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जम्मू कश्मीर के किसानों की मदद के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये कदम

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मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही वहां के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, इसी के तहत किसानों के लिए सेब की खरीददारी के बाद अब सरकार आड़ू और अखरोट की खेती करने वाले किसानों की सहायता करने की योजना बना रही है।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जम्मू कश्मीर के किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। जम्मू कश्मीर के आड़ू और अखरोट किसानों को सरकार मदद देने के लिए तैयार है, इसके साथ ही जल्द नाबार्ड की अगुवाई में एक टीम भी भेजी जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी ग्रामीण और कृषि वित्त पर आयोजित 6वीं विश्व कांग्रेस के कार्यक्रम में दी।
वहीं इस दौरान नाबार्ड चेयरमैन हर्ष भानवाला ने कहा ‎कि हमें खुशी है कि हमें ये जिम्मेदारी मिली है, हमारी टीम वहां जाकर किसानों के क्लब बनाने में सहायता करेगी, उन्हें बाकी राज्यों की तरह ही कम दर 4% पर लोन मिले ये सुनिश्चित करेगी। साथ ही एफपीओ बनाने पर जोर देगी इससे किसानों की फसल के लिए अच्छा बाजार भी मिलेगा उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। इसके लिए रीजनल रुरल बैंकों की सहायता भी ली जाएगी।

250 जिलों में एसएसजीएस के डिजिटलाइजेशन का लक्ष्य

सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजना देश भर में चला रही है, उन्हें वह जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी लागू कर रही है। मोदी सरकार लद्दाख के किसानों के लिए सौर ऊर्जा पर भी जोर दे रही है, जिसके लिए न्यू एंड रीन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं की मदद करने की भी योजना है। साथ ही नाबार्ड के एसएचजी प्रोजेक्ट हेड राजश्री के बरुआ ने बताया कि हमने देश में ई-शक्ति प्रोजेक्ट के नाम से 250 जिलों में एसएसजीएस के डिजिटलाइजेशन का लक्ष्य तय किया है।

डिजिटलाइजेशन से काम होगा बेहद आसान

बता दें कि अब तक 4.42 लाख से ज्यादा डिजिटलाइज़ हो चुके हैं, जिसका फायदा नए हरेक राज्य के साथ केंद्र शासित प्रदेश को भी मिलेगा। जानकारी के अनुसार एसएसजीएस के डिजिटल होने से सारे सदस्यों का काम मोबाइल के जरिए आसानी से हो जाता है, उनके लोन अकाउंट से जुड़े काम भी मोबाइल से ही हो जाते हैं।

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