर्जा सुरक्षा हमारी भागीदारी का एक अहम स्तंभ है। भारत, मॉरीशस के energy transition में सहयोग दे रहा है।
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संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव संसाधन विकास भी इस साझेदारी का एक मजबूत स्तंभ है। अब तक 5000 से अधिक मॉरीशस के नागरिकों ने भारत में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। मार्च 2025 की यात्रा के दौरान 500 मॉरीशस सिविल सेवकों को भारत में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया था, जिनमें से पहला बैच फिलहाल मसूरी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि मॉरीशस में एक नया विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय (Directorate of Science and Technology) स्थापित किया जाएगा और जल्द ही मॉरीशस में ‘मिशन कर्मयोगी’ के प्रशिक्षण मॉड्यूल भी लागू होंगे। इसके साथ ही, आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने मॉरीशस विश्वविद्यालय के साथ जो समझौते किए हैं, वे शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा और सामरिक सहयोग को लेकर भी भारत और मॉरीशस एक साझा दृष्टिकोण पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुक्त, सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर, भारत और मॉरीशस की साझा प्राथमिकता है। भारत मॉरीशस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा और समुद्री क्षमता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस दिशा में मॉरीशस के कोस्ट गार्ड जहाज की मरम्मत भारत में की जा रही है और 120 मॉरीशस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दोनों देशों के बीच हाइड्रोग्राफी सहयोग पर भी समझौता हुआ है, जिसके अंतर्गत आने वाले पांच वर्षों में EEZ का संयुक्त सर्वेक्षण और हाइड्रोग्राफिक डेटा साझा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और मॉरीशस दो अलग-अलग देश जरूर हैं, लेकिन उनके सपने और नियति एक जैसी है। उन्होंने सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती का जिक्र करते हुए कहा कि यह जयंती, हमें मिलकर, अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रेरणा देती रहेगी।