‘100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का मुकाबला करने के लिए देश के पास अब 100 करोड़ वैक्सीन डोज का मजबूत सुरक्षा कवच है।‘ पीएम मोदी ने देश के लोगों को 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज पूरा होने पर बधाई दी है।पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे सफल महाअभियान जारी है। सारी दुनिया मोदी सरकार की इस अद्भुत सफलता से हैरान है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने कई कीर्तिमान तोड़े, चीन से लेकर अमेरिका तक को पीछे छोड़ा, दुनिया के ताकतवर देशों से लेकर गरीब मुल्कों तक दवाओं और वैक्सीन की मदद पहुंचाई।
आज देश कोरोना में कोरोना के खिलाफ 100 करोड़ कवच तैयार हो चुके हैं। जिसे भेद पाना कोवि़ड-19 जैसे खतरनाक और रंग बदलने वाले वायरस के लिए भी मुश्किल है। ये वक्त कोरोना के खिलाफ पीएम मोदी के नेतृत्व में इस लड़ाई को और तेज करने का है। लेकिन जब देश कोरोना के खिलाफ जंग के एक बेहद ही अहम पड़ाव पर है तो उन पलों को भी याद करना जरूरी है जब पीएम मोदी के वैक्सीनेशन कार्यक्रम को लेकर जहरीले बोेल बोले गए, लोगों के मन में डर बिठाने की कोशिश की गई और वैक्सीन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म किया गया।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार का साथ देने के बदले वैक्सीनेशन को लेकर जम कर राजनीति की।
जब कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सभी राजनीतिक दलों को सरकार के साथ आने की जरूरत थी। तो वो वैक्सीन के विरोध में खड़े दिखाए दिए, लेकिन कई मोदी विरोधियों को पीएम मोदी के नेतृत्व में सबसे सफल वैक्सीनेशन कार्यक्रम की वजह से अपने सुर बदलने पड़े।
देश में राजनीति मुद्दों को लेकर विरोधी दलों का रूख समझ में आ सकता है , लेकिन जब सारी दुनिया 100 साल की सबसे भयंकर महामारी से जूझ रही थी और देश इस महामारी से उबरने की जीतोड़ कोशिशें कर रहा था। उस वक्त कांग्रेस नेताओं के बयानों ने देश के लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया।
देश और दुनिया के वैज्ञानिक बार बार इस बात को दुहरा रहे थे कि देश में सफल वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बिना कोरोना महामारी का मुकाबला संभव नहीं है, लेकिन हद तक तब हो गई जब वैक्सीन को लेकर बेशर्म बयान दिए जाने लगे।
मोदी विरोधी नेता देश की चिंता किए बगैर मोदी विरोध के नाम पर कोरोना काल में भी राजनीति करते रहे। आम लोगों की जिंदगी की भी चिंता नहीं की गई । वैक्सीन को लेकर दुनिया में मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई। कोरोना को लेकर राजनीतिक जुमले बाजी में तो कांग्रेस बाकी मोदी विरोधी पार्टियों से भी आगे निकल गई ।
मोदी सरकार ने जिस तेजी से देश में वैक्सीनेश कार्यक्रम चलाया, उसकी रफ्तार ने अमेरिका और चीन जैसे देशों की भी पीछे छोड़ दिया।
आत्मनिर्भर भारत के लिए पूरे जी जान से जुटी मोदी सरकार का शुरू से ही जोर कोरोना वैक्सीन के भारत में निर्माण पर रहा । जितनी तेजी से कोरोना वैक्सीन का देश में निर्माण हुआ और उसे लोगों तक पहुंचाया गया वे अपने आप में एक अनोखा कीर्तिमान है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में वैक्सीनेसन की तूफानी रफ्तार की वजह से ही , 100 करोड़ टीकाकरण का सफर इतने कम वक्त में तय किया गया। प्रति सेकेंड और प्रति दिन लोगों के टीकाकरण के लिहाज से भी देश के आंकड़े हैरान करने वाले हैं ।
भारत में स्वदेशी कोवैक्सीन का निर्माण भी बेहद अहम कामयाबी है।
स्वदेशी डीएनए वैक्सीन का निर्माण कर भारतीय कंपनियों ने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सफलता के झंडे गाड़ दिए।
लेकिन मोदी विरोधियों को पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन के निर्माण में मिली कामयाबी भी रास नहीं आई, स्वदेशी वैक्सीन पर भी कांग्रेस नेताओं ने कई तरह के सवाल उठाए थे।
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठाने वालों में कांग्रेस नेता शशि थरूर भी पीछे नहीं रहे।
पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में हुए तेज वैक्सीनेश का ही नतीजा है कि अब कोरोना की काली छाया छंटने लगी है, कई जानकार पहले अक्टूबर नवंबर महीने में कोरोना की तीसरी लहर की चेतानवी दे रहे थे, लेकिन अब जो नई जानकारी सामने आई है वो राहत भरे संकेत दे रही है। वायरोलॉजिस्ट और डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के के म्यूटेशन होने का कोई संकेत नहीं है और न ही कोई नया रूप सामने आया है।कोरोना को रोकने के लिए अगर देश के लोगों ने इसी तरह से मोदी सरकार की गाइडलाइन का पालन किया तो देश कोरोना संकट से पूरी तरह बाहर निकल सकता है ।