समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कागज पर बनी सियासी रणनीति से उत्तर प्रदेश में लहर चलने के दावे कर रहे हैं। लेकिन उनके निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी के करहल में केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल से मिल रही कड़ी टक्कर से उनकी चिंता बढ़ गई है। अखिलेश ने अपनी चुनावी नैया पार लगाने के लिए चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्ग पिता मुलायम सिंह यादव को चुनाव प्रचार में उतार दिया। गुरुवार (17 फरवरी, 2022) को करहल में जब मुलायम सिंह यादव मंच से सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी वह सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव का नाम भूल गए। स्टेज पर मौजूद लोगों ने उन्हें अखिलेश का नाम याद दिलाया। इससे कुछ क्षण के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई।
मुलायम के कान में कहा- वोट मांगिए
दरअसल, लंबे समय बाद चुनावी सभा में आए मुलायम यादव की आवाज में उम्र का असर दिख रहा था। उनकी आवाज लड़खड़ा रही थी। जनता को आभार जताते हुए मुलायम सिंह यादव अपने भाषण को खत्म करने की ओर बढ़ने लगे तो पास में ही खड़े सांसद धर्मेंद्र यादव ने एक पर्ची पकड़ाते हुए उनके कान में कहा- वोट मांगिए। यह सुनकर खुद मुलायम सिंह यादव और आसपास खड़े सभी लोग हंसने लगे। इतना ही नहीं, मुलायम सिंह यादव एक पल के लिए करहल के प्रत्याशी और अपने बेटे अखिलेश का नाम भी भूल गए और कहा कि जो भी यहां उम्मीदवार हैं, उन्हें जीता देना।
मैनपुरी रैली में मुलायम यादव भूले बेटे अखिलेश का नाम? कहा ‘उम्मीदवार को भारी मतों से जितायें’…. जब नजदीक में खड़े सांसद धर्मेंद्र यादव ने दिलाई याद, तो चेहरे पर मुस्कान खिल उठी (VIDEO) pic.twitter.com/BNISwtpdrs
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) February 17, 2022
गढ़ में प्रचार के लिए मुलायम को उतारने से उठे सवाल
मैनपुरी मुलायम सिंह का गढ़ रहा है और उनकी पार्टी को यहां की जनता ने हमेशा समर्थन दिया है। करहल से अखिलेश इसीलिए उतरे भी हैं। हालांकि, अंतिम क्षण में मुलायम को उतारने से सवाल उठा रहे हैं कि कहीं अपने ही गढ़ में अखिलेश की हालत कुछ गंभीर तो नहीं हो रही है? प्रदेश में अगर अखिलेश की लहर चल रही है, तो बुजुर्ग पिता को चुनाव प्रचार के लिए क्यों उतारना पड़ा ?
गढ़ में बघेल से मिल रही चुनौती से डरे अखिलेश
करहल में अखिलेश को चुनौती दे रहे केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल ने अखिलेश यादव पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, ‘सपा अध्यक्ष चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं तो वे अपने पिता को लेकर आए। उन्होंने हार कबूल ली है। स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद करहल में चुनाव प्रचार के लिए मुलायम को लाया गया। रामगोपाल यादव, अक्षय यादव, धर्मेंद्र यादव को लाया गया है। ये अपना पूरा कुनबा चुनाव जीतने में लगा रहे हैं। 10 मार्च को भाजपा सरकार बन रही है’।
बुजुर्ग पिता की सेवा की जगह चुनाव प्रचार कराया
उधर सोशल मीडिया पर भी लोग चुनाव प्रचार में अपने बुजुर्ग पिता को उतारने को लेकर अखिलेश यादव की जमकर क्लास लगा रहे हैं। लोग अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच पांच साल पहले हुए विवाद की याद दिलाते हुए सवाल कर रहे हैं कि क्या मुलायम सिंह ने अपनी सार्वजनिक बेइज्जती का बदला लिया है ? लोगों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव पर धोखा देने का आरोप लगाया था। इसलिए वो आज तक सदमे से बाहर नहीं आ पाये हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि बुजुर्ग पिता की सेवा करने की जरूरत है और अखिलेश चुनाव प्रचार करवा रहे हैं। वहीं अखिलश यादव को हार का डर सता रहा है, इसलिए एसपी सिंह बघेल पर हमला करवाया था।
5 साल पहले अखिलेश ने ऐसे सार्वजानिक बेइज्जती की थी। pic.twitter.com/g2wTNCIjIl
— Nitish Mishra?? (@nitishnmishra) February 17, 2022
अखिलेश यादव को सताने लगा हार का डर, करहल में उनके गुंडों ने की एसपी सिंह बघेल के काफिले पर लाठी-डंडे से हमला#Karhal #UPElections2022 #SPSinghBaghel pic.twitter.com/6A1GzRBacf
— गुलशन गिरी (@GulshanGiri_) February 15, 2022