नोटबंदी और स्वच्छ धन अभियान के कारण इस साल भरे गए आयकर रिटर्न (आईटीआर) की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 5 अगस्त 2017 तक 2,82,92,955 आयकर रिटर्न भरे गए, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में 2,26,97,843 आयकर रिटर्न भरे गए थे। यह संख्या 24.7 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है, जबकि पिछले वर्ष इसमें 9.9 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई थी।
विभिन्न लोगों द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न की संख्या में 25.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 5 अगस्त 2017 तक विभिन्न लोगों द्वारा 2,79,39,083 आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में 2,22,92,864 आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे। इससे साफ है कि नोटबंदी के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नए करदाताओं को टैक्स के दायरे में लाने में सफलता मिली है।
नोटबंदी का असर साफ तौर से प्रत्यक्ष करों के संग्रह में भी उल्लेखनीय वृद्धि के रूप में नजर आ रहा है। 5 अगस्त 2017 तक व्यक्तिगत आयकर (अर्थात कॉरपोरेट टैक्स को छोड़कर) के अग्रिम कर संग्रह में वित्त वर्ष 2016-17 की इसी अवधि की तुलना में लगभग 41.79 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इस दौरान स्वयं आकलन कर (एसएटी) के तहत व्यक्तिगत आयकर में वित्त वर्ष 2016-17 की इसी अवधि की तुलना में 34.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
उपर्युक्त आंकड़े काले धन की गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा जताई जा रही प्रतिबद्धता के सकारात्मक नतीजों को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। सीबीडीटी गैर-बाधक ढंग से कर चोरी को खत्म करने और कर आधार बढ़ाने संबंधी अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध है।