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अमेरिकी मीडिया में भी पीएम मोदी की जय-जय, वॉशिंगटन पोस्ट से न्यूयॉर्क टाइम्स तक देखिए किसने क्या कहा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अमेरिका के स्टेट विजिट पर गए हैं यानि वे राजकीय अतिथि बनकर गए हैं। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को दूसरी बार संबोधित किया है। अमेरिकी कांग्रेस को प्रधानमंत्री के रूप में दो बार संबोधित करने वाले पीएम मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की चर्चा दुनिया भर के मीडिया में हो रही है। अमेरिकी मीडिया में भी इस दौरे को ख़ासा तवज्जो मिली है। अमेरिकी मीडिया में पीएम मोदी के दौरे की जबरदस्त कवरेज हो रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट, सीएनएन और वॉयस ऑफ अमेरिका जैसे प्रमुख मीडिया संस्थानों ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर काफी विस्तार से कई लेख लिखे हैं। इसमें भारत अमेरिका संबंध और चीन पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ ही पीएम मोदी की तारीफ की गई है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने की पीएम मोदी के दौरे की तारीफ
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि बाइडन पीएम मोदी का भव्य स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि वे भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। इस लेख में भी भारत अमेरिका संबंध और चीन से बढ़ते खतरों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें हिंद महासागर समेत कई क्षेत्रों में भारत-अमेरिका के भागीदारी को लेकर बताया गया है। एक दूसरे आर्टिकल में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की तटस्थता को लेकर फायदे के बारे में बताया गया है। इसमें रूस से भारत के तेल आयात अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई है।

बाइडन ने मोदी के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ीः न्यूयॉर्क टाइम्स
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मोदी के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। बाइडन चाहते हैं कि रूस और चीन के साथ जब अमेरिका की तनातनी चल रही है, ऐसे में भारत उसके साथ रहे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक लेख में लिखा है कि भारत अब भी शीत युद्ध के समय से ही ख़ुद को गुटनिरपेक्ष रखने की कोशिश कर रहा है। भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अब तक निंदा नहीं की है। दूसरी तरफ़ भारत का चीन के साथ सरहद पर तनातनी है लेकिन अभी स्पष्ट नहीं है कि भारत चीन के मामले में भी अमेरिकी के पक्ष का समर्थन करेगा या नहीं।

भारत में धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार और लोकतंत्र को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि भारत के डीएनए में लोकतंत्र है और धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है।

पीएम मोदी का अमेरिका दौरा चीन के लिए बड़ा संदेशः वॉशिंगटन पोस्ट
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि पीएम मोदी का अमेरिका दौरा चीन के लिए एक बड़ा लेकिन गुप्त संदेश है। पीएम मोदी का अमेरिका दौरे में बीजिंग के विस्तार को रोकना एक अहम मुद्दा है। पोस्ट ने लिखा कि पिछले कुछ साल में अमेरिका और भारत के संयुक्त बयानों में उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की निंदा की गई है, तालिबान से मानवाधिकारों का सम्मान करने को कहा गया है और म्यांमार में हिंसा को समाप्त करने जैसी अपील की गई है, लेकिन कभी भी भारत के प्राथमिक प्रतिद्वंदी चीन का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन अमेरिका की नीति अब बदल रही है। पीएम मोदी की यात्रा की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शी जिनपिंग को तानाशाह करार दिया। यह दिखाता है कि चीन को लेकर अमेरिका की नीति बदल रही है।

बाइडन शासन ने केवल तीन देशों राष्ट्र प्रमुखों को स्टेट विजिट पर आमंत्रित किया
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि बाइडन के शासन में दुनिया के केवल तीन देशों के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को स्टेट विजिट पर बुलाया गया। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल को बाइडन ने स्टेट विजिट पर आमंत्रित किया था। मोदी स्टेट विजिट पर आने वाले तीसरे मेहमान बने। मोदी ने इससे पहले 2016 में भी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था।

पीएम मोदी के संबोधन के दौरान अमेरिकी सांसदों ने खडे़ होकर तालिया बजाईं
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि मोदी जब गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे तब अमेरिकी सांसदों ने कई बार खडे़ होकर तालिया बजाईं। वहीं विजिटर गैलरी से मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे। व्हाइट हाउस के बाहर भी बड़ी संख्या में मोदी के स्वागत में उनके प्रशंसक खड़े थे। बाइडन ने कहा कि दो महान देश, दो मज़बूत दोस्त और दो ताक़तवर देश 21वीं सदी की दिशा तय करेंगे। दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौते भी हुए, जिसके तहत भारत में अमेरिका जेट इंजन का उत्पादन करेगा। इसके अलावा अमेरिका बेंगलुरु और अहमदाबाद में नया वाणिज्यिक दूतावास खोलेगा।

सीएनएन ने लिखा- बाइडन ने मोदी के लिए रेड कॉर्पेट बिछाया
अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन ने भी मोदी के दौरे का व्यापक रूप से करवेज किया है। सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि बाइडन ने मोदी के लिए रेड कॉर्पेट बिछाया है। इसमें राजकीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी का व्हाइट हाउस में स्वागत करना अमेरिकी कूटनीति का सबसे अच्छा उदाहरण बताया गया है। लेख में बताया गया है कि पश्चिमी देशों को भारत को लेकर कई आपत्तियां हैं। इसके बावजूद सभी देश भारत के साथ नजदीकी संबंध स्थापित करना चाहते हैं। इसका प्रमुख कारण दुनिया में भारत की बढ़ती साख है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के अलावा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी है। बाइडन के विचार से जलवायु परिवर्तन से लेकर प्रौद्योगिकी में प्रगति तक किसी भी बड़ी वैश्विक चुनौती को भारत की भागीदारी के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के दौर में उन्हें भारत से बहुत उम्मीदें भी है।

मोदी के स्वागत में बाइडन ने कोई कसर नहीं छोड़ीः वॉयस ऑफ अमेरिका
अमेरिकी मीडिया संस्थान वॉयस ऑफ अमेरिका ने भी पीएम मोदी के दौरे को प्रमुखता से कवर किया है। इसने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि मोदी के स्वागत में बाइडन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। दो वजहों से बाइडन ने मोदी के लिए इतनी गर्मजोशी दिखाई। अमेरिका चाहता है कि चीन को रोकने लिए भारत का मज़बूत होना ज़रूरी है और भारत की निर्भरता रूसी हथियारों से ख़त्म हो। भारत एकमात्र देश है जो पिछले दशक में चीन के साथ खुलेआम भिड़ा। दोनों देशों की 3400 किलोमीटर की सरहद है और दोनों देश सीमा पर सैन्य गतिविधियां मज़बूत कर रहे हैं। अमेरिका भारत की सेना के आधुनिकीकरण का समर्थन कर रहा है। भारत चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर निगरानी चौकस करने के लिए अमेरिका से तीन अरब डॉलर का हथियारबंद ड्रोन ख़रीद रहा है। इसके अलावा अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक भारत की सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स के साथ मिलकर फाइटर जेट का इंजन बनाएगी।

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