Home गुजरात विशेष Exit Polls: मोदी लहर कायम, गुजरात में फिर बीजेपी सरकार

Exit Polls: मोदी लहर कायम, गुजरात में फिर बीजेपी सरकार

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गुजरात में मोदी लहर कायम है। गुजरात चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के अनुसार राज्य में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनते हुए दिख रही है। हिंदी और अंग्रेजी के तमाम न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में फिर से कमल खिलता दिख रहा है।

सबसे भरोसेमंद एग्जिट पोल माने जाने वाले न्यूज 24 – चाणक्या के अनुसार गुजरात में बीजेपी को 135, कांग्रेस को 47 और निर्दलीय को शून्य सीटें मिलने की संभावना है।

वहीं अंग्रेजी न्यूज चैनल सीएनएन-नेटवर्क18 के मुताबिक राज्य में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। चैनल के एग्जिट पोल के मुताबिक 182 सदस्यों वाले गुजरात विधानसभा में बीजेपी 115 से 125 सीटें जीत सकती है, जबकि कांग्रेस को 57 से 61 सीटें मिल सकती हैं। अन्य को 6 सीटें मिल सकती हैं।

सीएनएन-नेटवर्क18 एग्जिट पोल
बीजेपी 115-125
कांग्रेस 57-61
अन्य 06

अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ के अनुसार भी गुजरात में बीजेपी की सरकार बनेगी। चैनल के एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी 109 से 115 सीटें जीत सकती हैं जबकि कांग्रेस को 61 से 70 सीटें मिल सकती हैं। अन्य को 3 से 6 सीटें मिलने की उम्मीद है।

इसी तरह रिपब्लिक चैनल के मुताबिक भी गुजरात में फिर से बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। रिपब्लिक के एग्जिट पोल के मुताबिक 182 सदस्यों वाले गुजरात विधानसभा में बीजेपी 108 सीटें, जबकि कांग्रेस को 74 सीटें मिल सकती हैं।

रिपब्लिक चैनल एग्जिट पोल
बीजेपी 108
कांग्रेस 74

 

हिंदी न्यूज चैनल सहारा समय के अनुसार गुजरात में बीजेपी को 110 से 120 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को 65 से 75 सीटें मिलेंगी।

इसी तरह इंडिया टुडे-एक्सिस के एग्जिट पोल के अनुसार 99 से 113 सीटों पर बीजेपी और 68 से 82 सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज कर सकती है।

एबीपी न्यूज-सीएसडीएस के एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी 117 सीटों पर और कांग्रेस 64 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।

जबकि अंग्रेजी न्यूज चैनल न्यूज एक्स के मुताबिक गुजरात में बीजेपी 115 सीटें जीत सकती है, जबकि कांग्रेस को 65 सीटें मिल सकती हैं।


यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को देश भर में मिल रहे जबरदस्त समर्थन को भी दिखाता है। भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ चलाए गए नोटबंदी अभियान के बाद हुए तमाम चुनावों में बीजेपी को भारी कामयाबी मिली है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में ही नहीं देशभर में कई जगहों पर हुए स्थानीय चुनावों में भी बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

यूपी नगर निकाय चुनाव, 2017: बीजेपी का बंपर प्रदर्शन
बीजेपी ने नवंबर, 2017 में संपन्न हुए यूपी नगर निकाय चुनाव में राज्य के 16 नगर निगमों में से 14 पर बीजेपी के मेयर उम्मीदवारों ने भारी मतों के साथ जीत दर्ज की। सिर्फ नगर निगमों में ही नहीं नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए हुए चुनावों में भी बीजेपी ने बहुत अच्छी सफलता दर्ज की।

5 विधानसभा चुनावों में से 4 में बनी बीजेपी की सरकार
फरवरी-मार्च, 2017 में हुए पांच राज्य विधानसभा चुनावों में से चार राज्यों में बीजेपी ने भारी जीत दर्ज कर सरकार बनाई है। इन राज्यों में यूपी,उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को सबसे बड़ी सफलता उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मिली।

उत्तर प्रदेश वि.स. में मिली ऐतिहासिक जीत
यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 403 विधानसभा सीटों में से 312 सीटों पर भारी अंतर से जीत दर्ज कर अभूतपूर्व सफलता हासिल की। पार्टी की कामयाबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तत्कालीन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी सिर्फ 47 सीटें जीत कर दूसरे स्थान पर रही और बीएसपी मात्र 19 सीटें ही जीत सकी। सबसे बड़ी हार तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की हुई, जो सत्ताधारी दल से गठबंधन करने के बावजूद भी केवल 7 सीटें ही जीत सकी।

उत्तराखंड में फिर से खिला ‘कमल’
पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने उत्तराखंड में भी बहुत बड़ा उलटफेर कर दिया। उत्तराखंड की 70 सीटों में से 57 सीटों पर सफलता हासिल करके बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया। उत्तराखंड में हुए प्राकृतिक हादसे के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से केदारनाथ घाटी के पुर्निमाण के लिए बढ़ाए गए हाथ को तत्कालीन कांग्रेसी सरकार ने ठुकरा दिया था। लेकिन, वहां के मतदाताओं ने अपने वोट से इसका हिसाब करके बता दिया कि उन्हें विकास करने वाली सरकार चाहिए, विनाश करने वाली नहीं।

गोवा में फिर से बीजेपी की सरकार
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का ही कमाल है कि गोवा में बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के बाद अपनी सत्ता बरकरार रखी। आज वहां मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी सरकार विकास के नए-नए रिकॉर्ड कायम कर रही है।

मणिपुर में भी खिला ‘कमल’
उत्तर-पूर्व से प्रधानमंत्री मोदी का लगाव जग-जाहिर है। उत्तर-पूर्व के विकास के लिए वो ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत काम कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि विधानसभा में वहां की जनता ने बीजेपी पर भरोसा किया और आज वहां पार्टी की अगुवाई में सरकार बेहतर तरीके से विकास का काम कर रही है।

महाराष्ट्र पंचायत चुनाव में 50% सीटों पर बीजेपी का कब्जा
विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तरी महाराष्ट्र और पश्चिमी महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनाव चुनाव में बीजेपी ने लगभग 50% सीटों पर कब्जा जमा लिया है। महाराष्ट्र में 7 अक्टूबर को हुए 3,884 ग्राम पंचायत चुनावों में से 2,974 पंचायत के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए जिसमें बीजेपी को 1457 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस को 301 सीटें मिली हैं जबकि 222 सीटों पर शिव सेना ने कब्जा किया है। एनसीपी के खाते में 194 सीटें गई हैं।

मीरा-भायंदर महानगर पालिका चुनाव में बीजेपी का कब्जा
पंचायत चुनाव से पहले मीरा-भायंदर महानगर पालिका के चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना और कांग्रेस को बहुत पीछे छोड़ दिया। चुनाव में बीजेपी 61 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। चुनाव परिणाम में बीजेपी को 61, शिवसेना को 22, कांग्रेस को 10 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिली है वहीं एनसीपी अपना खाता भी नहीं खोल पाई है।

केएएसी चुनाव में भी भाजपा को भारी बहुमत
कार्बी आंग्लांग स्वायत्तशासी परिषद (केएएसी) चुनाव में भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से चुनाव जीतने में कामयाब रही। भाजपा को 26 सीटों में से 24 सीटों पर सफलता मिली। बाकी दो सीटों पर भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले आर टकबी और डी उफिंग मासलाई को जीत मिली है। इस चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका है। असम के पहाड़ी जिले कार्बी आंग्लांग के केएएसी चुनाव में कांग्रेस के साथ अगप और स्थानीय पार्टी एचएसडीसी का भी खाता तक नहीं खुल पाया। 30 सीटों वाले केएएसी में चार सदस्यों को राज्यपाल मनोनीत करते हैं। 

एमसीडी में प्रचंड जीत

दिल्ली नगर निगम चुनाव (एमसीडी) में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली। बीजेपी को तीनों एमसीडी में बहुमत हासिल हुआ। दिल्ली नगर निगम की 270 सीटों में से बीजेपी को 184, आम आदमी पार्टी को 45, कांग्रेस को 30 और अन्य को 11 सीटों पर जीत मिली। चुनाव में कांग्रेस के 92 और आम आदमी पार्टी के 40 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 

हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधान परिषद चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राज्य विधानपरिषद के चुनाव परिणाम के अनुसार 34 सीटों वाले जम्मू-कश्मीर के उच्च सदन में बीजेपी 11 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनावों में और चंडीगढ़ में हुए नगर निगम चुनाव में भी बीजेपी को पहले से काफी ज्यादा सीटें मिलीं। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान के उप चुनावों में भी पार्टी ने बाजी मारी।

महाराष्ट्र में महानगरपालिकाओं और जिला परिषदों के लिए हुए चुनावों में बीजेपी ने भारी जीत दर्ज की। बीएमसी की 227 सीटों में बीजेपी को 82 सीटें मिली। पुणे में बीजेपी को 74, नागपुर में 70, नासिक में 33, पिंपरी चिंचवाड़ में 70, इसी तरह उल्हासनगर में 34, सोलापुर में 49, अकोला में बीजेपी को 48 और अमरावती मे 45 सीटें मिली। 1514 जिला परिषद चुनाव में बीजेपी को 403, शिवसेना को 269, कांग्रेस को 300, एनसीपी को 344 सीटें मिली।

महाराष्ट्र की चंद्रपुर और लातूर महानगरपालिका चुनावों में बीजेपी को भारी सफलता मिली। लातूर में पिछली बार बीजेपी को एक भी सीट नही मिली थी। इस बार 41 सीटों पर कामयाबी मिली। आजादी के बाद पहली बार यहां कांग्रेस को करारी हार मिली।

कांग्रेस का सफाया

लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार खराब चल रहा है। विधानसभा चुनाव के साथ महाराष्ट्र नगर निगम और जिला परिषद चुनाव में भी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। जो पार्टी कभी पहले पायदान पर रहती थी, अब तीसरे और चौथे स्थान के लिए संघर्ष करती दिख रही है। पार्टी का कई इलाकों में सफाया हो गया है।

ओडिशा में भी जय-जयकार
ओडिशा में स्थानीय निकायों के चुनाव में भी बीजेपी ने परचम लहरा दिया। कोई खास जनाधार नहीं होने के बाद भी बीजेपी को यहां 270 सीटों का फायदा हुआ है। बीजेपी को यहां 2012 में 36 सीटें मिली थीं जो अब बढ़कर 306 हो गई हैं। बीजेपी यहां सत्ताधारी बीजू जनता दल के बाद दूसरे नंबर पर आई है। बीजेपी ने कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल दिया है।

चंडीगढ़ में बल्ले-बल्ले

नोटबंदी के बाद 18 दिसंबर को चंडीगढ़ नगर निकाय के चुनाव हुए। यहां भाजपा को जबर्दस्त बहुमत मिला। इस चुनाव में 26 में से 20 सीट भाजपा की झोली में गई जबकि सहयोगी पार्टी शिरोमणी अकाली दल को एक सीट मिला। कांग्रेस पार्टी का तो सूपड़ा ही साफ हो गया। वह मात्र 4 सीट पर सिमट गई। भाजपा का वोटिंग शेयर यहां 56 फीसदी हो गया है। चंडीगढ़ निकाय चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं की जमानत जब्त हो गई।

महाराष्ट्र निकाय चुनाव में बीजेपी अव्वल

महाराष्ट्र में पहली बार म्यूनिसिपल काउंसिल के अध्यक्ष पद के लिए डायरेक्ट चुनाव हुए। इसमें बीजेपी ने 51 सीटें जीतीं जो कि कांग्रेस, एनसीपी या शिवसेना से दोगुनी है। शिवसेना को 25 और कांग्रेस को महज 23 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। यानी 2011 में जो पार्टी चौथे नंबर पर थी, वो नोटबंदी के फैसले के बाद 2016 में पहले नंबर पर आ गई, वो भी ग्रामीण इलाके में।

गुजरात में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत

गुजरात में हुए स्थानीय चुनावों में तो बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ कर दिया। यहां के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस से 35 सीटें छीन लीं। 126 में से 109 सीटें जीती। वापी नगरपालिका, राजकोट, सूरत-कनकपुर-कंसाड में जो चुनाव हुए, उसमें बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

उपचुनाव में भी जीत

प्रधानमंत्री मोदी के जलवे के चलते पंजाब और गोवा के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में भी जोरदार झटका लगा। दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर कांग्रेस दूसरे और आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही है और उसकी जमानत तक जब्त हो गई। 

नोटबंदी के बाद पहली बार 19 नवंबर को देशभर के विभिन्न राज्यों में 10 विधानसभा और चार लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए। भाजपा असम, अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश की सभी उपचुनाव जीतने में सफल रही।

असम- नोटबंदी के बाद लखीमपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए। यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रधान बरुआ को जीत मिली। बैथालांगसो विधानसभा सीट पर भाजपा के ही मानसिंह रोंगपी ने जीत हासिल की।

मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट और नेपानगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। शहडोल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह और नेपानगर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मंजू दादू ने जीत दर्ज की।

अरुणाचल प्रदेश- नोटबंदी के बाद अरुणाचल प्रदेश में भी भाजपा की लहर देखने को मिली। भाजपा प्रत्याशी देसिंगू पुल को हायूलियांग विधानसभा सीट से जीत मिली।

त्रिपुरा- यहां उपचुनाव के बाद भाजपा का वोट शेयर 1% से बढ़कर पूरे 21% तक पहुंच गया है। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 41% से घट कर मात्र 2% हो गया है।

पश्चिम बंगाल- नोटबंदी के बाद पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और तामलुक लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए। कूचबिहार लोकसभा सीट पर भाजपा का वोट शेयर 16.4 से बढ़कर 28.5 फीसदी हो गया। वहीं तामलुक लोकसभा सीट पर भाजपा का वोट शेयर 6.4 से बढ़कर 15.25 फीसदी तक पहुंच गया। दोनों लोकसभा सीट पर भाजपा तृणमूल कांग्रेस के सामने खतरा बनकर उभरी है।

नोटबंदी के फैसले के बाद ज्यादातर नतीजे बीजेपी के पक्ष में गए हैं। सारे परिणाम उत्साहवर्धक रहे हैं। ये सारे परिणाम पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले पर जनता की सहमति का मुहर है।

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