कोरोना वायरस के खिलाफ जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है। देश में पिछले कई महीनों से कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए जारी प्रयास के सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं। कोरोना की पहली वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के संबंध में हरियाणा के रोहतक से अच्छी खबर आई। वहां पीजीआई में वॉलंटिअर्स के पहले ग्रुप को कोवैक्सीन की पहली डोज दी गई। हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज के मुताबिक, तीनों कैंडिडेट्स के शरीर ने वैक्सीन को आसानी से स्वीकार कर लिया। उनपर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।
Human trial with Corona vaccine (COVAXIN) of Bharat Biotech started at PGI Rohtak today. Three subjects were enrolled today. All have tolerated the vaccine very well. There were no adverse efforts.
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) July 17, 2020
दो चरणों में होगा ह्यूमन ट्रायल
ह्यूमन ट्रायल के तहत 18 से 55 साल की उम्र वाले स्वस्थ लोगों को यह वैक्सीन दो डोज में दी जानी है। फेज 1 ट्रायल में दूसरी डोज 14वें दिन पर दी जाएगी। कुल 1,125 वॉलंटिअर्स पर स्टडी होनी है जिसमें से 375 पहले फेज में शामिल होंगे और 750 दूसरे फेज में। टेस्ट के बीच में 4:1 का रेशियो होगा। यानि अगर 4 मरीज को वैक्सीन दी जाएगी तो एक को सिर्फ देने का नाटक किया जाएगा। इसे साइकॉलजी में placebo कहते हैं।
14 रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में हो रहा है ट्रायल
इस वैक्सीन का ट्रायल देश में अलग-अलग शहरों के 14 रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में किया जा रहा है। इन शहरों में नई दिल्ली, रोहतक, हैदराबाद, विशाखापट्नम, पटना, कानपुर, गोरखपुर, भुवनेश्वर, चेन्नई और गोवा शामिल हैं। पटना एम्स में चार दिन पहले ट्रायल शुरू हो चुका है। शुरुआती डोज कम रहेगी। ट्रायल में यह देखा जाएगा कि वैक्सीन देने से किसी तरह का खतरा तो नहीं है, उसके साइड इफेक्ट्स क्या हैं। कोविड-19 के अलावा लिवर और फेफड़ों पर कैसा असर हो रहा है, यह भी जांच की जाएगी। इसीलिए पहले फेज को ‘सेफ्टी एंड स्क्रीनिंग’ कहा गया है।
ICMR की निगरानी में ह्यूमन ट्रायल
ICMR ने उन्हीं इंस्टीट्यूट्स को चुना है जहां पर क्लिनिकल फार्माकॉलजी विंग है और ह्यूमन ट्रायल में एक्सपीरिएंस वाले हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स हैं। ट्रायल में जल्दबाजी नहीं की जा सकती क्योंकि इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वैक्सीन इंसानों पर इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है। ट्रायल की सारी डिटेल्स ICMR को भेजी जाएंगी। वहीं पर डेटा को एनलाइज किया जा रहा है।
वैक्सीन आने में लगेंगे 15 महीने
